संतों की हत्या जघन्य अपराध है – पुरी शंकराचार्य

भुवन वर्मा, बिलासपुर 21 अप्रैल 2020
जगन्नाथपुरी — पूर्वाम्नाय गोवर्धनमठ पुरीपीठाधीश्वर अनन्तश्री विभूषित श्रीमज्जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज ने प्राप्त परिप्रेक्ष्य में प्रेरक सन्देश देते हुये कहा कि मानवोचित शील और स्नेह का परित्याग कर मान्य सन्तों की हत्या जघन्य अपराध है। इस सन्दर्भ में यह विचार करने की आवश्यकता है कि विभाजन के बाद के भारतकी स्वस्थ संरचना के स्वरूप का निर्धारण ना होने के कारण मानवोचित शील तथा स्नेह से सुदूर व्यक्ति तथा तन्त्र का विघातक होना स्वाभाविक है। मानवोचित शील तथा स्नेह के पक्षधर महानुभावोंका प्राप्त परिस्थिति में यह दायित्व है कि वे निष्कपट भाव से विवेकपूर्वक दूरदर्शिता का परिचय देते हुये स्वयं को मानवता के लिये अभिशापभूत अराजक व्यक्ति तथा तन्त्र से विमुख कर आर्योचित सनातन सत्पथ के अनुगामी बनकर स्वहित तथा परहित का मार्ग प्रशस्त करें। सत्तालोलुपता तथा अदूरदर्शिता को राजनीति का आधार बनाकर लोकतन्त्र के नाम पर उन्मादतन्त्र ; तद्वत् प्रजातन्त्र के नाम पर प्राणापहारक तन्त्र को प्रश्रय देना सर्वथा अनुचित है।
अरविन्द तिवारी की रपट
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