इलाज के दौरान मरीज की मौत, परिजनों ने लापरवाही का लगाया आरोप, कहा – हाई कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज करने के बाद भी पुलिस नहीं कर रही कार्रवाई

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बिलासपुर। शहर के प्रतिष्ठित व्यवसायी परमजीत सिंह छाबड़ा के पुत्र गोल्डी उर्फ गुरवीन सिंह छाबड़ा की अपोलो अस्पताल में इलाज के दौरान वर्ष 2016 में मौत हो गई थी. परमजीत सिंह ने पुलिस पर हाई कोर्ट के आदेश पर एफआईआर दर्ज करने के बाद भी कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया है. परमजीत सिंह छाबड़ा ने बताया कि गोल्डी के ईलाज के दौरान अपोलो अस्पताल के डॉ. देवेन्द्र सिंह, डॉ. राजीव लोचन भांजा, डॉ. सुनील कुमार केडिया और डॉ. मनोज राय द्वारा गंभीर लापरवाही बरती गई, जिससे उसकी मौत हो गई. अस्पताल प्रबंधन और जिम्मेदार डॉक्टरों के खिलाफ उच्च न्यायालय के हस्ताक्षेप के बाद सरकण्डा पुलिस थाना में एफआईआर दर्ज किया गया. लेकिन मामले में पुलिस की जांच कछुए की चाल से चल रहा है. आज तक पुलिस ने लापरवाह डॉक्टरों की गिरफ्तारी नहीं की गई है. मृतक गोल्डी छाबड़ा के परिजनों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन और डॉ. देवेन्द्र सिंह, डॉ. राजीव लोचन भांजा, डॉ. सुनील कुमार केडिया, डॉ. मनोज राय को चिकित्सकीय ईलाज के लिए दिए गए लाइसेंस को तत्काल प्रभाव से निरस्त करते हुए दोषियों पर कठोर विधिक कार्रवाई की मांग की गई है, जिससे फिर किसी गोल्डी छाबड़ा को चिकित्सकीय लापरवाही से अपने प्राणों की आहूति ना देनी पड़े.

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