मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना शुभारंभ आज : डा नलिनी एस एन मंढरिया ने अपने पांच एकड़ रकबे में लगाए टिशु कल्चर सागौन के पौधे
मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना शुभारंभ आज : डा नलिनी एस एन मंढरिया ने अपने पांच एकड़ रकबे में लगाए टिशु कल्चर सागौन के पौधे
भुवन वर्मा बिलासपुर 23 मार्च 2022
रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर आज ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का वर्चुअल शुभारंभ किया गया। रायपुर के सरोना में जिला स्तरीय कार्यक्रम में विभिन्न जनप्रतिनिधि, कलेक्टर डा. सर्वेश्वर भुरे और डीएफओ वी कुमार ने योजना से लाभान्वित हितग्राही डा. मंढरिया की भूमि पर टिशू कल्चर सागौन की प्रजाति के पौधों का रोपण किया। इस योजना के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के छोटे किसानों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी भूमि रखने वाले हितग्राहियों में बड़ा उत्साह है। आज के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सरोना में डा. नलिनी मंढरिया की 5 एकड़ भूमि पर टिशु कल्चर सागौन के 1 हजार 250 पौधे रोपे गये। हितग्राही दंपत्ति डा मंढरिया ने परिवार सहित कार्यक्रम में उपस्थित रहकर वीडियो काफ्रेसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री श्री बघेल से बात भी की और इस महत्वाकांक्षी योजना को शुरू करने के लिए आभार भी जताया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस अवसर पर सभी प्रदेशवासियों को मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना की शुरूआत के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा की छत्तीसगढ़ के जंगल और जैवविविधता हमारी पहचान है। हमारा पर्यावरण और वन बचा रहे इस दिशा में हमारी सरकार द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैदानी क्षेत्रों के लोगो को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़े जाने के लिए प्रयास करने की आवश्यता है। उन्होंने वन विभाग के अधिकारियों को मैदानी स्तर पर योजना के सभी लाभ हितग्राहियों को बताते हुए प्रोत्साहित करने कहा। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इस योजना से लाभान्वित हो सके। वन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ वृक्षों के दृष्टिकोण से संपन्न राज्य है। इसके साथ ही राज्य सरकार द्वारा इस योजना के माध्यम से अगले 5 सालों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में योजना का क्रियान्वयन किया जाना है। जिसका लाभ प्रदेशवासियों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री से बात करते हुए हितग्राही डा नलिनी एस एन मंढरिया ने कहा कि बिना वर्ग भेद किए इस योजना से छोटे-बडे़, ग्रामीण-शहरी सभी लोग लाभान्वित होंगे।
इस योजना का बड़ा आर्थिक लाभ तो लोगों को मिलेगा ही इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण के लिए भी यह एक बड़ी योजना साबित होगी। डा मंढरिया ने कहा कि अब इमारती लकड़ियों के पेड़ों या औषधी पौधों की उपलब्धता जंगलों तक सीमित नहीं होकर किसानों और भू-मालिकों के खेतों तक भी होगी। व्यावसायिक और वाणिज्यिक रूप से लकड़ी की खेती से निश्चित ही लोगों को उनकी लागत का बड़ा लाभ मिलेगा और उनकी माली स्थिति ठीक होगी। इस योजना से लकड़ियों विशेष कर इमारती टिम्बर के लिए जंगलों पर दबाव कम होगा। डा मंढरिया ने ऐसी दूरदर्शी और पर्यावरण हितैषी सर्व हितकारी योजना के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल का आभार भी व्यक्त किया। डा मंढरिया ने इस योजना को वनोपज उत्पादन और वन वासियों के लिए भी उपयोगी बताया।