शंकराचार्यों की अवहेलना कर सरकार ने की श्रीराम मंदिर ट्रस्ट गठित
भुवन वर्मा, बिलासपुर 06 फरवरी 2020
नई दिल्ली — भारत सरकार ने उत्तरप्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिये ट्रस्ट ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ की स्थापना से संबंधित गजट अधिसूचना जारी कर दी है। जिसके अनुसार ‘श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ नाम से ट्रस्ट को R-20, ग्रेटर कैलाश पार्ट-1, नई दिल्ली, 110048 में पंजीकृत कार्यालय के तौर पर पंजीकृत किया गया है। गौरतलब है कि आज ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोकसभा में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी देने की घोषणा की थी। श्रीराम मंदिर ट्रस्ट में 15 सदस्य होंगे जिनमें 09 स्थायी और 06 नामित सदस्य होंगे। के० परासरन इसके अध्यक्ष होंगे। आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में ‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’ के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। यह ट्रस्ट अयोध्या में भगवान राम के मंदिर के निर्माण और उससे संबंधित विषयों पर निर्णय के लिये पूर्ण रूप से स्वतंत्र होंगे। पहले चारों शंकराचार्यों को ट्रस्ट में शामिल करने की चर्चा जोरों पर थी लेकिन ऐन वक्त पर सरकार ने सबको दरकिनार कर उनकी अवहेलना करते हुये ट्रस्ट के 15 सदस्यों की सूची जारी कर दी।
ट्रस्ट में शामिल 15 सदस्य
01.– के. परासरण — ये सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हैं। परासरण ने अयोध्या मामले में नौ सालों तक हिंदू पक्ष की पैरवी की थी। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी सरकार में अटॉर्नी जनरल रहे। पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित हो चुके हैं।
- — जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वतीजी महाराज (प्रयागराज) — ये बद्रीनाथ स्थित ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य हैं। हालांकि इनके शंकराचार्य बनाये जाने पर विवाद भी रह चुका है। ज्योतिष मठ की शंकराचार्य की पदवी को लेकर हाईकोर्ट में केस दाखिल किया गया था।
- — जगतगुरु मध्वाचार्य स्वामी विश्व प्रसन्नतीर्थ जी महाराज — यह कर्नाटक के उडुपी स्थित पेजावर मठ के 33वें पीठाधीश्वर हैं। इन्होंने दिसंबर 2019 में पेजावर मठ के पीठाधीश्वर स्वामी विश्वेशतीर्थ के निधन के बाद पदवी संभाली।
- — युगपुरुष परमानंद जी महाराज — ये अखंड आश्रम हरिद्वार के प्रमुख हैं। वेदांत पर इनकी 150 से ज्यादा किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं। इन्होंने साल 2000 में संयुक्त राष्ट्र में आध्यात्मिक नेताओं के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया था।
- — स्वामी गोविंददेव गिरि जी महाराज — इनका महाराष्ट्र के अहमद नगर में 1950 में जन्म हुआ। ये रामायण, श्रीमद्भगवद्गीता, महाभारत और अन्य पौराणिक ग्रंथों का देश-विदेश में प्रवचन करते हैं। स्वामी गोविंद देव महाराष्ट्र के विख्यात आध्यात्मिक गुरु पांडुरंग शास्त्री अठावले के शिष्य हैं।
- — विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा — ये अयोध्या राजपरिवार के वंशज हैं। रामायण मेला संरक्षक समिति के सदस्य और समाजसेवी के रूप में कार्य करते हैं। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार मिली। इसके बाद इन्होंने राजनीति से सन्यास ले लिया।
- — डॉ. अनिल मिश्र, होम्पयोपैथिक डॉक्टर — ये मूलरूप से अंबेडकरनगर निवासी हैं जो अयोध्या के प्रसिद्ध होम्योपैथी डॉक्टर हैं। वे होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड के रजिस्ट्रार हैं। मिश्रा ने 1992 में राम मंदिर आंदोलन में पूर्व सांसद विनय कटियार के साथ महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। वर्तमान में संघ के अवध प्रांत के प्रांत कार्यवाह भी हैं।
- — श्री कामेश्वर चौपाल, पटना (एससी सदस्य) — संघ ने कामेश्वर को पहले कारसेवक का दर्जा दिया है। इन्होंने 1989 में राम मंदिर में शिलान्यास की पहली ईंट रखी थी। राम मंदिर आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभायी। उन्हें दलित होने के नाते यह मौका दिया गया है। 1991 में इन्होंने रामविलास पासवान के खिलाफ लोकसभा चुनाव लड़ा था
- — महंत दिनेंद्र दास — ये अयोध्या के निर्मोही अखाड़े के अयोध्या बैठक के प्रमुख हैं।
- — ट्रस्ट में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक हिंदू धर्म को शामिल किया जायेगा।
11. — ट्रस्ट में बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा नामित एक हिंदू धर्म को शामिल किया जायेगा।
- — केंद्र सरकार द्वारा हिंदू धर्म का एक प्रतिनिधि नामित किया जायेगा जो केंद्र सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। सरकार द्वारा नामित यह व्यक्ति भारत सरकार के संयुक्त सचिव पद से नीचे का नहीं होगा। साथ ही यह एक पदेन सदस्य भी होगा।
- — राज्य सरकार द्वारा हिंदू धर्म का एक प्रतिनिधि नामित किया जायेगा जो उत्तरप्रदेश सरकार के अंतर्गत भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का अफसर होगा। सरकार द्वारा नामित यह व्यक्ति राज्य सरकार के सचिव पद से नीचे नहीं होगा। साथ ही यह एक पदेन सदस्य भी होगा।
- — अयोध्या जिले के कलेक्टर को भी ट्रस्ट का सदस्य बनाया गया है। कलेक्टर हिंदू धर्म को मानने वाला होना चाहिये। अगर किसी कारण से कलेक्टर हिंदू धर्म का नहीं हैं तो अयोध्या के एडिशनल कलेक्टर (हिंदू धर्म) पदेन को ट्रस्ट का सदस्य बनाया जायेगा।
- — ट्रस्टियों के बोर्ड द्वारा राम मंदिर विकास और प्रशासन से जुड़े मामलों के लिये चेयरमैन की नियुक्ति की जायेगी। उनका हिंदू धर्म का होना अनिवार्य है।
ये हैं नियम — जो ट्रस्टी हैं उनकी ओर से (सीरियल नंबर दो से आठ तक के) 15 दिन में सहमति मिल जानी चाहिये। ट्रस्टी नंबर एक इस दौरान ट्रस्ट स्थापित कर अपनी सहमति दे चुका होगा। उसे सीरियल नंबर दो से सीरियल नंबर आठ तक के सदस्यों की तरफ से ट्रस्ट बनने के 15 दिन के अंदर सहमति ले लेनी होगी।
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट