रचनात्मक सोच और कार्य से छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में मिली खास पहचान – मुख्यमंत्री

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भुवन वर्मा, बिलासपुर 29 जनवरी 2020

जगदलपुर। संभागीय मुख्यालय लालबाग में 71 वें गणतंत्र दिवस पर तिरंगा फहराने के बाद प्रदेश की जनता के नाम संदेश का वाचन करते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा मानना है कि समयबद्ध परिणाममूलक योजनाएं और कार्यक्रम बनाए बिना हम अपने लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकते इसलिए हमने एक व्यापक कार्ययोजना के साथ प्रदेश के सबसे पिछड़े अंचल को सबसे पहले गरीबी और उसके प्रभाव से उभारने का संकल्प किया है। ग्रामीण संस्कृति और अर्थव्यवस्था को समवेत करते हुए हमने नरवा, गरवा गुरुवा बाड़ी के जरिए अपनी चिन्हारी को बचाने का बीड़ा उठाया है। जिसके अंतर्गत 2,000 से अधिक जलाशयों के वैज्ञानिक ढंग से विकास के कदम उठाए जा रहे हैं। हम दो दशकों के इतिहास में पहली बार लगभग 15000 स्थाई शिक्षक- शिक्षिकाओं की भर्ती कर रहे हैं। जिससे 7000 से अधिक शिक्षक – शिक्षिकाएं आदिवासी अंचलों की शालाओं को मिलेंगे।

राष्ट्रीय पर्व में शामिल हजारों बस्तरवासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर के शब्दों को दोहराया कि यह तथ्य हमें व्यतीत करता है कि भारत ने पहले भी एक बार सदन का कोई है यदि राजनीतिक दल अपने पद को देश के ऊपर रखेंगे तो हमारी स्वतंत्रता एक बार फिर खतरे में पड़ जाएगी और संभवतया हमेशा के लिए समाप्त हो जाए। हम सभी को इस संभावित घटना का दृढ़ निश्चय के साथ प्रतिकार करना चाहिए उन्होंने कहा कि हमें जोड़ना आता है हमें रचना आता है हमें बनाना आता है तोड़ने फोड़ने बिगाड़ने में प्रदेश की जनता का कभी कोई विश्वास नहीं था इसी विशेषता की वजह से छत्तीसगढ़ को देश और दुनिया में खास पहचान मिली है। हमें गणतंत्र की सफलता की कसौटी जनता से सीख कर, उनकी भागीदारी से, उनके सपनों को पूरा करना है। भारतीय रिजर्व बैंक एवं वर्ल्ड बैंक के अनुमानों के अनुसार बस्तर के जिलों में बीपीएल परिवारों का प्रतिशत 50 से 60 के बीच है जबकि देश में बीपीएल परिवारों का औसत लगभग 22% है।

विगत दशकों में देश में गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के संख्या में कमी आई है। उन्होंने बताया कि बस्तर के निर्दोष आदिवासी परिवारों को आपराधिक प्रकरणों की त्रासदी से मुक्त कराने के लिए गठित जस्टिस एके पटनायक समिति की सिफारिश के आधार पर पहले चरण में 313 लोगों को की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त हुआ है जिससे उन्हें बहुत बड़ी आर्थिक और सामाजिक राहत भी मिलेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि मेहनत करने वालों को सम्मान और अधिकार मिलना ही चाहिए इसलिए हमने श्रमिकों के कल्याण के लिए कई नई योजनाएं शुरू की हैं। औद्योगिक स्थापनाओं में सेवारत कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी गई है। मासिक पेंशन योजना के तहत ₹3000 दिए जाएंगे। श्रमजीवी पत्रकार साथियों की सेवानिवृत्ति की आयु भी बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है सब को निशुल्क उपचार की सुविधा देने के लिए हमने प्रदेश में दो नहीं योजनाएं चालू लागू की हैं डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना इन योजनाओं से 50 हजार से लेकर 20 लाख रुपए तक नि:शुल्क उपचार की सुविधा राशन कार्ड के जरिए मिलेगी। उन्होंने कहा हमने पुलिस को जन सेवक के रूप में आचरण करते हुए जन विश्वास अर्जित करने का लक्ष्य दिया है। हमें खुशी है कि नक्सली मोर्चे से लेकर विभिन्न अपराधों की रोकथाम में सफलता मिली है। आगे भी सुरक्षा विश्वास और विकास की त्रिवेणी पुलिस की कार्यप्रणाली का मुख्य अंग रहेगी हमारे देश की स्वतंत्रता और संविधान से ही हमारा भविष्य सुरक्षित रहेगा। छत्तीसगढ़ संविधान की भावना के अनुरूप देश को प्रगति के शिखर पर पहुंचाने में अहम योगदान देगा।

जगदलपुर से ब्यूरो प्रतिनिधि हेमंत कश्यप की विशेष रपट

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