लापता मानसून के चलते छत्तीसगढ़ अकाल की ओर अग्रसर : सरगुजा क्षेत्र में अब तक हुई मात्र 40% वर्षा, बिलासपुर, कोरबा , बेमेतरा की स्थिति भी गंभीर

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लापता मानसून के चलते छत्तीसगढ़ अकाल की ओर अग्रसर : सरगुजा क्षेत्र में अब तक हुई मात्र 40% वर्षा, बिलासपुर, कोरबा , बेमेतरा की स्थिति भी गंभीर

भुवन वर्मा बिलासपुर 3 अगस्त 2022

बिलासपुर । लापता मानसून के चलते छत्तीसगढ़ में अल्प वर्षा की स्थिति चिंता बढ़ा रही है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में हालात खराब बनती जा रही है। किसान परेशान है वही कबीरधाम, बालोद, राजनांदगांव,कांकेर की स्थिति थोड़ी बेहतर है । इधर कोरिया, जशपुर ,बेमेतरा ,बलरामपुर, रामानुजगंज ,रायपुर सरगुजा में औसत से 60 प्रतिशत
कम वर्षा हुई है।

रायपुर बिलासपुर सहित प्रदेश भर में अल्पवर्षा की स्थिति बनी हुई है सावन का अंतिम सप्ताह चल रहा है सप्ताह भर के अंदर अगर वर्षा नहीं हुई तो लगभग असिंचित क्षेत्र के खेती बर्बाद हो सकती है । देश के गिरता भू-जल स्तर और पानी की बर्बादी भीषण जल संकट की ओर ईशारा कर रही है । प्रदेश के बलरामपुर जशपुर और सरगुजा में सबसे बुरी स्थिति बनी हुई है । यहां खेतों में दरारें पड़ गई हैं इधर मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कम वर्षा वाली तहसीलों की फसलों पर नजरी आकलन करने का निर्देश दिया है राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 1 जून 2022 से अब तक राज्य में 564.2 मिलीमीटर औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है ।

अब छत्तीसगढ़ में अल्पवर्षा के कारण अकाल की स्थिति बनती नजर आ रही है । आम लोगों से लेकर किसान भी बारिश नहीं होने से काफी परेशान हैं, तो वहीं राज्य की कांग्रेस सरकार को विपक्षी दल ने इस मुद्दे पर घेरना भी शुरू कर दिया है मालूम हो कि प्रदेश के 15 जिले और 83 तहसीलों में अल्पवर्षा के कारण सूखे के हालात बनते नजर आ रहे है ।

हमर छत्तीसगढ़ भी भीषण जल संकट की ओर ईशारा कर रही है । मगर तमाम ईशारों के बावजूद धरातल पर कोई ठोस पहल नहीं की जा रही है । स्थिति ये है कि राज्य सरकार केवल कागजों में चुस्त दिखाई दे रही है, जबकि धरातल पर हकीकत ये है कि छत्तीसगढ़ में 21 लाख हेक्टेयर भूमि में सिंचाई की आवश्कता है ।

लेकिन महज 12 लाख हेक्टेयर में ही सिंचाई हो पाती है. मौजूदा हालात सूखे को लेकर ये है कि राज्य की 73 तहसीलों में सूखे के हालात बन गए है. अब अल्पवर्षा को लेकर किसान से लेकर राजनीतिक दलों ने भी अपनी चिंता दिखानी शुरु कर दी है ।

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