तीस लाख फूंकने के बाद भी : वन मंडल एवं नगर निगम की लापरवाही से नहीं बन पाया व्यापार विहार का ऑक्सीजोन – उधर हरिहर के युवाओं ने बिना शासन के सहयोग से तैयार किये हजारों पौधों के साथ हरिहर ऑक्सीजोन

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तीस लाख फूंकने के बाद भी : वन मंडल एवं नगर निगम की लापरवाही से नहीं बन पाया व्यापार विहार का ऑक्सीजोन – उधर हरिहर के युवाओं ने बिना शासन के सहयोग से तैयार किये हजारों पौधों के साथ हरिहर ऑक्सीजोन

भुवन वर्मा बिलासपुर 8 जून 2022

2016-17 में व्यापार विहार का ऑक्सिजोन

बिलासपुर । हरिहर अक्सीजोन वृक्षारोपण परिक्षेत्र बनाने के लिए कुछ युवा साथियों ने संकल्प लिया और सेंदरी रोड अरपा नदी के किनारे हजार पौधों का रोपण कर विगत 5 वर्ष में लगातार सेवा कर यहाँ एक उद्यान के रूप में विकसित कर चुके हैं। जो शहर वासियों सहित आसपास के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है । भुवन वर्मा सयोंजक, डॉ शंकर यादव सह सयोंजक एवम उनके टीम के मेहनत स्थाल में स्वयं बया करती हैं ।

2022 में व्यापार विहार का ऑक्सीजोन,

वन मंडल एवं नगर निगम की लापरवाही से नहीं बन पाया व्यापार विहार का ऑक्सिजोन.कांक्रीट के जंगल बना हमर बिलासपुर,,,

नगर निगम ने ही कराया निर्माण: बता दें कि बिलासपुर नगर निगम ने व्यापार विहार तारामंडल के पीछे दो करोड़ रुपए की लागत में ऑक्सीजन का निर्माण कराया था. ऑक्सीजन के निर्माण का उद्देश्य था कि लोग यहां फ्रेश एयर के साथ सुबह-शाम वॉकिंग कर • अपनी सेहत सुधारे. लेकिन ऑक्सीजोन अब सेहत बिगाड़ने वाला जोन बन गया है. ऑक्सीजोन के चारों तरफ नगर निगम शहर से निकलने वाले कचरे को इकट्ठा कर यहां लाकर फेंक देता है. कचरा डंप होने के कारण पूरे इलाके में तेज दुर्गंध लोगों को परेशान कर रही है. आलम यह है कि यहा अब लोग वॉकिंग के लिए आना भी बंद कर चुके हैं. कुछ बच्चे खेल की नीयत से आते है लेकिन थोड़ी देर में दुर्गंध से परेशान होकर चले जाते हैं

निगम और वन विभाग के अधिकारी एक बार फिर से बिना कार्य योजना के पौधे लगाने के नाम पर लाखों रुपए खर्च करने की तैयारी में है. 3 हजार पौधे लगाने का टारगेट है, जिस पर काम शुरू नहीं हो सका है. शहर का कचरा ऑक्सीजोन की तस्वीर बिगाड़ रहा है.

सकारात्मक सोच के साथ शहरवासियों को शुद्ध हवा मिल सके, इसके लिए वन विभाग ने साल 2016-17 में 500 पौधे रोपे थे। पौधरोपण के लिए बिलासपुर वनमंडल ने नगर निगम से बाकायदा ढाई एकड़ भूमि प्राप्त की। इसकी फेंसिंग कराई। सदाबहार फूलों के साथ मिश्रित प्रजाति के पौधे रोपे गए तथा साल भर इनकी देखरेख पर 30 – लाख रुपए खर्च किए गए। वन विभाग ने बताया कि विभाग ने इस मामले में नगर निगम से लगातार लिखा पढ़ी की, परंतु कोई नतीजा नहीं निकला। विभाग की बिना सहमति के नगर निगम ने आक्सीजोन में ही 6.72 करोड़ की लागत से प्लेनेटोरियम का निर्माण शुरू करा दिया। जो अब बनकर तैयार हो चुकी है । उसके निर्माण के दौरान ही 92 फीसदी पौधे नष्ट हो गए। वन विभाग को अगले साल पौधों की देखरेख करने नहीं दिया गया। बात यहीं समाप्त नहीं हुई। जिस जगह को आक्सीजोन बनाया गया था, उसी जगह पर नगर निगम के सफाई ठेकेदार द्वारा कचरे की डंपिंग शुरू कर दी गई। कहने को तो इसे ट्रांसफर स्टेशन बनाया गया है, परंतु आक्सीजोन की दीवार से 20 एकड़ में चारों तरफ कचरा की कचरा नजर आता है।


तब 25 लाख रुपए खर्च कर हटाया गया था कचरा:

नगर निगम ने व्यापार विहार के व्यापारियों को व्यवस्थित थोक बाजार देने के लिए व्यापार विहार की कार्य योजना बनाई थी. यहां अब भी थोक व्यापारी जगह की मांग कर रहे हैं. इधर दुकानों के लिए आरक्षित जमीन को पौधारोपण के लिए देने का कई व्यापारियों ने विरोध भी किया था. व्यापारियों की मांग थी कि पौधारोपण किसी और जगह पर किया जाए । अंतः आज 30 एकड़ से अधिक एरिया में कचरा डंप किया जा रहा है. व्यापार विहार में कचरे से परेशान व्यापारियों ने 4 साल पहले 25 लाख रुपए खर्च कर कचरे का निपटान कराया था. एक बार फिर वही हालात यहां बनते जा रहे हैं. कचरे में आग लगाने के कारण लोगों ने प्रदूषण की शिकायत भी की है. व्यापारी एसोसिएशन में सभापति शेख नजीरुद्दीन के •साथ निरीक्षण के दौरान मौके पर कचरे का डंपिंग होते देखा तो था तब कचरा गाड़ियों को भगाया भी था.

अफसर और ठेकेदार की सांठगांठ से कचरा डंप….

नगर निगम के अफसरों के साथ सांठगांठ कर ठेकेदार कहीं भी कचरा डंप कर रहे हैं। व्यापार विहार हो या राजकिशोर नगर, दोनों ही जगह बिना पर्यावरण संरक्षण मंडल की अनुमति के ट्रांसफर स्टेशन के बहाने कचरे की डंपिंग की जा रही है। मौके पर कुछ मात्रा में भले ही छोटी गाड़ियों से बड़ी गाड़ियों में कचरा भरा जाता होगा।

परंतु आज 20 एकड़ से अधिक एरिया में कचरा डंप किया जा चुका है। व्यापार विहार में कचरे से परेशान व्यापारियों ने 4साल पहले 25 लाख रुपए खर्च कर कचरे का निबटान कराया था। एक बार फिर वही हालात वहां बनते जा रहे हैं। कचरे में आग लगाने के कारण लोगों ने प्रदूषण की शिकायत की है। व्यापारी एसोसिएशन के सुनील सोंथलिया ने सभापति शेख नजीरुद्दीन के साथ निरीक्षण के दौरान मौके पर कचरे की डंपिंग होते देखा तथा कचरा गाड़ियों को भगाया था। उन्होंने डंपिंग बंद कराने की मांग की है। परंतु अब तक हुआ कुछ नहीं, कचरा यार्ड बनकर रह गया है।

क्यो और कैसे होती है मनमानी,,,,

पर्यावरण विभाग की जांच में यह सामने आया है कि उद्योगों की ओर से जहरीला पानी नदियों में छोड़ने, चिमनियों से जहरीली गैस छोड़ने, खुले में राख को डंप करने की घटना आम है। वहीं कई उद्योगों ने स्थापना के दौरान, काटे गए पेड़ों के बदले 30 गुना पेड़ लगाने के नियमों का पालन नहीं किया।

जिले सहित प्रदेश में पर्यावरण की स्थिति की बात एक ही है सामाजिक संगठन उद्योगपति कभी गंभीर नहीं दिखते और ना ही वन विभाग गंभीर है नाही उद्योगों के संचालकों में कोई चिंता दिखती है विभाग पौधारोपण करता है पर पौधे कितने बच्चे या जीवित हैं इसकी निगरानी कोई नहीं करता इधर उद्योगपति नोटिस झेल जाते हैं पर गलतियों में सुधार कभी नहीं करते हैं।

व्यापार विहार में कचरे की डंपिंग करने की अनुमति नहीं है। प्लेनेटोरियम के पास यदि कचरे की डंपिंग कराई जा रही है तो इसे बंद कराया जाएगा। – डिप्टी कमिश्नर नगर निगम

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