सरकारी कार्यक्रम में सरकारी व्यवहार नगर विधायक का गरिमामय सम्मान नहीं : उनकी आदत हो गई है, अपमान करने की और मेरी आदत हो गई है , अपमान सहन करने की – शैलेश पांडेय

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सरकारी कार्यक्रम में सरकारी व्यवहार नगर विधायक का गरिमामय सम्मान नहीं : उनकी आदत हो गई है, अपमान करने की और मेरी आदत हो गई है , अपमान सहन करने की – शैलेश पांडे

भुवन वर्मा बिलासपुर 21 मई 2022

बिलासपुर । आज 21 मई राजीव गांधी किसान न्याय योजनांतर्गत कृषि आदान सहायता राशि की प्रथम किस्त अंतरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । यह सरकारी आयोजन के कार्यक्रम प्रार्थना सभा भवन बिलासपुर में जिला कलेक्टर के नेतृत्व में आयोजित हुआ ।

जिसमें बिलासपुर जिले के 113557 किसानों के खाते में 74 .48 करोड का अंतरण किया गया । वहीं छत्तीसगढ़ प्रदेश में 23,73,056 किसानों के खाते में 1720 करोड रुपए का अंतरण मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के वर्चुअल आतिथ्य में शुभारंभ कार्यक्रम के अंतर्गत किया गया । कार्यक्रम में नगर विधायक शैलेश पांडेय भी उपस्थित रहे । जहाँ नगर के लोकप्रिय विधायक शैलेष पांडेय का संगठन के कार्यक्रम हो गया सरकारी आयोजन हो हर बार कोई न कोई अपमानित करने का काम कर ही जाते है । आज सरकारी आयोजन में भी यह घटना पुनरावृति की गई । कांग्रेस पार्टी के कोई नेता नही बल्कि इस बार अपने ही सरकार के कार्यक्रम “राजीव गांधी न्याय योजना”के तहत किसानों के खाते में प्रथम किश्त की राशि जमा करने का कार्यक्रम जलसंसाधन विभाग के प्रार्थना भवन में आयोजित था ,जिसकी मेजबानी जिला प्रशासन स्वयं कर रखी थी ।
मेहमान के स्वागत सत्कार कर रहे जिला प्रशासन की बैठक ब्यवस्था को देखकर नगर विधायक शैलेश पांडे उपेक्षित महसूस किए ।
विधायक का गुस्सा फूट पड़ा ऒर नाराजगी जाहिर करते हुए कार्यक्रम छोड़कर बाहर चले गए।
एक चर्चा में अस्मिता न्यूज़ से हुई चर्चा में विधायक ने कहा कि कार्यक्रम में बुलाया जाता है तो उसका सम्मान का भी ख्याल रखनी । मैं निर्वाचित जन प्रतिनिधि हूँ, और हमारी ही सरकार का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है । कार्यक्रम का आयोजन जिला प्रशासन का था और वही जिला प्रशासन अपमानित करें कतई बर्दाश्त नहीं !
लगातार इस तक इस तरह की खबरें हम भी अक्सर प्रिंट मीडिया व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आए दिन देखते रहते हैं । नगर विधायक के साथ ज्यादती जा याद आती होना एक आम बात की होती जा रही है । इसे जिला प्रशासन एवं कांग्रेस संगठन को भी गंभीरता से देखनी चाहिए ।
विधायक ने अंत मे एक शेर पढ़ते हुए अपनी बात समाप्त की–
मेरा कातिल ही मेरा मुंसिफ है।
क्या मेरे हक में फैसला देगा … .?

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