रेत का खेल अजब निराला : अवैध रेत खनन एवं कटाव रोकने की मांग करने वाले संगठन- हरिहर ऑक्सिजोन वृक्षारोपण समिति के सयोंजक को ही अब थाने में तलब

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रेत का खेल अजब निराला : अवैध रेत खनन एवं कटाव रोकने की मांग करने वाले संगठन- हरिहर ऑक्सिजोन वृक्षारोपण समिति के सयोंजक को ही अब थाने में तलब

भुवन वर्मा बिलासपुर 14 मई 2022

बिलासपुर । अवैध रेत खनन एवं कटाव को रोकने के लिए हरीहर ऑक्सीजोन के संयोजक भुवन वर्मा द्वारा विगत 4 माह के अंतराल में दो बार सांसद, विधायक ,कलेक्टर, कमिश्नर पुलिस अधीक्षक को लिखित ज्ञापन देकर रोकथाम की मांग की थी। अब कोनी थाना से ज्ञापन देने वाले वृक्षारोपण संगठन के संयोजक भुवन वर्मा को ही पूछताछ व बयान हेतु लगातर थाना बुलाया जा रहा है । इधर अरपा मैया की सीमा को छलनी करने वाले माफिया बारहमासी सक्रिय रहते हैं। उन पर अब तक इक्का-दुक्का की कार्रवाई के अलावा बड़ी कार्रवाई नहीं की गई गयी । वही अरपा नदी के किनारे हरिहर ऑक्सीजन वृक्षारोपण समिति के कार्यकर्ता व अरपा अर्पण अभियान के द्वारा रोपित हजारों पौधे में से वर्षा ऋतु के लगते ही हर वर्ष दो – चार सौ पौधे नदी में बह जाते हैं । वही वृक्षारोपण का क्षेत्र भी छोटा होते जा रहा है और कटाव सड़क की ओर बढ़ रही है । तुरका पुल से लेकर सेंदरी के नए पुल तक रतनपुर मुख्य मार्ग पर के किनारे उद्यान के रूप में रोपित पौधे बरबाद हो रहे हैं । आषाढ़ की तेज धारा में वर्षों की मेहनत के सैकड़ों पेड़ बह जाते हैं । अंचल के पर्यावरण प्रेमी भी अषाढ़ी मेंढक की तरह सोए हुए हैं ।
अवैध खनन निरंतर,,, विभाग की मिलीभगत का खेल जारी,,,
इधर गर्मी में अरपा का पानी सूखते ही धड़ल्ले से रेत का अवैध उत्खनन किया जा रहा है। सुबह से लेकर रात तक विभिन्न घाटों में सैकड़ों ट्रैक्टर रेत निकाली जा रही है, परन्तु खनिज विभाग का अमला अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है।

अरपा नदी सहित आसपास की अन्य नदियों में भी रेत का अवैध उत्खनन, परिवहन जमकर हो रहा है। सुबह से लेकर रात-रातभर नदी से रेत निकालने काम चलता रहता है और रेत परिवहन करने वाली गाड़ियां दौड़ती रहती हैं। स्वीकृत रेत खदानों के अलावा आसपास के रेत घाटों से अवैध तरीके से रेत निकाली जा रही है। स्वीकृत रेत घाटों में रेत रायल्टी के नाम पर भी घालमेल चल रहा है। एक ट्रिप की रायल्टी काटकर कई ट्रिप रेत परिवहन किया जा रहा है। सरपंच पंच से लेकर बड़े जनप्रतिनिधि एवं वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी सभी जानते हैं । सभी को अपना अपना हिस्से पहुंच जाता है , इसलिए मौन रहना ही मुनासिब समझते हैं ।

रेत की कीमतों में किसी का लगाम नहीं,,,

इसीलिए तो स्वीकृत रेत घाट के आसपास के घाटों से जेसीबी, पोकलेन जैसी मशीन लगाकर रेत निकाली जाती है। गर्मी के दिनों में निर्माण कार्य तेजी से चलता है, क्योंकि बरसात लगने के पूर्व शासकीय कार्य सहित निजी निर्माण कार्य कराने की जल्दी रहती है। इसके चलते रेत की खपत बढ़ जाती है। अधिक खपत की वजह से रेत की मांग बढ़ गई है, जिसके लिए जमकर अवैध उत्खनन चल रहा है और रेत के कीमतों पर भी कोई लगाम नहीं है। खनिज विभाग द्वारा बीच बीच दो-चार ट्रैक्टर पकड़कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की जाती है, जिससे न तो अवैध उत्खनन पर रोक लग पाती है और न ही जनता को कम कीमत पर रेत मिल पाती है।
इधर अवैध रेत खनन नदी के कटाव पर अतिशीघ्र रोकथाम नहीं लगता तो बिलासा कला मंच, अरपा बचाओ समिति, पर्यावरण प्रेमी संगठन,अरपा अर्पण अभियान एवं हरिहर ऑक्सिजोन वृक्षारोपण के सदस्यगण नेहरू चौक पर धरना आंदोलन की तैयारी भी कर रहे हैं ।

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