लोक सृजन समिति एवं हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में : संगीतमय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित
लोक सृजन समिति एवं हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में : संगीतमय महिला दिवस कार्यक्रम आयोजित
भुवन वर्मा बिलासपुर 9 मार्च 2022

भिलाई । लोक सृजन समिति एवं हाउस लीज संयुक्त संघर्ष समिति के संयुक्त तत्वावधान में सातवीं बार 8 मार्च 2022 को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सेक्टर 2 शक्ति सदन में नारी सशक्तिकरण एवं उन्हें सम्मानित करने के लिए संगीतमय महिला दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था । कार्यक्रम में मुख्य अतिथि डॉ श्रुतिका ताम्रकार यादव, एम.डी. माइक्रोबायोलॉजी एवं विशेष अतिथि डॉ हंसा शुक्ला, प्राचार्य एवं साहित्यकार और कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ नलिनी श्रीवास्तव वरिष्ठ साहित्यकार ने की । इस कार्यक्रम में विभिन्न क्षेत्रों में ख्याति प्राप्त महिलाओं जैसे श्रीमती मेनका वर्मा लेखिका एवं साहित्यकार, श्रीमती पुष्प लता नेताम संगीतकार एवं सुप्रसिद्ध गायिका, श्रीमती मेघा क्षीरे संगीत शिक्षिका, श्रीमती अंजुम अली संचालिका अलमदद सोसायटी, डॉक्टर शिवाली मेश्राम, डॉक्टर सौरभ मेश्राम, डॉक्टर अमरीन दंत चिकित्सक, सेक्टर 02 पार्षद साधना सिंह एवं नोमीन साहू अतिथि के रुप में उपस्थित थीं । इन सभी ने अपने विचार रखे, इन सभी को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया गया ।



कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों द्वारा सरस्वती पूजन एवं पुष्प लता नेताम द्वारा सरस्वती वंदना एवं छत्तीसगढ़ राज्य गीत गाकर छत्तीसगढ़ महतारी की वंदना की गई । स्वर कोकिला लता मंगेशकर को समर्पित उनके द्वारा गाया गया छत्तीसगढ़ी गीत एवं एक फिल्मी गीत प्रस्तूत किया गया । कार्यक्रम को आकर्षित एवं सरस बनाने के लिए अतिथियों ने उद्बोधन के बीच में कलाकारों द्वारा छत्तीसगढ़ी गीत पेश किया गया जिसे लोगों ने खूब सराहा । मेघा क्षीरे द्वारा पेश किए गए भजन ईश्वर सत्य है, सत्य ही शिव है, शिव ही सुंदर है, ने कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया । हारमोनियम पर वीरेंद्र शर्मा एवं तबला वादन रामेश्वर साहू ने किया । समिति के अध्यक्ष राजेंद्र परगनिहा ने स्वागत भाषण प्रस्तुत करते हुए कहा कि नारी समाज की धुरी है जो कि विभिन्न रूपों में मानव जीवन को संबल प्रदान करती है । डॉक्टर हंसा शुक्ला ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारत को पूर्व में उनके उत्कृष्ट संस्कृति के कारण अखंड भारत देव भूमि कहा जाता रहा है, आज हमें फिर से समाज एवं परिवार को जोड़कर ऐसे संस्कार एवं संस्कृति और नैतिक मूल्यों को विकसित करना होगा जिससे भारत पुनः देव भारत कहलाए ।

डॉक्टर नलिनी श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ में मान्यता देते हुए महिला को सामाजिक अधिकार देने की बात स्वीकार की । उन्होंने आगे कहा कि हर नारी में शक्ति होती है जिसके द्वारा वे आगे बढ़ती हैं, हमें नैतिक मूल्यों एवं संस्कारों को अपने परिवारों में बढ़ावा देते हुए अपने सास-ससुर की सेवा करना चाहिए क्योंकि सेवा में ही मेवा मिलता है । श्रीमती मेनका वर्मा ने छत्तीसगढ़ी कविता के माध्यम से छत्तीसगढ़ की आम महिला की दिनचर्या के बारे में मार्मिक चित्रण किया, वे दिव्यांगों एवं कलाकारों का साक्षात्कार लेकर समाज के सामने उनकी प्रतिभाओं को प्रस्तुत करती है,

उन्होंने बताया कि दिव्यांगता सिर्फ मानसिक होती हैं, शारिरिक नहीं । मुख्य अतिथि श्रीमती डॉक्टर श्रुतिका ताम्रकार यादव ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारा राष्ट्र ही महिला के नाम पर भारत माता रखा गया है हमें अभी अपनी प्रतिभा एवं क्षमता को उजागर करना होगा, महिलाएं सभी क्षेत्रों में अपना उत्कृष्ट योगदान दे रही हैं । कार्यक्रम में उपस्थित सभी महिलाओं को श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया गया कार्यक्रम का सफल संचालन शारदा रामटेके, साधना कुलदीप और स्वर्ण लता चौरसिया द्वारा किया गया। समिति के महासचिव पी.आर.वर्मा ने आभार प्रदर्शन करते हुए कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की मंशा नुकूल महिलाओं को समुचित अधिकार पाने के लिए अभी और संघर्ष करने की आवश्यकता है । इस कार्यक्रम में समिति के कार्यकारिणी सदस्यों के साथ ही आशा परगनिहा, केशव वर्मा, सरिता खटी और मधु अवस्थी का सराहनीय योगदान रहा। पी.आर .वर्मा महासचिव ने उक्क्त जानकारी दी ।
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