सहारा इंडिया में तीन हजार से अधिक लोगों का 130 करोड़ जमा : निवेश कर्ता रीजनल मैनेजर पर बरसे, नगद नहीं दे सकते तो चेक दो
सहारा इंडिया में तीन हजार से अधिक लोगों का 130 करोड़ जमा :
निवेश कर्ता रीजनल मैनेजर पर बरसे, नगद नहीं दे सकते तो चेक दो
भुवन वर्मा बिलासपुर 4 जनवरी 2022
जगदलपुर से हेमंत कश्यप की रिपोर्ट
जगदलपुर। नव वर्ष के पहले दिन शनिवार सुबह दर्जनों निवेश कर्ता सहारा इंडिया कार्यालय पहुंचे और दो साल बाद भी राशि नहीं लौटाए जाने का विरोध करते हुए रीजनल मैनेजर को घेरा और नाराजगी व्यक्त की। निवेशकों का आरोप है कि राशि मेच्योर होने के बावजूद कंपनी द्वारा राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है। निवेश कर्ताओं ने नगद राशि नहीं दे पाने की स्थिति में अगले छह महीना बाद की तारीख का चेक जारी करने की मांग रीजनल मैनेजर से की है। बोधघाट पुलिस दोनों पक्षों को थाना ले गई उसके बाद ही विवाद शांत हुआ।
बताया गया कि जगदलपुर स्थित सहारा इंडिया कार्यालय में लगभग 3500 लोगों ने 130 करोड़ रुपए जमा करवाया है। सहारा प्रमुख के खिलाफ मामला दर्ज है और प्रकरण न्यायालय में है इसलिए कंपनी निवेश कर्ताओं को राशि का भुगतान नहीं कर रही है। राउत पारा में सहारा इंडिया का संभागीय कार्यालय है। शनिवार सुबह 11:30 बजे एक दर्जन से अधिक निवेशकर्ता यहां पहुंचे और रीजनल मैनेजर को घेर लिया। इन्होंने बताया कि रीजनल मैनेजर ने चार महीना पहले पत्र जारी कर राशि भुगतान की बात कही थी फिर भी राशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
सहारा इंडिया कार्यालय में नाराजगी व्यक्त करते निवेशकर्ता।
निवेशकर्ता शिरीष जैन को छह लाख 44 हजार 193 रूपये, सनी साहू को दो निवेश का करीब इक्कीस लाख रूपये, संदीप महाजन को 72 हजार रूपये स्वर्गीय रमेशचंद्र जैन के रिश्तेदारों को छह लाख 80 हजार रूपये सहारा इंडिया से प्राप्त करना है। इन्होंने बताया कि जमा की गई राशि दो साल पहले ही मैक्चोर हो चुकी है। बावजूद इसके सहारा कंपनी राशि का भुगतान नहीं कर रही है। बीते दो वर्षों में छह बार कार्यालय आ चुके हैं। सहारा इंडिया के रीजनल मैनेजर मनोज कुमार चंद्रा ने लिख कर दिया था कि आगामी चार महीने पश्चात निवेशकों की राशि लौटा दी जाएगी परंतु आज पर्यंत राशि नहीं दी गई है। हमारी मांग है कि अगर सहारा इंडिया नगद राशि का भुगतान नहीं कर पा रही है तो हमें अगले छह महीने की तारीख का चेक प्रदान कर दे। विवाद लगातार गहराता जा रहा था तभी बोधघाट थाना के टीआई लालजी अधिकारी रामविलास नेगी, होरीलाल नेवी, गायत्री प्रसाद, पुनीत शुक्ला आदि सहारा कार्यालय पहुंचे और निवेशकों को समझाया कि सहारा इंडिया का प्रमुख सुब्रत राय जेल में है और प्रकरण न्यायालय में चल रहा है इसलिए कार्यालय आकर विवाद करने से कुछ नहीं होगा। यह सुन निवेशकर्ता नाराज हो गए कि अगर रीजनल कार्यालय जवाबदारी नहीं तो फिर उसने लिख कर क्यों दिया?
इस संदर्भ में रीजनल मैनेजर मनोज कुमार चंद्रा का कहना है कि सहारा इंडिया मुख्यालय ने अगस्त में दिसंबर महीना के अंत तक निवेशकों की राशि लौटने की बात कही थी इस आधार पर वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर निवेश कर्ताओं को लिखकर दिया था। वित्तीय विवाद के चलते सहारा इंडिया अपने निवेशकों से प्रीमियम की राशि भी नहीं वसूल रही है।
सहारा इंडिया से राशि का भुगतान नहीं होने से हलकान निवेश कर्ताओं ने बताया कि जमा पूंजी वापस मिलने पर बच्चों के शादी करने का प्लान बनाए थे लेकिन घर के बड़े बुजुर्गों की तबीयत खराब होने पर हमें दूसरों से कर्ज लेकर इलाज करवाना पड़ा। सहारा इंडिया के अधिकारी किस्तों में भी राशि का भुगतान करने तैयार नहीं है इसलिए उन्हें विभिन्न आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।