अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ विषय पर व्याख्यान माला आयोजित : फग्गन सिंह कुलस्ते ,कैलाश गुप्ता एवम कुलपति बाजपेयी के आतिथ्य में
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ विषय पर व्याख्यान माला आयोजित : फग्गन सिंह कुलस्ते ,कैलाश गुप्ता एवम कुलपति बाजपेयी के आतिथ्य में
भुवन वर्मा बिलासपुर 18 दिसंबर 2021
आज दिनांक 18.12.2021, दिन-शनिवार को प्रातः 11ः00 बजे अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के बिलासा सभागार में 75वीं आजादी का अमृत महोत्सव मानाते हुए ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ विषय पर व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फग्गन सिंह कुलस्ते केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात एवं संयत्र मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली एवं विशिष्ट अतिथि कैलाश गुप्ता स्वामीत्व शिवम मोटर्स, कार्यक्रम के अध्यक्ष कुलपति महोदय आचार्य (डाॅ.) अरूण दिवाकर नाथ वाजपेयी एवं संयोजक कुलसचिव डाॅ. सुधीर शर्मा उपस्थित रहें। कार्यक्रम की प्रस्तावना डाॅ. स्वातीरोज टोप्पों समन्वयक एस.टी.-एस.सी. प्रकोष्ट एवं मंचस्थ मुख्य अतिथि तथा विशिष्ट अतिथि का परिचय डाॅ. सुमोना भट्टाचार्य ने प्रदान किया। छत्तीसगढ़ के राज्यगीत स्तुती के पश्चात् मंचस्थ अतिथियों द्वारा माॅं सरस्वती के प्रतिमा में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इसके पश्चात् माननीय कुलपति एवं कुलसचिव महोदय द्वारा पुष्पपौधा देकर मुख्य अतिथि का मंच पर स्वागत किया गया। कार्यक्रम के प्रथम सत्र में स्वागत भाषण हेतु डाॅ. एच. एस. होता अधिष्ठाता छात्र कल्याण को मंच पर आमंत्रित किया गया। स्वागत भाषण में उन्होने व्याख्यान माला में उपस्थित भारत सरकार के केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं कार्यक्रम के मुख्य अतिथि का आभार एवं अभिनंदन किया इसके पश्चात् उन्होनें भारत के 75 वीं स्वतंत्रता के वर्षगांठ के अवसर पर विश्वविद्यालय द्वारा विभिन्न विषयों पर 75 व्याख्यान माला के आयोजन करने संबंधी संकल्प को सभी उपस्थितियों के समछ रखा और बाबा गुरू घासीदास जी के जयंती के अवसर पर सभी उपस्थित लोगो को बधाई एवं शुभकामनाएं प्रेषित की। इसके पश्चात् मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी का संक्षिप्त परिचय डाॅ. सुमोना भट्टाचार्य जी के द्वारा प्रदान किया गया। इसके बाद मुख्य अतिथि श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी को अपना वक्तव्य रखने मंत्र पर आमंत्रित किया गया। माननीय मुख्य अतिथि जी ने अपने वक्तवय में कहाॅ की - ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ बिना जाति भेदभाव के घर, गांव, गरीब तक योजनाओं को पहुॅचाना, समाज को जोड़ना चाहे व किसी भी वर्ग, समूह, धर्म या जाति का हो, उन्हे नजदीक लाना ही इस विषय की संपुष्टि है। विश्वविद्यालय के आजादी के 75वी स्वतंत्रता वर्षगांठ के अवसर पर अलग-अलग विषयों पर व्याख्यान-माला या संगोष्ठी के आयोजन पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और इस निर्णय की सराहना की। निश्चित ही इसका प्रभाव समाज पर पड़ेगा और हर क्षेत्र के व्यक्तियों के लिए विश्वविद्यालय के आगामी कार्यक्रम का हिस्सा बने। उन्होने विश्वविद्यालय के कल्पना का प्रोत्साहित किया और अच्छे काम और सोंच के चिंतन के लिए मानीयक कुलपति महोदय को शुभकामना प्रदान की। इसके पश्चात् माननीय कुलपति महोदय जी को अपने उद्बोधन हेतु मंत्र पर आमंत्रित किया गया। माननीय कुलपति महोदय ने अपने उदबोधन में कहा की ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ हमारा संवैधानिक घोषित संकल्प है और सांस्कृतिक अघोषित संकल्प है। संविधान में हमने एक समता मूलक समाज की स्थापना का लक्ष्य रखा है जो संवैधानिक घोषित हमारा संकल्प है जिससे हम पीछे नहीं हो सकते। और अघोषित संस्कृतिक संकल्प है हमारा, क्योकि हम भिन्न-भिन्न प्रान्तों में, भिन्न-भिन्न स्थानों में, भिन्न-भिन्न भाषाआंे को लेकर के, भिन्न-भिन्न धर्मों को लेकर के, भिन्न-भिन्न जातियों को लेकर के लाखों वर्षों से चलते-चले आ रहें है। इसलिए दिखाई पढ़ने वाली भिन्नता तो है पर उसे जोड़ने वाली संस्कृतिक चेतना है जो एक-दूसरे को जोड़ते रहती है। मैं निवेदन कर रहा था जिस चीज को संविधान ने घोषित किया है वो हमारी संस्कृति ने और हमारे संस्कारों ने जींया है। उसके साक्षात प्रमाण हमारे आदरणीय श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी के रूप में दिखाई पडते है। राजनेताआंें से जन सामान्य की अपक्षाओं, आशा एवं उम्मीदों पर कहा की वे जोड़ने वाली राजनीति करे न की तोड़ने वली और इसके लिए राजनेताओं को अपनी उत्तरदायीत्वों को ध्यान में रखने की बात कही। इसके पश्चात् उन्होनें कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं वक्ता श्री फग्गन सिंह कुलस्ते जी के सहजता से अपने कार्यानुभव को साझा करने एवं ‘‘समरस समाज की स्थापना का संकल्प’’ विषय पर मुख्य वक्ता के रूप में उद्बोधन पर अभिवादन किया और कहा की आप राजनीतिक भूमि में अपनी छाप छोड़ी है और आप जनता के साथ मिल कर रहने और चलने वाले संवेदनशील व्यक्तित्व है। उन्होने कहा की - मुख्य अतिथि के रूप में अपने पूर्वी अनुभव एवं कार्यक्षेत्र जिनका सकारात्मक सोच एवं समीक्षात्मक मौखित दस्तावेज की प्रस्तुत किया है इस हेतु आपका हार्दिक अभिवादन किया। कार्यक्रम के अंतिम सत्र में माननीय कुलपति महोदय ने मुख्य अतिथि फग्गन सिंह कुलस्ते एवं विशिष्ट अतिथि कैलाश गुप्ता का शाल, श्रीफल एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कुलसचिव ने कार्यक्रम अंत में मुख्य अतिथि, विश्ष्टि अतिथि, कुलपति महोदय के साथ सभी अधिकरी शिक्षक कर्मचारी एवं उपस्थित मिडियों के लोगों के प्रति आभार एवं धन्यवाद ज्ञापित किया और राष्ट्रगान पश्चात् कार्यक्रम के समापन की घोषणा हुई।
कृपया उपरोक्तानुसार कार्यक्रम का विवरण छात्रो एवं जनसामान्य के लाभ में प्रकाशित करने की अपेक्षा के साथ।