इक्कीसवीं सदी की विकास योजनाओं को गति देगा मास्टर प्लान -प्रधानमंत्री मोदी
इक्कीसवीं सदी की विकास योजनाओं को गति देगा मास्टर प्लान -प्रधानमंत्री मोदी
भुवन वर्मा बिलासपुर 13 अक्टूबर 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली – आज दुर्गाष्टमी के पावन अवसर पर देश में शक्ति स्वरूपा का पूजन हो रहा है। शक्ति की उपासना के इस पुण्य अवसर पर देश की प्रगति की गति को भी शक्ति देने का शुभ कार्य हो रहा है। हम अगले पच्चीस वर्षों के लिये नींव रख रहे हैं। यह राष्ट्रीय मास्टर प्लान इक्कीसवीं सदी की विकास योजनाओं को ‘गतिशक्ति’ देगा और इन योजनाओं को समय पर पूरा करने में मदद करने के साथ ही भारत के आत्मबल को , विश्वास को आत्मनिर्भरता के संकल्प तक ले जायेगा। अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और “मल्टी माडल कनेक्टिविटी” को इस राष्ट्रीय योजना से गति शक्ति मिलेगी। इस योजना से सभी प्रोजेक्ट अब तय समय पर पूरे होंगे और टैक्स का एक पैसा भी बर्बाद नही होगा। देश पहले की तुलना में अब अधिक तेजी से काम कर रहा है।
उक्त बातें आज पीएम नरेन्द्र मोदी ने आर्थिक क्षेत्रों से बहुस्तरीय संपर्क के लिये “गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान’ की शुरुआत कर लोगो को संबोधित करते हुये कही। यह रेल और सड़क सहित सोलह मंत्रालयों को जोड़ने वाला एक डिजिटल मंच है। इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर भी निशाना साधते हुये कहा कि हमारे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का विषय ज्यादातर राजनीतिक दलों की प्राथमिकता से दूर रहा है , ये उनके घोषणा पत्र में भी नजर नही आता।अब तो ये स्थिति आ चुकी है कि कुछ राजनीतिक दल , देश के लिये जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर आलोचना करने में गर्व महसूस करते हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आज इक्कीसवीं सदी का भारत , सरकारी व्यवस्थाओं की उस पुरानी सोच को पीछे छोंड़कर आगे बढ़ रहा है। आज का मंत्र है – प्रगति के लिये इच्छा , प्रगति के लिये कार्य , प्रगति के लिये धन , प्रगति की योजना और प्रगति के लिये वरीयता। उन्होंने कहा कि जैसे हम स्किल मैनपावर के बिना किसी भी क्षेत्र में जरूरी परिणाम प्राप्त नहीं कर सकते , वैसे ही आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर के बिना भी हम चौतरफा विकास नहीं कर सकते हैं। पीएम बोले कि हमने देखा है कि कहीं सड़क बनती है। बनने के बाद पानी विभाग के लोग पाइपलाइन डालने के लिये उसे खोद डालते हैं। कहीं सड़क विभाग डायवर्जन बना देता है , ट्रैफिक पुलिस कहती है उससे जाम लग रहा है। ऐसे कई उदाहरण हैं जिनका समन्वय करने में दिक्कत आती थी। इससे बजट की भी बर्बादी होती है , सबसे बड़ा नुकसान है कि शक्ति जुड़ने की जगह शक्ति विभाजित हो जाती है। उन्होंने कहा कि सरकारी विभागों के बीच आपसी तालमेल की कमी है।प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले सत्तर वर्षों की तुलना में भारत स्पीड से काम कर रहा है। पहली नेचुरल गेस पाइपलाइन वर्ष 1987 में कमीशन हुई थी। फिर साल 2014 तक सत्ताईस साल में देश में पंद्रह हजार किलोमीटर नेचुरल गैस पाइपलाइन बनी। आज देश भर में सोलह हजार किलोमीटर से ज्यादा गैस पाइपलाइन पर काम चल रहा है। जितना काम सत्ताईस वर्षों में हुआ , उससे ज्यादा काम हम उसके आधे समय में करने वाले हैं। पीएम मोदी ने कहा कि वर्ष 2014 से पहले के पांच सालों में सिर्फ तीन हजार किलोमीटर रेलवे का बिजलीकरण हुआ था। बीते सात सालों में हमने चौबीस हजार किलोमीटर से भी अधिक रेलवे ट्रैक का बिजलीकरण किया है। उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2014 के पहले लगभग दो सौ पचास किलोमीटर ट्रैक पर ही मेट्रो चल रही थी। आज सात सौ किलोमीटर तक मेट्रो का विस्तार हो चुका है और एक हजार किलोमीटर नये मेट्रो रूट पर काम चल रहा है। पीएम ने यह भी बताया कि आने वाले चार-पांच साल में देश में दो सौ से ज्यादा नये एयरपोर्ट , हेलिपैड और वाटर एयरडोम बनने जा रहे हैं। देश के किसानों , मछुआरों की आय बढ़ाने पर काम चल रहा है। अब काम की रफ्तार भारत की पहचान बन रहा है , जिससे देश को विश्वास है कि भारत तेजी से काम कर सकता है।
बताते चलें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंद्रह अगस्त स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से ही गति शक्ति योजना का ऐलान किया था। सोलह केंद्रीय मंत्रालय का ग्रुप नई दिल्ली के प्रगति मैदान में पीएम ‘गति शक्ति’ लॉन्च इवेंट हुआ।लॉन्चिंग इवेंट में मौजूद प्रधानमंत्री मोदी ने रिमोट बटन दबाकर योजना की शुरुआत किये।
क्या है यह नेशनल मास्टर प्लान ?
प्रधानमंत्री गति शक्ति- नेशनल मास्टर प्लान औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के साथ-साथ एयरपोर्ट , नई सड़कों और रेल योजनाओं सहित यातायात की व्यवस्था को दुरूस्त करेगा। नेशनल मास्टर प्लान से यह भी पता चलेगा कि कहां सड़क बनी है और कहां सड़क बनने की जरूरत है ? इसके जरिये युवाओं के लिये रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे।
इस डिजिटल मंच की मदद से विकास कार्यों को स्पीड देने की कोशिश होगी। इससे उद्योगों की कार्य क्षमता बढ़ाने में मदद होगी , स्थानीय विनिर्माताओं को बढ़ावा मिलेगा।इसके तहत सोलह मंत्रालयों और विभागों ने उन सभी परियोजनाओं को मोड में डाल दिया है , जिन्हें वर्ष 2024-25 तक पूरा किया जाना है।