हमारा वसुंधरा उद्यान याने बिलासा ताल अपनी ही दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है साज सज्जा खत्म, टूटा झूला – फूटा नाव लाइटिंग ले गए चोर: नहीं आते अब पर्यटक शाम को नशेड़ियों का बनता है मयखाना

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हमारा वसुंधरा उद्यान याने बिलासा ताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है साज सज्जा खत्म टूटा झूला – फूटा नाव लाइटिंग ले गए चोर: नहीं आते अब पर्यटक शाम को नशेड़ियों का बनता है मयखाना

भुवन वर्मा बिलासपुर 24 सितंबर 2021

बिलासपुर। बिलासा ताल अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है भ्रष्ट नौकरशाह के लीपापोती कार्यों की वजह से ताल अब आम लोगों के जाने के लायक नहीं रहा । एक समय परिवार सहित लोग मनोरंजन ,झूला एवं वोटिंग के लिए आया करते थे । वन विभाग के अधिकारीगण आज बजट का रोना रोकर नया प्रोजेक्ट बनाने में लगे हैं । नगर विधायक शैलेश पांडे ताल का निरीक्षण करते हुए पूर्ण उद्यान के रूप में विकसित करने की बात कहे थे ।

वहीं वन विभाग का बिलासा ताल वसुंधरा उद्यान आज बदहाल हो चुका है । यही कारण है कि यहां पर्यटक भी नहीं आना चाहते मेंटेनेंस के लिए वन विभाग के पास फंड नहीं है पर्यटन पर्यटक नहीं आने से गेट मनी भी नहीं मिल पा रहा है । यहां बनाए गए लकड़ी की ब्रिज – बोट सभी जर्जर होकर कंडम हो चुके हैं । लाइटिंग चोरों के हत्थे लग चुकी है । रखरखाव के अभाव में सुंदर सा बिलासा ताल खंडहर में तब्दील हो चुका है ।

बिलासा ताल के प्रभारी वन विभाग के अधिकारी 2 साल से केवल प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजने में लगे हैं अधिकारियों ने वन विभाग के इस शहर से लगे हुए सुंदर उद्यान को सवारने में अब कोई भी ही दिलचस्पी नही दिखा रहे हैं । दो वर्ष पूर्व तत्कालीन कलेक्टर डॉक्टर संजय अलंग ने बेहतर संचालन हेतु महिला समूह देवसेना के उनके उत्साह और लगन को देखते हुए उक्क्त महिला समूह को देने की बात भी किए थे । लेकिन वन विभाग के चालाक चतुर अधिकारी कर्मचारी अपनी मलाई खत्म न हो जाए। इस चक्कर में उस समूह को अंततः बिलासा ताल देने से किंतु परंतु करते करते अंततः इंकार कर दिये ।

तत्कालीन वन मंडल अधिकारी द्वारा कहा गया था ताल पहुंचने वाले पर्यटकों को आने वाले दिनों ओपन जिम, खेल उद्यान और मोटर बाइक जैसी सुविधाएं मिलने वाली है जो अब एक सपना बन के रह गया है । नगर विधायक के निरीक्षण और निर्देश के बाद वन विभाग ने सुविधाएं बढ़ाने के लिए एक करोड़ रुपये का प्रस्ताव तैयार कर मुख्यालय भेजा है। प्रस्ताव की एक प्रति विधायक को भी दी गई थी । ताकि कायाकल्प करने के लिए बजट जल्द ही स्वीकृत हो सके। वह प्रस्ताव अभी कहां है और किस स्थिति में है जवाबदार वन अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं ।


ज्ञात हो कि कोनी मार्ग पर वन विभाग का बिलासा ताल नाम से भव्य वसुंधरा उद्यान विकसित किया गया था । हरियाली व ताल का यह अनोखा केंद्र शुरुआती दौर में वैसे तो बेहद का आकर्षक रहा है। पर देखरेख और बजट के अभाव में अभी इसकी स्थिति बदहाल है। पिछले दिनों नगर विधायक शैलेष पांडेय ने ताल का निरीक्षण किया। इस दौरान वन अफसर भी मौजूद थे। पर्यटकों की घटती संख्या की वजह भी सामने आई। यहां बच्चों के मनोरंज के लिए ढंग से झूले तक नहीं है आप केवल झाड़ झँगल बनकर रह गया है। नगर के आमजन महिला एवं बच्चों की बिलासा ताल पर्यटन स्थल के रूप में अब नहीं रह गया। क्योंकि वहां किसी तरह की आकर्षक व स्वस्थ मनोरंजन की सुविधा नहीं है ।

उस दौरान विधायक ने वन अफसरों को उद्यान में नए सिरे से गतिविधियां शुरू करने के प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिए थे। इसी का पालन करते हुए वन विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है। जिसमें पर्यटकों के लिए ओपन जिम, खेल उद्यान, रोड मरम्मत, कैफेटेरिया के अलावा मोटर बाइक, पाइडल बोट, इलेक्ट्रिानिक टिकट घर, फूल उद्यान व ताल के सामने हिस्से में 110 मीटर नई बाउंड्रीवाल के निर्माण का कार्य शामिल किया है। जो अब केवल झूठे आश्वासन साबित हो रहा है ।


वन विभाग के अधिकारियों द्वारा बताये अनुसार उद्यान में इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे। कैमरे लगने से पर्यटक भी अनुशासित रहते हैं और किसी तरह की शरारत नहीं करते। प्रस्ताव भेजा जा चुका है। अब वन विभाग को राशि स्वीकृत होने का इंतजार है। ताकि जितनी जल्दी हो सके काम को पूरा कर लिया जाए। वन विभाग को उम्मीद भी है कि सुविधाओं का विस्तार और कायाकल्प होने से पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन ये सब याब दूर के ढोल रह गए हैं । हमारा वसुंधरा उद्यान याने बिलासा ताल आज अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है साज सज्जा एवं झूला सब टूट चुका है लाइटिंग चोरी हो चुकी है, नहीं आते पर्यटक नशा करने वालो के लिए मयखाना बन चुका है ।

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