कोरोना प्रोटोकॉल परिपालन के साथ : उत्तराखंड नैनीताल उच्च न्यायालय ने दी चारधाम यात्रा की अनुमति

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कोरोना प्रोटोकॉल परिपालन के साथ उत्तराखंड नैनीताल उच्च न्यायालय न्यायालय ने दी चारधाम यात्रा की अनुमति

भुवन वर्मा बिलासपुर 16 सितंबर 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नैनीताल — उत्तराखंड राज्य के नैनीताल उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा दायर शपथपत्र पर सुनवाई के मद्देनजर चारधाम यात्रा पर कोविड -19 के दौरान लगी प्रतिबंध हटा दिया है। वहीं अदालत ने मामले को सुनने के बाद अपने 28 जून के निर्णय से यात्रा पर लगायी गयी रोक को हटाते हुये सरकार को कोविड -19 के नियम कि पालन करते हुये प्रतिबंध के साथ चारधाम यात्रा शुरू करने के आदेश दे दिये हैं। कोर्ट के यात्रा शुरू करने के आदेश से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है। साथ ही हजारों यात्रा व्यवसायियों व तीर्थ पुरोहितों समेत उत्तरकाशी, चमोली व रुद्रप्रयाग जिले के निवासियों की आजीविका पटरी पर लौटने की उम्मीद है। इससे पहले चारधाम यात्रा में पड़ने वाले जिलों में अच्छी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और कोविड महामारी की तीसरी लहर के खतरे को देखते हुये उच्च न्यायालय ने 28 जून को चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी। उसके बाद उत्तराखंड सरकार सुप्रीम कोर्ट की शरण में पहुंच गई थी , लेकिन सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिल सकी और इस प्रक्रिया में समय गुज़र गया। चारधाम यात्रा पर लगी रोक को हटाने के लिये राज्य सरकार लगातार कोशिशें कर रही थी।चारधाम यात्रा शुरू करने के लिये 10 सितंबर को सरकार ने कोर्ट से मामले की जल्द सुनवाई किये जाने के लिये आवेदन दिया था , जिस पर कोर्ट ने 16 सितंबर का दिन मुकर्रर किया था। मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में सरकार की ओर से यात्रा पर लगी रोक हटाने को दाखिल प्रार्थना पत्र पर सुनवाई हुई। महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर , मुख्य स्थाई अधिवक्ता सीएस रावत ने सरकार का पक्ष रखते हुये स्थानीय लोगों की आजीविका , कोविड नियंत्रण में होने , स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार , एसओपी का कड़ाई से पालन आदि के आधार पर रोक हटाने की मांग की। कोर्ट ने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की रिपोर्ट का भी जिक्र किया। चारधाम यात्रा की अनुमति देने के बाद अदालत ने श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान कोरोना निगेटिव रिपोर्ट और कोविड के दोनों वैक्सीन लगने के प्रमाण पत्र भी जमा करने का आदेश दिया है। इस मामले में नैनीताल उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि एक दिन में केदारनाथ में 800 , बद्रीनाथ में 1200 , गंगोत्री में 600 और यमुनोत्री में 400 भक्तों को जाने की अनुमति दी जा सकेगी। इस मामले में आज उत्तराखंड सरकार की ओर से पेश हुये महाधिवक्ता ने कोर्ट में जानकारी दी है कि कोरोना संक्रमण अब नियंत्रण में आ चुका है। कोरोना के नियंत्रण में आने के बाद यात्रा में लगी रोक को उत्तराखंड सरकार ने हाईकोर्ट से हटाये जाने की मांग की थी। चार धाम यात्रा के लिये उत्तराखंड राज्य सरकार नई एसओपी जारी करेगी। वहीं हाईकोर्ट ने चमोली , रुद्रप्रयाग और उत्तरकाशी जिलों में होने वाली चारधाम यात्रा के लिये आवश्यकतानुसार पुलिस फोर्स तैनात किये जाने के निर्देश भी दिये हैं , इसके अलावा भक्त किसी भी कुंड में स्नान नहीं कर सकेंगे।

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