भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान के अंतर्गत भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता के विषय में आभासी वेबीनार मुख्य अतिथि सुश्री अनुसुईया उइके  राज्यपाल के आतिथ्य में : स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव 16 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक मनाया जाएगा – रूपरेखा प्रस्तुत

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भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान के अंतर्गत भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता के विषय में आभासी वेबीनार मुख्य अतिथि सुश्री अनुसुईया उइके  राज्यपाल के आतिथ्य में : स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव 16 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक मनाया जाएगा – रूपरेखा प्रस्तुत

भुवन वर्मा बिलासपुर 16 अगस्त 2021

अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय बिलासपुर छत्तीसगढ़, के द्वारा 16 अगस्त 2021 को भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी स्मृति व्याख्यान के अंतर्गत भारत में सर्व समावेशी राजनीति की प्रासंगिकता के विषय में आभासी वेबीनार का कार्यक्रम रखा गया। जिस के मुख्य अतिथि परम श्रद्धेय सुश्री अनुसुईया उइके  महामहिम राज्यपाल छत्तीसगढ़ । कार्यक्रम के अध्यक्ष विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी जी रहे। कार्यक्रम का संचालन प्रो सौमित्र तिवारी जी ने किया। सर्वप्रथम डॉ एच. एस. होता ने कुलपति महोदय की अनुशंसा पर स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव जो कि 16 अगस्त 2021 से 15 अगस्त 2022 तक 1 वर्ष तक मनाया जाना है। जिसकी रूपरेखा प्रस्तुत की। जिसमें विश्वविद्यालय के प्रगतिशील गतिविधियों के बारे में चर्चा किया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी (कुलपति, इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय अमरकंटक मध्य प्रदेश) ने अपने विचार रखें। श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को सर्व समावेशी राजनीति के संवाहक की संज्ञा दी और बताया कि अटल जी सीधे जनमानस तक पहुंचने की कला जानते थे। उनका उद्देश्य सभी की सहभागिता और कुशलता निश्चित करना था। वह जन-जन के नायक थे। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता महेश चंद्र शर्मा जी (पूर्व राज्यसभा सांसद) रहे। उन्होंने बताया कि अटल जी विपक्ष के नेता के तौर पर भी जब केंद्र में नेहरू जी की  सरकार थी तब भी वे सामंजस्य पूर्ण राजनीति के पक्षधर रहते थे। वे विपक्ष के नेता के रूप में सरकार के देशहित व जनहित कार्यों का पूर्ण समर्थन करते थे।


कार्यक्रम के अंत में मुख्य अतिथि सुश्री अनुसुईया उइके राज्यपाल छत्तीसगढ़ ने अटल जी के सर्वांग पूर्ण व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए बताया और उनकी कविता के विषय में कहा कि “कदम मिलाकर चलना होगा” अर्थात हम सभी को साथ साथ मिलकर राष्ट्रहित और जनहित के कार्य को करना होगा । इस अद्भुत व्याख्यानमाला और स्वतंत्रता का अमृत महोत्सव जैसे विश्वविद्यालय के  कार्यक्रम हेतु उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेई जी की प्रशंसा करते हुए आभार व्यक्त किया एवं बधाई दी।
कुलपति जी ने अटल जी की स्मृति के उपलक्ष्य पर भविष्य में विद्यार्थियों व शोधार्थियों हेतु  शोध पीठ की स्थापना की भी बात कही। उन्होंने बताया की अटल बिहारी वाजपेयी जी कवि हृदय, महान चिंतक, विचारक राष्ट्रवादी व्यक्तित्व की धनि रहे हैं। उन्होंने कभी भी अन्याय का पक्ष नहीं लिया। विपक्ष ही क्यों ना हो उन्होंने विपक्ष के न्याय पूर्ण बातों का भी समर्थन किया, इसीलिए उन्हें भारतीय राजनीति में अजातशत्रु के नाम से भी जाना जाता रहा है। जिन की प्रशंसा शत्रु भी करते थे।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ सुधीर शर्मा जी ने धन्यवाद    ज्ञापन दिया। कार्यक्रम में देश भर के  विद्यार्थी , श्रोता , गणमान्य नागरिक व मीडिया के बंधु उपस्थित रहे।

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