छत्तीसगढ़ के नये राजगीत का CM भूपेश बघेल ने किया ऐलान, अब हर शासकीय कार्यक्रम में इस गीत को बजाना होगा अनिवार्य – मुख्यमंत्री ने कहा
भुवन वर्मा, बिलासपुर 4 नवंबर 2019
रायपुर 3 नवंबर 2019। राज्योत्सव में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बड़ा ऐलान किया है। मुख्यमंत्री ने मंच से छत्तीसगढ़ के नये राजगीत का ऐलान किया है। अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार… इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां…. महूं पांवे परंव तोर भुँइया…. जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया… ये गीत अब छत्तीसगढ़ का राजगीत होगा। छत्तीसगढ़ के हर शासकीय कार्यक्रम में अब इस गीत को गाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने आज इसे राजगीत के रूप में मान्यता देते हुए स्वीकृति प्रदान कर दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र देव वर्मा द्वारा रचित ये गीत अब से छत्तीसगढ़ का राजगीत होगा।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्योत्सव की प्रसिद्धि और ख्याति का जिक्र करते हुए कहा कि लोगों की इस उत्सव के प्रति उत्साह को देखते हुए दो दिन और कार्यक्रम को बढ़ा दिया गया है। दो दिन तक स्टाल और सास्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता रहेगा। इस दौरान उन्होंने किसानों व व्यापारी वर्ग से आग्रह किया कि वो धान के समर्थन मूल्य 2500 रुपये प्रति क्विंटल पर खरीदी के लिए प्रधानमंत्री को पत्र लिखे।
मुख्यमंत्री ने राज्योत्सव में मौजूद लोगों से ना सिर्फ पत्र लिखने का बल्कि मांगों के समर्थन में दिल्ली चलने का भी अनुरोध किया।
ये है पूरा गीत …
अरपा पैरी के धार, महानदी हे अपार
इँदिरावती हा पखारय तोर पईयां
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
सोहय बिंदिया सहीं, घाट डोंगरी पहार
चंदा सुरूज बनय तोर नैना
सोनहा धाने के अंग, लुगरा हरियर हे रंग
तोर बोली हावय सुग्घर मैना
अंचरा तोर डोलावय पुरवईया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया
रयगढ़ हावय सुग्घर, तोरे मउरे मुकुट
सरगुजा अउ बिलासपुर हे बइहां
रयपुर कनिहा सही घाते सुग्घर फबय
दुरूग बस्तर सोहय पैजनियाँ
नांदगांव नवा करधनिया
महूं पांवे परंव तोर भुँइया
जय हो जय हो छत्तीसगढ़ मईया