हाईकोर्ट में जनहित याचिका ….स्कूलों में छत्तीसगढ़ी में हो पढ़ाई-लिखाई हाईकोर्ट ने राज्य शासन और माध्यमिक शिक्षा मंडल से 2 हफ्ते के भीतर मांगा जवाब
[8/5, 09:25] BHUWAN VERMA हाईकोर्ट में जनहित याचिकास्कूलों में छत्तीसगढ़ी में हो पढ़ाई-लिखाई हाईकोर्ट ने राज्य शासन और माशिमं माध्यमिक शिक्षा मंडल से 2 हफ्ते के भीतर मांगा जवाब
भुवन वर्मा बिलासपुर.5 अगस्त 2021
बिलासपुर । छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिक व पूर्व माध्यमिक स्तर पर माध्यम बनाने पेश जनहित याचिका एक्टिंग चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी की डिवीजन बेंच ने स्वीकार कर ली है. इसके साथ ही शासन के स्कूल शिक्षा. विभाग व माध्यमिक शिक्षा मंडल को नोटिस जारी कर 2 सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. अगली सुनवाई 2 हफ्ते बाद होगी.
छत्तीसगढ़िया क्रांति सेना की प्रदेशाध्यक्ष लता राठौर ने वकील यशवंत ठाकुर के जरिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. इसमें राज्य में छत्तीसगढ़ी मातृभाषा को शिक्षा का माध्यम बनाने की मांग की गई है.
प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर अध्ययन अध्यापन छत्तीसगढ़ी में करने की मांग करते हुए राज्य शासन को निर्देशित करने अनुरोध किया गया है.
मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन के संबंध में जो आधार लिए गए हैं उसमें एक तो यह कि एनसीआरटी ने वर्ष 2005 में आदेश जारी किया था इसमें स्पष्ट कहा गया था कि प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर बच्चों की पढ़ाई के लिए मातृभाषा सशक्त माध्यम होता है इसी प्रकार वर्ष 2009 में केंद्र सरकार द्वारा जारी बालक बालिका शिक्षा के अधिकार कानून की धारा 29 का जिक्र करते हुए कहा गया है कि राज्य शासन प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक पढ़ाई बच्चों की मातृभाषा में कराएगी
तीसरे आधार में याचिकाकर्ता ने केंद्र सरकार द्वारा जारी राष्ट्रीय शिक्षा नीति वर्ष 2020 में दी गई व्यवस्थाओं का जिक्र करते हुए बताया है कि केंद्र सरकार ने जारी शिक्षा नीति में स्पष्ट कर दिया है कि कक्षा पहली से आठवीं तक की शिक्षा मातृभाषा में होनी चाहिए. याचिकाकर्ता ने यह भी कहा कि कहा कि केंद्र सरकार द्वारा मातृभाषा में अध्ययन अध्यापन को लेकर समय-समय पर जारी आदेशों का छत्तीसगढ़ राज्य में परिपालन नहीं हो रहा है. राज्य सरकार इस दिशा में गंभीर नजर नहीं आ रही है. जबकि यहाँ 2007 से छत्तीसगढ़ी को राजभाषा का दर्जा है. 90 प्रतिशत लोग गाँवों में रहकर यही भाषा बोलते हैं. जनहित याचिका की सुनवाई कार्यकारी चीफ जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस एनके चंद्रवंशी के डिवीजन बेंच में हुई. डिवीजन बेंच ने स्कूल शिक्षा विभाग व माध्यमिक शिक्षा मंडल को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने का निर्देश दिया है. इसके लिए कोर्ट ने दोनों विभागों को दो सप्ताह की मोहलत दी है. अगली सुनवाई दो सप्ताह बाद होगी.
- एमए का कोर्स भी संचालित
- याचिका में बताया गया कि राज्य के कई लोक कलाकार इसी भाषा में परफॉर्म करते हैं. कई साहित्यकार, लेखक, नाट्यकार इसी भाषा में काम करते चले आ रहे हैं. दूसरी ओर रविशंकर विवि रायपुर में एमए छत्तीसगढ़ी का कोर्स पिछले 6 साल से चल रहा है. तमिलनाडु, पंजाब, असम, बंगाल से भी यह राज्य क्षेत्रफल में बड़ा है. वहां भी स्थानीय भाषा अध्ययन का माध्यम है ।
About The Author





Explore the ranked best online casinos of 2025. Compare bonuses, game selections, and trustworthiness of top platforms for secure and rewarding gameplaycasino activities.