चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण विधेयक सदन में पारित: अधिग्रहण का फैसला लोकहित में सराहनीय कदम – बैजनाथ चंद्राकर ,बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को आधार बनाते हुए लिया गया निर्णय – प्रमोद नायक
चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण विधेयक सदन में पारित: अधिग्रहण का फैसला लोकहित में सराहनीय कदम – बैजनाथ चंद्राकर ,बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को आधार बनाते हुए लिया गया निर्णय – प्रमोद नायक
भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जुलाई 2021
रायपुर. बैजनाथ चंद्राकर- अध्यक्ष अपैक्स बैंक एवं प्रमोद नायक अध्यक्ष जिला सहकारी केंद्रीय बैंक बिलासपुर ने एक चर्चा में संयुक्त रूप से बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार का लिया गया मेडिकल कॉलेज अधिग्रहण का निर्णय लोकहित में साहसीक कदम बताया। अधिग्रहण का फैसला स्वास्थ्य सीधा विस्तार के कदम में सराहनीय कार्य एवम बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को आधार बनाते हुए लिया गया निर्णय छत्तीसगढ़ वासियों के लिए मिल का पत्थर साबित होगा । ज्ञात हो कि दुर्ग स्थित स्व. चंदूलाल चंद्राकर मेडिकल कॉलेज के अधिग्रहण संबंधित बिल हंगामा, आरोप-प्रत्यारोपों और 3 घंटे तक चली तीखी नोक झोंक के बाद पारित हो गया। छात्र हित और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं को आधार बनाते हुए सरकार कॉलेज का अधिग्रहण करने जा रही है। इसके संचालन में सालाना 140 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि सिर्फ कॉलेज, परिसर और उपकरणों का अधिग्रहण हो रहा है। बाकि की लेनदारी प्रबंधन की जिम्मेदारी है। स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस बिल को सदन के पटल पर रखा।
मेडिकल छात्रों के हित से जुड़ा है विषय
अधिकरण लेने का मुख्य वजह सरकार ने बताते हुए कहा कि नए मेडिकल कॉलेज की लागत 400 से 500 करोड़ वही करीब 4 वर्ष का समय लगता है । पहले से तैयार मेडिकल कॉलेज से हर साल 150 डॉक्टर बन के निकलेंगे । कॉलेज बंद होने से अध्ययनरत छात्रों का भविष्य अंधकार में हो गया था । मेडिकल कालेज की देनदारियों प्रमोटर्स की व्यक्तिगत जवाबदारी होंगी । पूर्ण पारदर्शी प्रक्रिया है किसी को लाभान्वत नहीं किया गया है ।
जनहित का सर्वमान्य निर्णय लिया गया है ।
यह उदाहरण नहीं बनेगा
स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने सदन को बताया कि यह विधेयक भविष्य में उदाहरण (दृष्टांत) न बने, इस बात का स्पष्ट उल्लेख फाइल में किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य राज्य के सभी 11 लोकसभा क्षेत्रों में मेडिकल कालेज खोलने का है। इनमें से सात हैं। दो को खोलने की तैयारी चल रही है। केवल दुर्ग और जांजगीर लोकसभा सीट बची थी। इस मेडिकल कालेज के अधिग्रहण के बाद केवल जांजगीर रह जाएगा। उन्होंने बताया कि अस्पताल पर प्रतिवर्ष 140 करोड़ रुपये खर्च पेश होगा। रायपुर और बिलासपुर मेडिकल कालेज का प्रतिवर्ष का बजट 200-200 करोड़ है।