हमारा सिम्स अस्पताल कोमा में है- अतः सोनोग्राफी– बंद ,डेंटल एक्सरे –बंद, टीएमटी लिथोट्रिप्सी मशीन –काम नहीं कर रहा है ,रेडियोलॉजी भाग– एक माह से बंद है , एंडोस्कोपी –बंद ,एचआरसीटी -बंद , ध्यान रहे सभी दवाइयां बाहर से लेनी होगी
हमारा सिम्स अस्पताल कोमा में है- अतः सोनोग्राफी– बंद ,डेंटल एक्सरे –बंद, टीएमटी लिथोट्रिप्सी मशीन –काम नहीं कर रहा है ,रेडियोलॉजी भाग– एक माह से बंद है , एंडोस्कोपी –बंद ,एचआरसीटी -बंद , ध्यान रहे सभी दवाइयां बाहर से लेनी होगी
भुवन वर्मा बिलासपुर 22 जुलाई 2021
बिलासपुर । सावधान क्या आप अपने व परिजन का उपचार कराने सिम्स जा रहे हैं । तो निम्न बातों को जान ले फिर जाने को सोचे,,,, क्योंकि यहां कुछ भी ठीक नहीं है बड़ी मुश्किल से डॉक्टर मिलेंगे तो दवाई नहीं दवाई नहीं वही किसी तरह का जांच नही
क्योंकि हमारा सिम्स अस्पताल कोमा में है………………
सोनोग्राफी– बंद
डेंटल एक्सरे –बंद
टीएमटी लिथोट्रिप्सी मशीन –काम नहीं कर रहा है ।
रेडियोलॉजी भाग– एक माह से बंद है ।
एंडोस्कोपी –बंद
एचआरसीटी- -बंद
दवाइयां –सभी बाहर से लेनी होगी ।
नोट:- कृपया सिम्स में उपचार कराने आने के पहले जांच हेतु बाहर जानी होगी । मोटी रकम की व्यवस्था करके ही आवे ।
प्रबंधक सिम्स बिलासपुर
सिम्स अपनी बदहाली की कथा स्वयं बयां कर रही है । दवाओं की किल्लत बारहमासी है ।
कोरना काल में संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल का हाल बेहाल है। सम्भाग के अन्य जिला अस्पतालो से क्या उम्मीद की जा सकती है । कहने के तो 750 बिस्तरों की सबसे बड़ा अस्पताल मेडिकल कॉलेज सिम्स में अव्यवस्थाओं का आलम व्याप्त है । डॉक्टर मरीजों को बाहर की दवाई और जांच के लिए लिखते हैं । क्योंकि यहाँ की सभी मशीन बिगड़ी हुई है और बाहर से जांच लिखने पर संबंधित जांच सेंटर से डॉक्टरों का भी भला हो जाता है । पिछले 15 दिन से सिम्स का सोनोग्राफी मशीन खराब है । अतः सिम्स में इलाज कराना है तो प्राइवेट में सोनोग्राफी कराना होगा । रेडियोलोजी विभाग में 27 दिनों से सोनो ग्राफी मशीन खराब होने से बंद पड़ी है । रोजाना जिले एवं आसपास के हजारों की संख्या में मरीज पहुंच रहे हैं । लेकिन मशीन खराब होने के कारण मरीजों को आसपास सिम्स के बाहर सोनोग्राफी करानी पड़ती है । ज्ञात हो कि सोनोग्राफी विभाग प्रतिमाह आधे से ज्यादा दिन स्वयं ही बीमार रहता है ।
इसके अलावा टीएमटी लिथोट्रिप्सी मशीन सालों से बंद है । वही डेंटल एक्सरे मशीन धूल खाते हुए पड़ी है । अधीक्षक को दंत रोग विभाग के मशीन को देखने का या चालू कराने की भी फुर्सत नहीं है ।
वही सिम्स के आसपास के दांतो के हॉस्पिटल में सब कुछ चालू है । शायद सिम्स प्रबंधन ही नहीं चाहता मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में सब कुछ ठीक हो पीआरओ डॉ आरती पांडे डेंटल एक्सरे कब चालू होगा इस पर कहती हैं मैं कुछ नहीं कर सकती सिम्स में इस समय सबकुछ राम भरोसे है ।
हड्डी से जुड़ी ऑपरेशन में काम आने वाली सी आर्म मशीन ढाई साल से खराब पड़ी है । साल भर पहले सीजी एमएससी ने 2 मशीनें खरीद कर दी । लेकिन प्रबंधन उसका इस्तेमाल इसलिए नहीं कर रहा है कि मांग के अनुरूप मशीन नहीं दी गई। हड्डी का ऑपरेशन नहीं होने से आम आदमी को निजी अस्पताल में 40 से 50 हजार खर्च कर अपना परेशन कराना पड़ रहा है । गंभीर भी मरीज बिना इलाज के यहां से लौट जाते हैं आर्थिक तंगी से जूझ ने वालों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है । सिम्स में हर माह करीब 130 मरीजों को हड्डी का ऑपरेशन के लिए सी आर्म मशीन की जरूरत पड़ती है । लेकिन सुविधा नहीं मिलने के कारण मरीजों को मजबूरन प्राइवेट हॉस्पिटल को जाना पड़ता है ।
सब मिलीभगत का खेल है गरीब आमजन इलाज के लिए चक्कर काटते रहे अपनी बला से प्रबंधन पेपर वर्क में व्यस्त है ।
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