सुप्रीम कोर्ट ने की सीबीएसई और आईसीएसई के परीक्षाओं के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने की सीबीएसई और आईसीएसई के परीक्षाओं के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

भुवन वर्मा बिलासपुर 22 जून 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई और आईसीएसई के परीक्षाओं को रद्द करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को आज खारिज कर छात्रों के परीक्षा पैटर्न का मूल्यांकन करने के लिये बोर्ड द्वारा लायी गई मूल्यांकन योजना को आगे बढ़ाने की भी अनुमति दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि सरकार और बोर्ड दोनों ही छात्रों को लेकर चिंतित हैं ,इसलिये परीक्षा को रद्द करने का फैसला लिया गया है। आज मंगलवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सीबीएसई व आईसीएसई ने 12वीं के मूल्यांकन स्कीम को सही और तार्किक देते हुये कहा कि सीबीएसई या आईसीएसई परीक्षा रद्द करने के फैसले को किसी की व्यक्तिगत अवधारणा से तय नहीं किया जा सकता , ये बड़े जनहित में लिया गया फैसला था। जस्टिस एएम खानविलकर और दिनेश माहेश्वरी की विशेष पीठ ने कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई की मूल्यांकन स्कीम में दखल देने की कोई वजह नजर नहीं आती है। सुप्रीम कोर्ट ने मूल्यांकन स्कीम में स्कूलों द्वारा धांधली की आशंका के आरोप पर भी किसी तरह का आदेश पारित करने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने पाया कि इसके लिये बाकायदा एक रिजल्ट कमेटी होगी, जो इस पर गौर करेगी। कमेटी में स्कूल के ही नहीं बल्कि बाहरी सदस्य भी होंगे। वहीं जस्टिस ए०एम० खानविलकर और जस्टिस दिनेश माहेश्वरी की पीठ ने छात्रों को शुरुआत में मूल्यांकन स्कीम या परीक्षा में बैठने में से किसी एक विकल्प को चुनने की मांग सहित बारहवीं की फिजिकल परीक्षा जुलाई में ही आयोजित कराने की मांग को भी ठुकरा दिया। बता दें शीर्ष अदालत परीक्षाओं को आयोजित करने की मांग याचिका के साथ ही 1152 छात्रों द्वारा दायर एक संयुक्त याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसमें सीबीएसई कक्षा बारहवीं की कंपार्टमेंट परीक्षा , राज्य बोर्ड बारहवीं की परीक्षा और अन्य बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की गई थी।

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