मानवता पर वैश्विक महामारी कोरोना सबसे बड़ा खतरा है – इस लड़ाई को साथ मिलकर ही जीता जा सकता है : प्रधानमंत्री मोदी
मानवता पर वैश्विक महामारी कोरोना सबसे बड़ा खतरा है – इस लड़ाई को साथ मिलकर ही जीता जा सकता है : प्रधानमंत्री मोदी
भुवन वर्मा बिलासपुर 26 मई 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली – वैश्विक महामारी कोरोना अभी खत्म नहीं हुआ है , भारत समेत कई देशों में कोरोना की दूसरी लहर चल रही है। पिछली एक सदी में हमने ऐसी महामारी नही देखी है , यह महामारी कई लोगों के दरवाजे पर दु:ख और दर्द लेकर आयी है। इस महामारी ने सभी देशों को प्रभावित किया है , इससे आर्थिक रूप से भी काफी नुकसान हुआ है। हमारा ग्रह कोरोना के बाद पहले जैसा नही रहेगा। भविष्य में घटनाओं को कोरोना से पहले और कोरोना के बाद के तौर पर याद किया जायेगा। कोरोना की वजह से आज पूरी दुनियां संकट में है। इस लड़ाई को साथ मिलकर ही जीता सकता है।
उक्त बातें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर वेसाक ग्लोबल सेलिब्रेशन को बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से देशवासियों को संबोधित करते हुये कही। पीएम मोदी ने इस दौरान कोरोना को मानवता पर सबसे बड़ा खतरा बताते हुये इसके कहर का जिक्र किया , साथ ही भगवान बुद्ध की शिक्षाओं को जीवन में उतारने की बात भी कही। बता दें इस वर्चुअल समारोह का आयोजन संस्कृति मंत्रालय की ओर से किया जा रहा है। हर वर्ष बुद्ध पूर्णिमा पर कई कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय की ओर से आयोजित किये जाते हैं लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार यह आयोजन वर्चुअली आयोजित किया जा रहा है। इस दौरान पीएम ने कहा कि एक बार फिर अपने फ्रंटलाइन हेल्थकेयर वर्कर्स , डॉक्टरों , नर्सों को सलाम करता हूं जो नि:स्वार्थ भाव से दूसरों की सेवा करने के लिये अपनी जान जोखिम में डालते हैं। पीएम ने इस दौरान उन लोगों के प्रति शोक प्रकट किया , जिन्होंने कोरोना महामारी में अपनी जान गंवा दी। उन्होंने चलें पिछले साल भी मैंने वेसाक पर इस कार्यक्रम को संबोदित किया था। यह कार्यक्रम कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे सभी फ्रंट लाइन वर्कर्स के सम्मान में था। एक साल बाद हम देख रहे हैं कि निरंतरता और बदलाव का संयोग देख रहे हैं। कोरोना की दूसरी लहर ने काफी तबाही मचायी है। हमारे वैज्ञानिक और डाक्टर लगातार कोरोना के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं , वैक्सीन का काम भी जारी है। कोरोना की वजह से पूरी दुनियां संकट में है। महामारी ने दुनिया को बदल कर रख दिया है। भारत समेत कई देशों ने कोरोना की दूसरी लहर का सामना किया है। जान बचाने और महामारी को हराने के लिये टीका निश्चित तौर पर महत्वपूर्ण और अहम हथियार है। कोरोना महामारी के अलावा भी मानव समाज के आगे कई बड़ी चुनौतियां हैं। इस लड़ाई को साथ मिलकर ही जीता सकता है। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि संकट की इस घड़ी में महात्मा बुद्ध के संदेश हमें राह दिखा सकते हैं। शांति , मानव सेवा और प्रेम भगवान बुद्ध का प्रमुख संदेश था। भगवान बुद्ध ने जीने के तरीके और प्रकृति मां के सम्मान पर बड़ा जोर दिया था।
बता दें कि यह आयोजन भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ (आईबीसी) के सहयोग से किया गया। इस वर्चुअल कार्यक्रम में श्रीलंका और नेपाल प्रधानमंत्री के अलावा दुनियां भर के बौद्ध संघों के सर्वोच्च प्रमुख धर्मगुरु शामिल हुये। उल्लेखनीय है कि बुद्ध पूर्णिमा बौद्ध धर्म मानने वाले लोगों के लिये सबसे बड़ा पर्व है। इस धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग चीन , जापान , कोरिया , थाईलैंड , कंबोडिया , श्रीलंका , नेपाल , भूटान और भारत में रहते हैं। वे इस दिन बोधि वृक्ष की पूजा करते हैं। श्रीलंका में इस दिन को वेसाक के नाम से मनाया जाता है।
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