सेवा भाव का पर्याय:आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस विशेष – मेनका वर्मा की कलम से
सेवा भाव का पर्याय:आज अंतर्राष्ट्रीय नर्स दिवस विशेष – मेनका वर्मा की कलम से
अस्मितावेब 12 मई 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
भिलाई — इस विकराल महामारी के समय अपने जीवन का मोह, परिवार के स्वास्थ्य की चिंता त्याग लगातार परिवार से दूर रहकर निरन्तर बिना शिकायत असुविधाजनक लबादे में खुद को लपेटकर लगातार लोंगो के स्वास्थ्य के प्रति मुस्तैदी से डटी हुई दुनियाभर की नर्सेस को नमन करते हुए सैल्यूट है उनके सजग सिपाही की तरह सैन्य जज़्बे को जिनके साथ लोग लगातार कोरोना को मात देकर विजयी हो रहे हैं। प्रतिवर्ष 12 मई को अंतर्राष्ट्रीय नर्सेस दिवस मनाया जाता है जो इस सेवा की संस्थापक फ्लोरेंस नाइटेंगल के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। 12 मई 1820 को ब्रिटिश परिवार में जन्मी फ्लोरेंस नाइटेंगल अपनी सेवा भावना के लिये जानी जाती है।उन्होंने क्रीमिया के युद्घ के दौरान कई महिलाओं को नर्सिंग की ट्रेंनिग दी और सैनिकों का इलाज किया था ।उन्होंने नर्सिंग को एक पेशा बनाया और विक्टोरियन संस्कृति की आइकॉन मानी गईं।रातों को सैनिको का इलाज करने के कारण वह “लेडी विथ द लैंप” के नाम से जानी गई।1860 में नाइटेंगल ने लंदन में सेंट थॉमस अस्पताल में अपने नर्सिंग स्कूल की स्थापना की और पेशेवर नर्सिंग की नींव रखी थी। यह दुनिया का पहला नर्सिंग स्कूल था जो अब लन्दन के किंग्स कॉलेज का हिस्सा है उनके नाम पर ही नई नर्सों द्वारा नाइटिंगल प्लेज़ ली जाती है।नर्सेस के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पलोरेंस नाइटेंगल मैडल ही सबसे उच्च प्रतिष्ठित मैडल है। यह दिवस लोंगो के स्वास्थ्य के प्रति नर्सों के योगदान के प्रतीक रूप में मनाया जाता है। रोगियों की 24 घण्टे देखभाल की जिम्मेदारी नर्सों पर ही होती है। मरीजों के शारीरिक कष्टों के अलावा उनके मानसिक स्वास्थ्य का भी वे ध्यान रखते हैं। रोगियों का मनोबल बढ़ाकर बीमारी के नियंत्रण में मित्रवत ,सहायक ,स्नेहशील और आवश्यकता पड़ने पर सख्ती बरतकर भी वे मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति सजग रहती हैं। स्वास्थ्य सेवाओं में नर्सेस के योगदान को सम्मानित करने के लिये,रोगियों के कल्याण के लिये नर्सेस को शिक्षित और प्रशिक्षित करने के लिये,नर्सेस से सम्बंधित मुद्दों पर चर्चा के लिये,उनकी मेहनत और समर्पण की सराहना करने के लिये इस दिवस को प्रतिवर्ष मनाया जाता है।
मेनका वर्मा “मौली”
प्रगति नगर भिलाई