रेलवे जोनल कोविड हॉस्पिटल राम भरोसे : गंभीर मरीज घंटों तड़पती रही धूप में, अंततः वार्ड गेट का ताला तोड़ना पड़ा

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रेलवे जोनल कोविड हॉस्पिटल राम भरोसे : गंभीर मरीज घंटों तड़पती रही धूप में, अंततः वार्ड गेट का ताला तोड़ना पड़ा

भुवन वर्मा बिलासपुर 2 मई 2021

बिलासपुर। रेलवे जोनल हॉस्पिटल कोविड- वार्ड में अव्यवस्था का आलम व्याप्त है । इस महामारी काल में भी घोर लापरवाही बरती जा रही है । वर्तमान परिस्थिति में कोविड-वार्ड का गेट मरीजों के लिए हमेशा खुली होनी चाहिए । वहां ताला बंद कर जवाबदार का अता पता नहीं घंटों चाबी ढूंढने में लग गया । अंततः ताला तोड़कर गंभीर मरीज को वार्ड में भर्ती किया गया । ऐसे में रेलवे कोविड हॉस्पिटल में बेहतर उपचार की उम्मीद कैसे की जा सकती है । ज्ञात 1 मई को रिटायर्ड रेल कर्मचारी रामनारायण की धर्मपत्नी श्रीमती शांतिदेवी( उम्र 65) कोरोना पॉजिटिव है जिन्हें दिनांक 30 अप्रैल 21 को ऑक्सीजन लेबल कम हो जाने पर रेलवे हॉस्पिटल ले जाया गया था । रेलवे में बेड की कमी बोलकर केवल 4 घंटे ऑक्सीजन लगाने के बाद घर भेज दिया गया था।जिनकी हालात 1 मई को सुबह फिर से खराब होने पर रेलवे हॉस्पिटल लाया गया था सास लेने में तकलीफ हो रही थी इमरजेंसी में ऑक्सीजन लगाया गया एवं कोविड वार्ड में भर्ती करने के लिए भेज गया था वहाँ अंदर से ताला बंद था एवं 30 मिनट तक चाभी नही मिली वार्ड बॉय को तब तक मरीज धूप में तड़प रही थी । फिर आनन फानन में ताला तोड़कर उनकी अंदर भर्ती किया गया । इस वाक्य से अंदाज लगाया जा सकता है रेलवे प्रबंधन कितनी गंभीर है कोविड-19 जो के उपचार में

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