90% बीमारी का मूल कारण नकारात्मक विचार ऊर्जा का उत्पन्न होना है : सकारात्मक सोच रखे तभी भागेगा कोरोना

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90% बीमारी का मूल कारण नकारात्मक विचार ऊर्जा का उत्पन्न होना है : सकारात्मक सोच रखे तभी भागेगा कोरोना

कोरोना सबको होगा……,
ये ध्यान रहे……,
और सकारात्मक सोच से ही हम स्वस्थ होंगे ………,

भुवन वर्मा बिलासपुर 13 अप्रैल 2021

बिलासपुर । अमेरीका मे एक कैदी को जब फाँसी की सजा सुनाई ,तब वहाँ के कुछ वैज्ञानिकों ने विचार किया कि इस कैदी पर एक प्रयोग किया जाये, तब उस कैदी को बताया गया कि उसे फाँसी की बजाय विषधर कोब्रा से डसवा कर मारा जाएगा।फाँसी वाले दिन उसके सामने एक बड़ा विषधर साँप लाया गया तथा कैदी की आँखो पर पट्टी बाँध कर कुर्सी पर बाँध दिया गया।इसके बाद उसे साँप से ना डसवा कर सेफ्टी पिन चुभाई गई ।आश्चर्य की बात यह हुई कि कैदी की २ सेकंड में ही मौत हो गई। पोस्टमार्टम रिपोर्ट मे कैदी के शरीर में “व्हेनम सदु्श्यम”
विष मिला ,ये विष कहाँ से आया जिससे कैदी की मृत्यु हुई ? पोस्टमार्टम के बाद पता चला कि ये विष कैदी के शरीर में मानसिक डर की वजह से, उसके शरीर ने ही उत्पन्न किया था।

अतः तात्पर्य ये है कि हमारी अपनी मानसिक स्थिति के अनुसार Positive अथवा Negative एनर्जी उत्पन्न होती है तद्दानुसार ही हमारे शरीर में HORMONES पैदा होते हैं 90% बीमारी का मूल कारण नकारात्मक विचार ऊर्जा का उत्पन्न होना है।आज मनुष्य गलत विचारों का भस्मासुर बना कर खुद का विनाश कर रहा है।मेरे मतानुसार कोरोना को मन से ना लगाओ 5 वर्ष से लेकर 80 वर्ष तक के लोग Negative हो गये हैं आकड़ों पर ना जाए , आधे से ज्यादा लोग व्यवस्थित हैं
मृत्यु पाने वाले केवल कोरोना की वजह से नहीं बल्कि उन्हें अन्य बीमारियाँ भी थीं ,जिसका मुकाबला वे कर नहीं सके। ये याद रखें कोरोना की वजह से कोई भी घर पर नहीं मरा सबकी मृत्यु अस्पताल मे ही हुई कारण अस्पताल का वातावरण एवं मन का भय इसलिए अपने विचार सकारात्मक रखें और आनंद से रहें : Think Positive and Believe good will happen…..

मनोचिकित्सक की सलाह.

1 कोरोना से जुड़ी ज्यादा खबरें ना देखे ना सुने , आपको जितनी जानकारी चाहिए आप पहले से ही जान चुके हैं

2 कहीं से भी अधिक जानकारी एकत्र करने का प्रयास छोड़ें क्योंकि ये आपकी मानसिक स्तिथि को और ज्यादा कमजोर ही करेगा

3. दूसरों को वायरस से संबंधित सलाह ना दें क्योंकि सभी व्यक्तियों की मानसिक क्षमता एक सी नहीं होती , कुछ डिप्रेशन अर्थात अवसाद का शिकार हो सकते हैं

4. जितना संभव हो संगीत सुनें , अध्यात्म , भजन आदि भी सुन सकते है, बच्चों के साथ बोर्ड गेम खेलें , परिवार के साथ बैठकर आने वाले वर्षों के लिए प्रोग्राम बनाएं

5. अपने हाथों को नियमित अंतराल पर अच्छे से धोएं , सभी वस्तुएं की सफाई भी करें , किसी भी नव आगंतुक को 1 मीटर दूर से मिले ।

6 आपकी नकारात्मक सोच-विचार की प्रवृति डिप्रेशन बढ़ाएगी और वायरस से लड़ने की क्षमता कम करेगी दूसरी ओर सकारात्मक सोच आपको शरीर और मानसिक रूप से मजबूत बनाकर किसी भी स्तिथि या बीमारी से लड़ने में सक्षम बनाएगी ।

7. अत्यंत आवश्यक …विश्वास दृढ़ रखें कि ये समय शीघ्र ही निकलने वाला है और आप हमेशा स्वस्थ और सुरक्षित रहेंगे।

सकारात्मक रहें -स्वस्थ रहें , आयो मिलकर-सकारात्मक विचार फैलाए। जय हिंद 🇮🇳
🙏🏻 हिन्दू नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं,,,,🚩🚩

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