शर्मसार करती खबर..अनिता बघेल दिब्यागों की ब्रांड एम्बेसडर : क्रिकेट व बास्केटबॉल में है छत्तीसगढ़ की कप्तान, करती है मजदूरी – दाने दाने को है मोहताज

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शर्मसार करती खबर..अनिता बघेल दिब्यागों की ब्रांड एम्बेसडर : क्रिकेट व बास्केटबॉल में है छत्तीसगढ़ की कप्तान, करती है मजदूरी – दाने दाने को है मोहताज

भुवन वर्मा बिलासपुर 27 मार्च 2021

जांजगीर-चांपा । अनीता बघेल कहने के तो स्पोर्ट्स जगत की नमी हस्ती है । छत्तीसगढ़ के प्रशासनिक आतंक की शिकार अनीता गोल्ड मेडलिस्ट दाने दाने जाने के लिए जूझती खिलाड़ी की वर्तमान स्थिति सोचने को मजबूर करती है । . ‘ब्रांड एम्बेसडर बनाने से पेट नहीं भरता साहब, दो वक्त की रोटी के लिए काम चाहिए। मैं एमएससी, पीजीडीसीए, बीएड और एमएड करने के बाद भी मजदूरी करने को मजबूर हूँ। यह कहना है, व्हीलचेयर क्रिकेट एवं वास्केटबॉल छत्तीसगढ़ की कप्तान अनिता बघेल का। अनिता को तमाम मेडल्स मिले, प्रमाण- पत्र भी मिले, लेकिन दो वक्त के खाने का मुकम्मल इंतजाम नहीं हो सका। वे कहती हैं कि चाहे मेरे मेडल खरीद लो, मगर मुझे रोजगार दे दो। अनिता पेट पालने के लिए तीन-चार कलेक्टरों के अलावा सीएम से भी गुहार लगा चुकी है, लेकिन उसे केवल आश्वासन ही मिला।

पढ़ाई- लिखाई के अलावा क्रिकेट वबास्केटबॉल में अनिता देश के कई महानगरों में लोहा मनवा चुकी है। इसके बाद भी उसे केवल शील्ड, मेडल व प्रशस्ति-पत्र के अलावा कुछ नहीं मिला। सारी उपलब्धियां घर में धूल खा रही और यह नायाब खिलाड़ी पाई-पाई को मोहताज है ।

5000 में चलाती है घर का खर्च

अनिता जांजगीर-चांपा जिला मुख्यालय से लगे गांव खोखरा के वृद्धाश्रम में मजदूरी करती है। इसके बदले उसे 4-5 हजार रुपए मिलते हैं। इसी रकम से वह घर चलाती है।

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