पतंजलि ने दुबारा किया कोरोनिल दवा लाॅन्च
पतंजलि ने दुबारा किया कोरोनिल दवा लाॅन्च
भुवन वर्मा बिलासपुर 19 फरवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली — बाबा रामदेव ने छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर आज कोरोनावायरस की नई आयुर्वेदिक दवा और दवा के रिसर्च पेपर की पुस्तकें भी लॉन्च की है। पतंजलि का दावा है कि नई दवा साक्ष्यों पर आधारित है। नई दवा के लॉन्च के मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन और केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी मौजूद रहे। नई दवा का नाम भी कोरोनिल ही है , पतंजलि का कहना है कि कोरोनिल टैबलेट से अब कोविड का इलाज होगा। आयुष मंत्रालय ने कोरोनिल टैबलेट को कोरोना की दवा के तौर पर स्वीकार कर लिया है। यह कोरोनावायरस की पहली प्रामाणिक दवा है। इस दवा को बनाने में कोरोना के सभी प्रोटोकॉल को फालो किया गया है। दवा लांच करते हुये बाबा रामदेव ने कहा कि योग आयुर्वेद को रिसर्च बेस्ड ट्रीटमेंट के तौर पर चिकित्सा पद्धति के रूप में अपनाया जा रहा है। आचार्य बालकृष्ण ने कहा कि कोरोनिल का इस्तेमाल पहले से लोग कर रहे थे, लेकिन अब डीजीसीए के बाद हमें डब्लूएचओ से अप्रूवल मिल गया है, ये 154 देशों के लिये अप्रूवल मिला है, इसके बाद हम अब आधिकारिक रूप से कोरोनिल का निर्यात कर सकते हैं, हमने वैज्ञानिक पद्धति से कोरोनिल पर रिसर्च किया है। इस दौरान बाबा रामदेव ने कहा कि हेल्थ के क्षेत्र में भारत आत्मनिर्भर और ग्लोबल लीडर बन रहा है, योग और आर्युवेद को हम वैज्ञानिक प्रमाणिकता के साथ स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। पतंजलि ने सैकड़ों रिसर्च पेपर अब तक पब्लिश किये हैं, हमने योग क्रियाओं को वैज्ञानिक तथ्यों के साथ दुनियां के सामने रखा है। बाबा रामदेव ने कहा, ‘जब हमने कोरोनिल के जरिये लाखों लोगों को जीवनदान देने का काम किया तो कई लोगों ने सवाल उठाये। कुछ लोगों के मन में रहता है कि रिसर्च तो केवल विदेश में हो सकता है, खासतौर पर आयुर्वेद के रिसर्च को लेकर कई तरह के शक किया जाता हैं, अब हमने शक के सारे बादल छांट दिये हैं , हमने कोरोनिल से लेकर अलग-अलग बीमारी पर हमने रिसर्च किया है। हमने एविडेंस और रिसर्च के आधार पर यह दवा तैयार की है।रामदेव ने दावा किया कि पतंजलि रिसर्च इंस्टिट्यूट की यह दवा विश्व स्वास्थ्य संगठन से सर्टिफाइड है। दावा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे जीएमपी यानी ‘गुड मैनुफैक्चरिंग प्रैक्टिस’ का सर्टिफिकेट दिया है। रामदेव ने कहा कि यह दवा ‘एविडेंस बेस्ड’ है। इस मौके पर नितिन गडकरी ने कहा कि मुझे खुशी है कि योग आयुर्वेद में रिसर्च के लिये बाबाजी और आचार्य जी ने बहुत बड़े अनुसंधान संस्थान की स्थापना की है। योग और आयुर्वेद पूरे विश्व को दिशा दे सकता है। हिंदुस्तान में रहकर ये बात शायद ना समझे, लेकिन जर्मनी में जाएंगे तो समझेंगे. रिसर्च बहुत आवश्यक होती है। बाबाजी को हम योग और आयुर्वेद के ब्रांड एम्बैसडर के रूप में देखते हैं।चमत्कार के बिना कोई नमस्कार नहीं करता, लोगों को अनुभव हुआ तो उन्होंने स्वीकार किया। अभी तक विश्वास के आधार आयुर्वेद में दवा देते थे , लेकिन अब रिसर्च और एविडेंस के ज़रिये इसकी प्रमाणिकता बढ़ती है। इस अनुसंधान और वैज्ञानिक रूप सर काम करने के लिये बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बधाई। दोबारा रिसर्च के साथ सामने आने पर लोगों का भरोसा इस पर बढ़ेगा। वहीं आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की तारीफ करते हुये डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना काल में आयुर्वेद पद्धति पर लोगों का विश्वास बढ़ा है। कोरोना से पहले आयुर्वेद का मार्केट हर साल 15 फीसदी बढ़ रहा था, लेकिन कोरोना के बाद इसमें 50 से लेकर 90 फीसदी का उछाल आया है। भारत ही दुनियां के लोगों का विश्वास आयुर्वेद पर बढ़ रहा है। गौरतलब है कि इससे पहले पतंजलि ने 23 जून 2020 को कोरोना के लिये कोरोनिल लॉन्च की थी, जिसमें सात दिन में कोरोना के इलाज का दावा किया गया था ,हालांकि लॉन्च होते ही ये दवा विवादों में आ गयी थी।
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