पूर्व विधायकों की पेंशन छत्तीसगढ़ सरकार ने की दोगुनी वही कुटुंब पेंशन भी लगभग दोगुनी के बराबर
पूर्व विधायकों की पेंशन छत्तीसगढ़ सरकार ने की दोगुनी वही कुटुंब पेंशन भी लगभग दोगुनी के बराबर
भुवन वर्मा बिलासपुर 02 फ़रवरी 2021
रायपुर । छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रस्ताव पारित कर पूर्व विधायकों की पेंशन और कुटुंब पेंशन में राज्य सरकार ने लगभग दोगुनी बढ़ोतरी कर दी है. अब पूर्व विधायक को पेंशन के रूप में 20 हजार की जगह 35 हजार रूपये तथा कुटुंब पेंशन 10 हजार की जगह 25 हजार रूपये मिलेगी. इस आशय की सूचना राजपत्र में प्रकाशित हो गई है तथा मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के प्रमुख बैंकों को भी जिला कोषालय अधिकारी की ओर से लिखित पत्र जारी कर दिया गया है.
इस फैसले के बाद पूर्व विधायकों में हर्ष और संतोष की लहर है. पूर्व विधायक संगठन के महासचिव राजकमल सिंघानिया ने कहा कि सालों से पूर्व विधायक अपनी पेंशन बढ़ाने की मांग कर रहे थे जिस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और विधानसभा अध्यक्ष डॉ.चरणदास महंत ने गंभीरतापूर्वक अपनी सहमति दी तथा प्रभावी ढंग से इसे आगे बढ़ाया. इस प्रस्ताव पर पिछले विधानसभा सत्र में सरकार की मुहर लग गई थी लेकिन कोरोना के चलते बहुत सी कार्रवाईयां लंबित थीं.
कई महीने इंतजार करने के बाद हम फिर से इस पर आगे बढ़े और सारी कागजी कार्रवाईयां पूरी कर ली. इसके बाद अब लगभग 270 पूर्व विधायकों को इसका लाभ मिल सकेगा. इस आशय का पत्र छत्तीसगढ़ विधानसभा सचिवालय से भेजा गया था जिसके बाद वरिष्ठ कोषालय अधिकारी ने सभी बैंकों को, महालेखाकार, संचालक लेखा एवं पेंशन इन्द्रावती भवन और संभागीय संयुक्त संचालक कोष लेखा एवं पेंशन को लिखित पत्र भेजते हुए सूचित कर दिया है.
पत्र के मुताबिक पूर्व विधायक को पेंशन के तौर पर 20 हजार की जगह 35 हजार रूपये प्रतिमाह तथा कुटुंब पेंशन की राशि 10 हजार की जगह 25 हजार रूपये प्रतिमाह दिया जायेगा. यह भी आदेश दिया गया है कि संशोधित पेंशन और कुटुंब पेंशन का लाभ सितंबर 2020 से दिया जायेगा.
पूर्व विधायक संगठन के अध्यक्ष स्वरूपचंद जैन तथा महासचिव राजकमल सिंघानिया ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, विधानसभा अध्यक्ष चरणदास महंत सहित सभी मंत्रियों तथा सदस्यों का आभार जताया है. सिंघानिया ने कहा कि जनप्रतिनिधि होने के नाते पूर्व विधायकों को अपने परिवार के साथ—साथ समाज की चिंता भी करनी पड़ती है. इसमें कई तरह के व्यय होते हैं, इसलिए पेंशन में बढ़ोतरी आवश्यक थी. पूर्व विधायकों ने सरकार से मांग की थी कि पेंशन राशि बढ़ाई जानी चाहिए और आखिर सरकार ने सुन ली.