फरार देवेन्द्र पांडेय की सुराग पर पुलिस अधीक्षक ने की इनाम घोषणा

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फरार देवेन्द्र पांडेय की सुराग पर पुलिस अधीक्षक ने की इनाम घोषणा

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 जनवरी 2021

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

कोरबा – सहकारी समिति के धान खरीदी में भ्रष्टाचार मामले में फरार चल रहे जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित बिलासपुर के पूर्व अध्यक्ष और भाजपा के चर्चित नेता देवेंद्र पांडेय को कोरबा पुलिस अधीक्षक ने फरार घोषित कर उनके पता बताने पर इनाम की घोषणा की है। जो भी व्यक्ति फरार आरोपी देवेन्द्र का खबर बतायेगा उसे पुलिस विभाग की तरफ पांच हजार रुपये बतौर इनाम दिया जायेगा। इसके लिये कोरबा पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने आदेश जारी किया है। उनके द्वारा जारी आदेश में लिखा गया है- एतद् द्वारा सर्व साधारण को सूचित किया जाता है कि जिला कोरबा थाना उरगा के अपराध क्र. 370/12 धारा 409, 420, 467, 468, 471,120बी, 34 भादवि के आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय पिता काशी प्रसाद पाण्डेय सा पुरानी बस्ती थाना कोतवाली जिला कोरवा घटना कारीत कर काफी समय से फरार है जिसकी गिरफ्तारी हेतु उसके हर संभावित स्थान पर दबिश दी जा रही है।आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय लगातार अपना सकूनत बदल-बदल कर लुक-छिप रहा है। आरोपी की गिरफ्तारी एवं पता-तलाश हेतु हर संभव प्रयास किया जा रहा है, अब तक आरोपी का कोई पता नहीं चला है। मैं अभिषेक मीणा (भापुसे) पुलिस अधीक्षक जिला कोरबा (छ0ग०) पुलिस रेग्युलेशन के पैरा क्रमांक 80-ए में निहित प्रावधानों के अनुसार घोषणा करता हूँ कि उक्त अपराध के आरोपी देवेन्द्र पाण्डेय पिता काशी प्रसाद पाण्डेय के संबंध में जो कोई व्यक्ति ऐसी महत्वपूर्ण सूचना देगा जिससे उसकी गिरफ्तारी हो सके एवं गिरफ्तार करेगा अथवा करायेगा। उसे 5.000/-रूपये (पांच हजार रूपये) के नगद पुरस्कार से पुरस्कृत किया जावेगा । पुरस्कार वितरण के संबंध में पुलिस अधीक्षक कोरबा का निर्णय अंतिम होगा।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार यह मामला सहकारी समिति में करीब डेढ़ करोड़ रुपये की धान खरीदी में भ्रष्टाचार से जुड़ी है। पुलिस के अनुसार, उरगा थाना के सोहागपुर धान खरीदी केंद्र में साल 2012 में फर्जी तरीके से धान खरीदी बताकर शासन को डेढ़ करोड़ रुपये की क्षति पहुंचाई गई है। मामले का खुलासा होने पर धान खरीदी केंद्र के कर्मचारियों को पुलिस ने आरोपी बनाकर गिरफ्तार किया था। लेकिन न्यायालय में मामले की सुनवाई के दौरान इस पूरे फर्जीवाड़े के मास्टर माइंड भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय की प्रमुख भूमिका पाई गई। जिस पर न्यायालय ने जनवरी 2020 में देवेंद्र पांडे के खिलाफ अपराध दर्ज कर मामले की जांच का आदेश दिया गया था। न्यायालय के आदेश के बाद पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर लगातार भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय की तलाश कर रही थी, लेकिन कोविड का बहाना बनाकर देवेंद्र पांडेय पुलिस को गुमराह करते रहे। कई नोटिसो के बाद भी जब देवेंद्र पांडेय पुलिस थाना नही पहुंचे, तब पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिये उनके कई ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। लेकिन समय रहते भाजपा नेता देवेंद्र पांडेय पुलिस को चकमा देकर फरार हो गये। पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिये उनके संभावित ठिकानों पर लगातार दबिश दे रही है लेकिन अभी तक उनका कोई सुराग नही मिल सका है। इसे ध्यान में रखते हुये कोरबा पुलिस अधीक्षक अभिषेक मीणा ने फरार चल रहे देवेन्द्र पांडेय के गिरफ्तारी हेतु इनाम की घोषणा की है।

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