छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा मिले – सीएम बघेल
छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा मिले – सीएम बघेल
भुवन वर्मा बिलासपुर 7 जनवरी 2021
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
गरियाबंद — राजिम केवल धार्मिक स्थल ही नहीं बल्कि तीन नदियों और उत्तर दक्षिण का संगम है। राजिम को केवल एक शहर के रूप में नहीं बल्कि राज्य के सांस्कृतिक विरासत के रूप में देखना चाहिये। इस तीर्थस्थल में केवल नदियों का ही नहीं बल्कि विचारधाराओं का संगम होता है।
उक्त उद्गार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज राजिम में आयोजित प्रदेश स्तरीय भक्त राजिम माता जयंती महोत्सव में कही। उन्होंने प्रदेशवासियों को राजिम माता भक्ति जयंती की बधाई देते हुये कहा कि भक्त राजिम माता ने जिस साहू समाज को अपनी मेहनत और त्याग से संगठित किया , आज वह समाज शिक्षा , कृषि , व्यवसाय सहित सभी क्षेत्रों में संगठित तरीके से काम कर आगे बढ़ रहा है और दूसरे समाज भी उनका अनुकरण कर रहे हैं। सीएम बघेल ने मेला स्थल में प्रदेश साहू संघ द्वारा आयोजित कार्यक्रम स्थल पहुँचकर सबसे पहले माताराजिम की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के खुशहाली की कामना की। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष किये गये घोषणा के अनुरूप 54 एकड़ जमीन का चयन कर लिया गया है। यहांँ साधु संतों के निवास से लेकर अधिकारी कर्मचारियों की रहने व्यवस्था , मंडप , मेला , मीना बाजार आदि के लिये स्थायी सुविधा विकसित किया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य छत्तीसगढ़ी संस्कृति को बढ़ावा दे रही है और इसी को केंद्र मानकर विकास कार्य कर रही है । राज्य सरकार छत्तीसगढ़वासियों की गरिमा और मान-सम्मान बढ़ाने के लिये संस्कृति को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ मंत्री ताम्रध्वज साहू के प्रस्ताव पर राजिम कुंभ का नाम बदलकर राजिम पुन्नी रखा गया और यहीं से छत्तीसगढ़ की संस्कृति को उभारने और सँवारने का क्रम लागातार जारी है। इस महोत्सव में मुख्यमंत्री ने राजिम में राजिम माता शोध संस्थान के लिये पाँच एकड़ जमीन देने , फिंगेश्वर के नवनिर्मित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का नामकरण भक्तिन माता राजिम के नाम पर करने , राजिम में निर्माणाधीन धर्मशाला निर्माण के लिये 50 लाख रूपये की मंजूरी , राजिम मेला स्थल के विकास के लिये धन राशि की कमी नही होने की महत्वपूर्ण घोषणायें की। इस अवसर पर गृह, जेल, लोक निर्माण मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने राजिम भक्तिन माता की जयंती एवं नववर्ष की बधाई देते हुये कहा कि साहू समाज एक संगठित समाज के रूप में जाना जाता है , यह समाज अन्य समाज को भी दिशा दे सकता है। आज साहू समाज सामाजिक समरसता का सबसे बड़ा उदाहरण है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति, बोली, रहन-सहन और परम्परा को आगे बढ़ाना प्रदेश शासन का प्रमुख उद्देश्य है। इसे ध्यान में रखते हुये राजिम महाकुंभ का नाम बदलकर राजिम माघी पुन्नी मेला के नाम से आयोजन किया जा रहा है। सरकार के योजनाओं का लाभ समाज के अंतिम ब्यक्ति तक पहुंँचे । उन्होंने समाज को दिखावा से दूर रहने का आग्रह भी किया। वहीं अभनपुर विधायक श्री धनेंद्र साहू ने अपने उद्बोधन में साहू समाज की आराध्य देवी माता कर्मा जयंती के अवसर पर शासन द्वारा सार्वजनिक अवकाश घोषित किये जाने पर मुख्यमंत्री का आभार ब्यक्त किया। इस अवसर पर विशाल स्वास्थ्य शिविर केे आयोजन किया गया जिसमे नागरिकों ने रक्तदान किया। कार्यक्रम में संसदीय सचिव सुश्री शकुंतला साहू ,महासमुंद सांसद चुन्नी लाल साहू , बिलासपुर सासंद अरुण साव , राज्यसभा सांसद विवेक तनखा , पूर्व सांसद चन्दूलाल साहू , अभनपुर विधयक धनेद्र साहू , राजिम विधायक अमितेश शुक्ल , प्रदेश साहू संघ के अध्यक्ष अर्जुन हिरवानी , संरक्षक विपिन साहू , पूर्व मंत्री श्रीमति रमशीला साहू , साहू समाज के पदाधिकारी डाॅ० ममता साहू सहित बड़ी संख्या में स्वजातीय बन्धु मौजूद थे।