भारत में डिजिटल गवर्नेंस के बढ़ते आयाम — राष्ट्र्पति

0

भारत में डिजिटल गवर्नेंस के बढ़ते आयाम — राष्ट्र्पति

भुवन वर्मा बिलासपुर 30 दिसम्बर 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

नई दिल्ली – नागरिकों को उनकी आकांक्षाओं को प्राप्त करने और भारत को डिजिटल महाशक्ति बनाने हेतु सशक्त बनाने के लिये सरकार के समग्र दृष्टिकोण को दर्शाता है। तकनीकी विकास को अक्सर ‘व्यवधान’ के रूप में जाना जाता है, लेकिन इस साल उन्होंने हमें बड़े व्यवधान को काफी हद तक दूर करने में मदद की। सरकार के लिये भी, सूचना प्रौद्योगिकी नागरिकों को विभिन्न प्रकार की सेवायें प्रदान करने और अर्थव्यवस्था के पहियों को मोड़ने के लिये सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक था।
उक्त बातें महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुये डिजिटल इंडिया अवार्ड 2020 कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कही। इससे पहले महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने डिजिटल गवर्नेंस के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले लोगों का सम्मान किया। इसी कड़ी में कोरोना वायरस संक्रमण काल के दौरान लोगों के समय से राहत पहुँचाने जैसे बेहतरीन प्रयासों के चलते महामहिम बिहार को डिजिटल इंडिया अवॉर्ड 2020 सम्मान से सम्मानित किया है।इस दौरान महामहिम राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ये साल अब समाप्त होने वाला है और हमें उम्मीद है कि महामारी भी जल्द ही समाप्त हो जायेगी। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि कोरोना वायरस  ने सामाजिक संबंधों, आर्थिक गतिविधियों, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा और जीवन के कई अन्य पहलुओं के मामले में दुनियाँ को बदल दिया है।भारत ना केवल गतिशीलता-प्रतिबंधों के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिये तैयार था, बल्कि विभिन्न अखाड़ों में आगे बढ़ने के अवसर के रूप में संकट का भी उपयोग किया। यह केवल इसलिये संभव हो पाया, क्योंकि हाल के वर्षों में डिजिटल बुनियादी ढांँचे को मजबूत किया गया है। राष्ट्रपति ने कहा कि मजबूत आईसीटी प्रवेश के कारण हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण कदम डिजिटल समावेश है। इस डिजिटल समावेश ने हमारे जीवन को इंटरनेट, इंटरनेट बैंकिंग या यूनीफाइड पेमेंट इंटरफेस या यूपीआई के माध्यम से भुगतान के रूप में सबसे सरल तरीकों से छुआ है क्योंकि यह लोकप्रिय है। उन्होंने कहा कि प्रोएक्टिव डिजिटल हस्तक्षेप के कारण हम लॉकडाउन के दौरान और बाद में महत्वपूर्ण सरकारी सेवाओं की परिचालन निरंतरता सुनिश्चित करने में सक्षम रहे हैं। महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को पार करने में देश की मदद करने में हमारे डिजिटल योद्धाओं की भूमिका सराहनीय रही है। आरोग्य सेतु , ई-ऑफिस और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेवाओं जैसे कि एक मजबूत आईसीटी बुनियादी ढांँचे द्वारा समर्थित प्लेटफार्मों के सक्रिय कार्यान्वयन ने देश को महामारी की कठिनाइयों को कम करने में मदद की है। एनआईसी देश में ई-गवर्नेंस और डिजिटल परिवर्तन का मशाल वाहक है। यह सरकार और नागरिकों के बीच बातचीत को सहज और परेशानी मुक्त बनाने के लिये कई प्रौद्योगिकी संचालित पहलें चला रहा है। हमें हर नागरिक की सुरक्षा और लाभ के लिये कागज रहित और संपर्क रहित मोड़ में सरकारी कार्यालयों के कामकाज के लिये अभिनव समाधान तलाशते रहना चाहिये। यह प्रशासनिक प्रक्रियाओं को अधिक पर्यावरण के अनुकूल बनाने में भी मदद करेगा।
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि जैसा कि कोविड -19 ने वैश्विक अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया है, हमने भारत को और अधिक आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प भी लिया है। और प्रौद्योगिकी आने वाले दिनों में उस यात्रा में एक महत्वपूर्ण प्रवर्तक बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में और शासन के सभी स्तरों पर आधुनिक तकनीकों को लागू करने और अपनाने में भारत सबसे आगे रहा है। हमें सभी नागरिकों के लिए जीवनयापन में सुधार के लिये अभिनव समाधान देने के लिये खुद को चुनौती देते रहना होगा।
गौरतलब है कि डिजिटल इंडिया विजन की तर्ज पर पहली बार डिजिटल इंडिया पुरस्कार की पूरी प्रक्रिया को आनलाइन किया गया।इस अवार्ड की घोषणा छह श्रेणियों में किया गया जिनमें “इनोवेशन इन महामारी” भी शामिल हुये। इस विशेष श्रेणी में एक ही सरकारी इकाई को सम्मानित किया गया। संचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद , आईटी सचिव अजय साहनी सहित अन्य गणमान्य महानुभाव भी इस वर्चुअल कार्यक्रम में शामिल हुये।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *