प्रधानमंत्री दस दिसंबर को रखेंगे नये संसद भवन की आधारशिला
प्रधानमंत्री दस दिसंबर को रखेंगे नये संसद भवन की आधारशिला
भुवन वर्मा बिलासपुर 5 दिसंबर 2020
अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट
नई दिल्ली — देश के लिये नये संसद भवन की नींव दस दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रखेंगे , इस दौरान विपक्ष के कुछ नेताओं को भी आमंत्रित किया जायेगा। इस जानकारी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम मोदी को उनके आवास पर निमंत्रण देने के बाद कही।
मौजूदा संसद भवन बेहद पुराना और सीमित जगह की वजह से छोटा पड़ने लगा है इसलिये लम्बे समय से नये भवन की आवश्यकता महसूस की जाती रही है। टाटा प्रोजेक्टस लिमिटेड को दिल्ली में देश की नई संसद के निर्माण का कॉन्ट्रेक्ट मिला है। इस प्रोजेक्ट के लिये 861.90 करोड़ का बजट पास किया गया है। लेकिन इसे बनाने में लगभग 850 करोड़ रूपये के लागत आने की बात कही गई है। इस प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिये कार्यदारी संस्था ने 21 महीने की डेडलाइन रखी है। यह संसद भवन की मौजूदा संसद भवन परिसर में ही निर्मित किया जायेगा। वर्ष 2022 तक इस नये संसद भवन को पूरा करने की महत्वाकांक्षी योजना है ताकि जब भारत आजादी का 75 वांँ साल मना रहा हो तो सरकार नये संसद भवन में बैठकर आजादी की 75 वीं वर्षगांठ मना सके। नई बिल्डिंग में संयुक्त शासन चलने पर भी 1350 सांसदों की बैठने की व्यवस्था होगी।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार नई बिल्डिंग 65,000 वर्ग मीटर में फैली होगी, जिसमें 16921 वर्ग मीटर का इलाका अंडरग्राउंड भी होगा। नये भवन में तीन फ्लोर होंगे जिसमें से एक ग्राउंड फ्लोर जबकि दो मंजिल उसके ऊपर होंगे। नये भवन में संसद सदस्यों के लिये अलग-अलग कार्यालय होंगे। इसके साथ सांसदों के लिये लाउंज, लाइब्रेरी, समिति कक्ष और भोजन कक्ष भी होंगे। इसके अलावा सांसदों के लिये डिजिटल सुविधायें उपलब्ध होंगी, जो संसद को पेपरलेस बनाने की दिशा में अग्रणी कदम साबित होंगी। भवन का डिजाइन त्रिकोणीय होगा जिसका नजारा आसमान से देखने पर तीन रंगो की किरणों जैसा होगा। सांसदों के बैठने की व्यवस्था और सीटिंग अरेंजमेंट ज्यादा आरामदायक होगा। टू सीटर बैंच की व्यवस्था होगी होगी यानी एक टेबल पर दो सांसद ही बैठ सकेंगे। लोकसभा और राज्यसभा कक्षों के अलावा नये भवन में एक भव्य संविधान कक्ष भी होगा। जिसमें भारत की लोकतांत्रिक विरासत दर्शाने के लिये अन्य वस्तुओं के साथ-साथ संविधान की मूल प्रति, डिजिटल डिस्प्ले आदि होंगे। भारत यात्रा पर आने वाले विदेशी प्रतिनिधिमंडलों को इस हॉल में जाने की अनुमति होगी, जिससे वे संसदीय लोकतंत्र के रूप में भारत की यात्रा के बारे में जान सकें।
मौजूदा संसद भवन 1927 में बना था
उल्लेखनीय है कि मौजूदा संसद भवन का निर्माण अंग्रेजों ने 1927 में किया था , उस समय केवल एक ही सदन होता था। लेकिन आजादी के बाद लोकसभा और राज्यसभा के रूप में दो सदन बनने पर सदस्यों को बैठने के लिये जगह की कमी होने लगी। मौजूदा भवन भूकंपरोधी भी नहीं है।