गौ कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने दी कई सौगातें

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गौ कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने दी कई सौगातें

भुवन वर्मा बिलासपुर 23 नवम्बर 2020

अरविन्द तिवारी की रिपोर्ट

आगर मालवा — गोपाष्टमी के पावन अवसर पर मध्यप्रदेश में बनी गौ-कैबिनेट की पहली बैठक भोपाल में संपन्न हुई। पहले ये बैठक आगर के गौ-अभ्यारण्य में होनी थी लेकिन कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखकर उसे रद्द करते हुये ये बैठक भोपाल में हुई। इस पहली गौ-कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया है कि आगर स्थित गौ-अभ्यारण्य में गायों का एक रिसर्च सेंटर बनेगा। ‘गौ-शालाओं को स्वावलंबी बनाया जायेगा , गाय के गोबर और गौ मूत्र का हम कैसे बेहतर उपयोग करें, इस पर सुझाव लेकर काम भी शुरू किया जायेगा। ‘स्व-सहायता समूहों को गौशाला का संचालन किये जाने पर सहमति दी गई है. साथ ही तय किया गया है कि बड़ी संख्या में गौशाला बनायी जायेगी, इसके लिये समाज का सहयोग लिया जायेगा। ‘पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने प्रदेश में गो-काष्ठ का उपयोग बढ़ाया जायेगा , इसमें पशुपालन विभाग के अलावा अन्य सभी विभाग भी मिलकर महत्वपूर्ण भूमिका निभायेंगे क्योंकि गौसेवा सिर्फ एक विभाग का काम नहीं है। गौ-कैबिनेट में तय किया गया कि ‘नगरीय क्षेत्रो में निराश्रित गौवंश के संरक्षण के लिये नगरीय निकायों को जोड़ा जायेगा। गो कैबिनेट की अध्यक्षता खुद मुख्यमंत्री ने की वहीं जबकि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा, वनमंत्री विजय शाह, कृषिमंत्री कमल पटेल, ग्रामीण विकास मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, और पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल बैठक में शामिल हुये।

गौ-कैबिनेट बैठक के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आगर स्थित गौ-अभ्यारण्य पहुँचे। यहाँ परिसर में बनाये गये शेड क्रमाँक 08 में सीएम ने गो पूजन कर वहाँ का निरीक्षण भी किया। निरीक्षण के बाद वे विशेषज्ञों के बीच पशुपालन के लिये आधुनिक संयंत्र लगाने, गो उत्पाद दूध, गोबर और गौमूत्र से बनने वाले उत्पादों की बिक्री के जरिये अतिरिक्त आय बढ़ाने के उपाय, पशुपालन को लाभ का धंधा बनाने, पशुपालन के उन्नत तरीकों बताने के लिये युवाओं को प्रशिक्षण, हरे चारे की व्यवस्था, पशुओं के इलाज की व्यवस्था, देशी नस्ल की गायों को गो पालन में बढ़ावा देने, गो काष्ठ लकड़ी को बेहतर विकल्प के रूप में प्रचारित कर उपयोग में लाने, गौ-दूध से विभिन्न सामग्री का निर्माण और बिक्री, गो मूत्र उत्पादों को बढ़ावा और गो अभ्यारण्य आधुनिक गो अनुसंधान केंद्र प्रारंभ करने जैसे विषयों पर चर्चा किये। सीएम शिवराजसिंह चौहान ने कहा कि बैठक के दौरान आने वाले सुझाव व तथ्यों के आधार पर वे जल्द कुछ घोषणायें भी करेंगे। यहाँ पर मुख्यमंत्री ने 36 लाख 55 हजार के पाँच निर्माण कार्यों का भूमिपूजन किया। इसके पश्चात यहाँ आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये सीएम शिवराज सिंह ने कहा होलिका जलाना हो, तो लकड़ी नहीं; गोबर के कंडे ही जलाईयेगा। गोबर से बनी खाद के इस्तेमाल से ज़मीन की उर्वरक क्षमता बढ़ जाती है जिससे पैदावार भी अच्छी होती है। इन उत्पादों के इस्तेमाल से हमारे बच्चों की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है, गोबर का खाद हमें अनेक बीमारियों से बचाता है। गाय बचेगी, तो यह धरती सुरक्षित बचेगी , गौ माता को सड़कों पर भटकने नहीं दिया जायेगा। सरकार और समाज मिलकर इसके लिये प्रयास करेंगे। उन्होंने आगे कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण के लिये गौसंवर्धन और संरक्षण बेहद आवश्यक हैं आज गोपाष्टमी के अवसर पर गौमाता को संरक्षित करने में योगदान देने का प्रण लें। वही हम बिजली, सड़क, पानी की सुविधा दिलाने के लिये सभी काम करेंगे। लेकिन गौ सेवा का काम भी हमारी सरकार पूरी ताकत के साथ करेगी। इसलिये हमने मंत्रियों की समिति बनाई है। ये काम अकेले सरकार नहीं करेगी ,आपका सहयोग भी इसमें चाहिये।

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