नकली शंकराचार्य की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग : धर्म संघ पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी छत्तीसगढ़ द्वारा
नकली शंकराचार्य की शीघ्र गिरफ्तारी की मांग : धर्म संघ पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी छत्तीसगढ़ द्वारा
भुवन वर्मा बिलासपुर 02 नवम्बर 2020
रायपुर । आदि गुरु शंकराचार्य भगवान द्वारा 2527 वर्ष पूर्व स्थापित ऐतिहासिक गोवर्धन मठ पुरी पीठ के 145 वे श्री जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज हिंदुओं के सार्वभौम धर्म गुरु के रूप में सन 1992 से पूर्व आचार्य स्वामी निरंजन देव तीर्थ जी के कर कमलों द्वारा अभिषिक्त है जगद्गुरु शंकराचार्य के महिमा मंडित पद को शोभायमान करते हुए पद की गरिमा के अनुकूल संपूर्ण दायित्वों का निर्वाह करते हुए विगत 28 वर्षों से सनातन मान बिंदुओं की रक्षा एवं हिंदुओं के अस्तित्व तथा आदर्श की सुरक्षा तथा देश की अखंडता के लिए 25 प्रांतों में प्रवास कर धर्म एवं राष्ट्र रक्षा के लिए अद्भुत मार्गदर्शन प्रदान किया है। इतना ही नहीं हिंदू राष्ट्र संघ की स्थापना के लिए आयोजित संगोष्ठी के माध्यम से लगभग 50 देशों में प्रवासी भारतीयों को अपने दिव्य ज्ञान विज्ञान से प्रभावित कर भारत के प्रति एवं सनातन धर्म संस्कृति के प्रति आस्थावान बनाने का अभिनव प्रयास किया है।
मानव समाज को सत्य सहिष्णुता तथा स्वावलंबी बनाने हेतु समाज में सेवा सत्संग ,एवं संकीर्तन के माध्यम से धर्म एवं राष्ट्र रक्षा का अभियान उनकी श्रृंखला को जन जन तक पहुंचाने का अद्भुत ऐतिहासिक कार्यक्रम संचालित किया है वैदिक शासन तंत्र की स्थापना से ही भारत का सर्वविध उत्कर्ष संभव है पूरे विश्व में सनातन वैदिक परंपरा के प्रति लोग प्रभावित होंगे पूज्य पाद गुरुदेव भगवान धर्म नियंत्रित पक्षपात विहीन शोषण निरमुक्त सर्वहितप्रद शासन तंत्र की स्थापना एवं सुसंस्कृत सुशिक्षित सुरक्षित संपन्न,सेवा परायण एवं सर्वहितप्रद व्यक्ति तथा समाज की संरचना के साथ अन्यो के हित का ध्यान रखते हुए हिंदुओं के अस्तित्व और आदर्श की रक्षा देश की अखंडता के लिए धर्म संघ पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी का गठन किया है ऐसे महान विभूति का कल वीडियो और लिखित संदेश प्रसारित हुआ जिसे सुनकर ह्रदय द्रवित हो गया उन्हें स्वतंत्र भारत में न्याय नहीं मिल रहा यह दुर्भाग्य का विषय है पूरी पीठ के शंकराचार्य के रूप में विगत कई वर्षों से देश में भ्रमण कर प्राजक्ता पूर्ण वातावरण बना कर समाज को दिग्भ्रमित कर रहा है ।ऐसे तथाकथित स्वयंभू शंकराचार्य के रूप में अभी कुछ दिन पूर्व गोवर्धन (मथुरा) स्थित एक आश्रम में असम के मुख्यमंत्री को बुलाकर अपने आप को पूरी पीठ के शंकराचार्य के रूप में स्थापित करने का दुस्साहस पूर्ण कार्य किया है, यह अत्यंत निंदनीय है एवं व्यासपीठ का घोर अपमान है इसके खिलाफ शीघ्र ही कठोर कार्यवाही हो उसके लिए माननीय प्रधानमंत्री जी एवं आदित्यनाथ योगी माननीय मुख्यमंत्री जी विशेष ध्यान देकर यथाशीघ्र कठोर कार्यवाही कर उन्हें गिरफ्तार करें तथा जिला कलेक्टर एवं असम के मुख्यमंत्री पर भी कार्यवाही हो हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु का अपमान का अर्थ है पूरे देश के समग्र हिंदुओं का अपमान इसे सहन नहीं किया जा सकता ध्यान रहे ऐसे विषम परिस्थिति में व्यासपीठ के सम्मान एवं आदर्श की रक्षा के लिए पूरा हिंदू समाज एकता के साथ इस अन्याय के खिलाफ अवश्य आवाज बुलंद करें जिससे ऐसे तथाकथित फर्जी नकली धर्मगुरु के नाम पर कलंकित व्यक्तियों को दंड मिल सके फिर कोई दूसरा साहस भी ना करें पुरी शंकराचार्य का व्यक्तित्व पूरे विश्व को प्रभावित कर रहा है वे किसी व्यक्ति तथा पार्टी के नहीं समाज एवं राष्ट्र के विश्व के समग्र मानव समाज के हितैषी हैं ,गुरुदेव भगवान के चरणों में कोटिशः ,,,,,,,प्रणाम,,,,।
झम्मन शास्त्री
पीठ परिषद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
एवं प्रदेशाध्यक्ष छत्तीसगढ़
निवेदक: धर्म संघ पीठ परिषद आदित्य वाहिनी आनंद वाहिनी छत्तीसगढ़