बुराई पर अच्छाई का विजय है दशहरा – अरविन्द तिवारी की कलम ✍ से
बुराई पर अच्छाई का विजय है दशहरा – अरविन्द तिवारी की कलम ✍ से
भुवन वर्मा बिलासपुर 25 अक्टूबर 2020
रायपुर — दशहरा हिंदुओं का एक प्रमुख एवं राष्ट्रीय पर्व है जिसे आज आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमीं तिथि को देश भर में बड़े ही हर्षोल्लास एवं धूमधाम के साथ मनाया जाता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा दस दिन के युद्ध के बाद देवी दुर्गा ने महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था , इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। दशहरा का पर्व हमें अच्छाई की जीति आशा के साथ नेक कार्यों में भरोसा करना सिखाता है। दशहरा के दिन असत्य पर सत्य की जीत होने की वजह से सभी लोगों को यह प्रण लेना चाहिए कि वह अपने मन की बुराइयों को मारेंगे। दशहरा के दिन कई लोग अपने घरों में पूजन करते हैं। आज के दिन जगह-जगह मेला लगता है , रामलीला का आयोजन होता है जिसमें भगवान राम की वीरगाथा दिखायी जाती है और रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है। विजयादशमी के दिन लोग अस्त्र शस्त्रों का भी पूजन करते हैं। इस दिन अपराजिता देवी एवं शमी वृक्ष के पूजन का भी विशेष महत्व है।
विजयादशमी के दिन प्रदोषकाल में शमी वृक्ष के समीप दीपक जलाकर उसे प्रणाम करें।
पूजन के उपरांत हाथ जोड़कर निम्न प्रार्थना करें-
‘शमी शम्यते पापम् शमी शत्रुविनाशिनी।
अर्जुनस्य धनुर्धारी रामस्य प्रियदर्शिनी।।
करिष्यमाणयात्राया यथाकालम् सुखम् मया।
तत्रनिर्विघ्नकर्त्रीत्वं भव श्रीरामपूजिता।।’
रावण दहन के पश्चात घर आने पर सभी की आरती उतारकर स्वागत एवं भेंट किया जाता है। इसके साथ ही गाँव और पड़ोस में शमी पत्ता बांट कर बड़ों से हर कार्य में विजयश्री का आशीर्वाद भी लिया जाता है आज के दिन नया काम शुरू करने की भी मान्यता है कहते हैं कि आज के दिन शुरू किए गए किसी भी काम में विजय यानी सफलता निश्चित रूप से मिलती है। अगर आपके परिवार में अस्त्र-शस्त्रों की पूजा की जाती है तो एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर सभी शस्त्र उस पर रखें। फिर गंगाजल छिड़क कर पुष्प अर्पित करें। साथ ही यह प्रार्थना करें कि संकट पड़ने पर यह आपकी रक्षा करें। इस दिन भगवान श्रीराम की उपासना करने का बहुत अधिक महत्व होता है। एक चौकी पर पीला कपड़ा बिछाकर भगवान श्री राम की प्रतिमा स्थापित करें। फिर धूप, दीप और अगरबत्ती जलाकर भगवान श्री राम की उपासना करें। अंत में आरती करें।
आज नीलकंठ का दर्शन होता है शुभ
नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना गया है। रावण पर विजय पाने की अभिलाषा में श्री राम ने पहले नीलकंठ पक्षी के दर्शन किये थे इसलिये आज विजयादशमी के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन शुभ जाता है। आज के दिन नीलकंठ के दर्शन और भगवान शिव से शुभफल की कामना करने से जीवन में भाग्योदय, धन-धान्य एवं सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। और इसी के साथ दीपावली की तैयारी भी शुरू हो जाती है।