इस नवरात्र में भी कल शुक्रवार को सप्तमी रात पर नहीं निकलेगी महामाया पदयात्रा
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इस नवरात्र में भी कल शुक्रवार को सप्तमी रात पर नहीं निकलेगी महामाया पदयात्रा
भुवन वर्मा बिलासपुर 22 अक्टूबर 2020
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कोविड-19 की महामारी के कारण महामाया पदयात्रा के 50 वें वर्ष में, सप्तमी की रात पर बिलासपुर रतनपुर रोड में महामाया के भक्तों की टोलियों का “जय मातादी” का गगनभेदी जयकारा नहीं गूंजेगा
शशि कोन्हेर द्वारा
बिलासपुर। कोविड-19 के संक्रमण के खतरे को देखते हुए हर बार शारदेय (क्वांर) नवरात्रि की सप्तमी पर निकाली जाने वाली महामाया पदयात्रा इस बार नहीं निकाली जाएगी। प्रशासन और महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने महामाया भक्तों की “साते-रात” पर निकलने वाली महामाया पदयात्रा की अनुमति नहीं दी है। यह लगातार दूसरी नवरात्र है।जब बिलासपुर से रतनपुर तक पैदल निकाली जाने वाली महामाया पद यात्रा को रद्द कर दिया गया है। इसके पहले चैत्र नवरात्र पर भी कोविड-19 के खतरे को देखते हुए यह पद यात्रा नहीं निकाली गई थी। 1980 से हर बार महा-सप्तमी की रात्रि को लगातार निकाली जाने वाली महामाया पदयात्रा का यह 50 वां वर्ष है।
इससे अधिक अफ़सोस की बात और क्या होगी, कि 50 साल पूरे होने के कारण जहां इस पदयात्रा को,इस बार दुगने-तिगुने जोशोखरोश के साथ निकाला जाना चाहिए था। पर कोविड 19 संक्रमण के कारण ऐसा करना संभव नहीं है। इसलिए प्रशासन ने सप्तमी की रात को बिलासपुर रतनपुर मार्ग पर सन्नाटे का फरमान जारी कर दिया है। इस पदयात्रा में हर साल लगभग 50,000 से अधिक श्रद्धालु बिलासपुर से पैदल रतनपुर पहुंचकर मां महामाया के दरबार में मत्था टेका करते थे। इनमें बच्चों से लेकर हर आयु वर्ग के पुरुष और महिलाएं बड़ी संख्या में शामिल हुआ करती थीं।इनमें कई ऐसे भक्त भी हैं जो बीते कई सालों से हर बार दोनों ही नवरात्र पर सप्तमी को निकाली जाने वाली इस पदयात्रा में शामिल हुआ करते थे।
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लेकिन ऐसे सभी भक्तों की सप्तमी पर बिलासपुर से पैदल रतनपुर जाकर मां महामाया के दर्शन करने की इच्छा पूरी नहीं हो पाएगी। बिलासपुर समेत पूरे प्रदेश में बीते सात माह से जिस तरह कोविड-19 का जानलेवा संक्रमण बड़ी संख्या में लोगों को हलाकान कर रहा है। उसके कारण चेहरे पर मास्क लगाने के साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग हम सभी की अनिवार्य मजबूरी बन कर रह गई है। इस संक्रमण से बचने के लिए चेहरे पर मास्क और लोगों से दूरी, यही एकमात्र और अंतिम उपाय रह गया है। इसे देखते हुए ही जिला प्रशासन तथा मां महामाया मंदिर ट्रस्ट समिति ने कल शुक्रवार को नवरात्र की सप्तमी पर महामाया पदयात्रा नहीं निकालने का निर्णय लिया है। जबकि मंदिर परिसर के भीतर सप्तमी की रात्रि को होने वाले सभी धार्मिक पूजा पाठ, परंपरानुसार पूरे किए जाएंगे। लेकिन सामान्य भक्तों को इस नवरात्र के और दिनों की तरह कल सप्तमी की रात को भी मां महामाया के दर्शन नहीं हो पाएंगे। आम भक्तों के लिए इस पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाया गया है।
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