महिला सशक्तिकरण बदलती तस्वीर
महिला सशक्तिकरण बदलती तस्वीर
भुवन वर्मा बिलासपुर 18 अक्टूबर 2020
दुर्ग। छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्विद्यालय भिलाई में महिला शशक्तिकरण बदलती तस्वीर पर 16 अक्टूबर 2020 को वेबिनार का आयोजन किया गया । वेबिनार के शुरुवात में विश्विद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम् के वर्मा ने कहा की महिला सशक्तिकरण एक गतिशील व बहुपक्षीय प्रक्रिया है जिसके द्वारा महिलाओं के जीवन के प्रत्येक पक्ष में अपनी शक्ति व पहचान की अनुभूति होती है। यह एक ऐसी प्रक्रिया है जो नारी को इस योग्य बनाती है कि वे सामाजिक न्याय और समता या महिला की स्वतत्र पहचान के रूप में स्वीकार करना, घर में उसके लिए बराबर का स्थान होना जैसे विषय शामिल होना चाहिए |सशक्तिकरण एक ऐसी प्रक्रिया है जो प्रत्येक को अपने जीवन के निर्णय लेने की प्रक्रिया में व्यक्तिगत एवं सामूहिक स्तर क्षमता प्रदान करती है | सशक्तिकरण की प्रक्रिया प्रत्येक को अपने अधिकारों, उत्तरदायित्वों सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, राजनीतिक अवसरों के प्रति जागरूकता पैदा करता है। महिला सशक्तिकरण सामाजिक समता व समान वृद्धि स्तर के समानार्थक शब्द है। इसको दूसरों के अधिकारों का हनन करके नहीं बल्कि जहां कहीं भी आपसी सहयोग संभव हो, से प्राप्त किया जा सकता है।
वेबिनार के मुख्या वक्ता डॉ किरणमयी नायक जी, अध्यक्ष महिला आयोग छत्तीसगढ़ शासन ने महिलाओं के विरूद्ध बढ़ते अपराधों को दृष्टिगत रखते हुए उत्तरदायी कारकों, महिला सशक्तिकरण के संबंध में भारत की स्थिति का वैश्विक स्तर पर तुलनात्मक अध्ययन एवं भारतीय संदर्भ में महिलाओं के पिछड़ेपन के कारण, महिला सशक्तिकरण की अवधारणा में महिला अधिकार संरक्षण की भूमिका, महिला अधिकार संरक्षण में संदर्भित विधानों की भूमिका का एवं इन विधानों के लागू होने में होने वाली व्यवहारिक कठिनाइयां के बारे में विस्तार से बताया ।
वेबिनार के द्वितीय वक्ता श्री रामराज जी, सिविल जज उत्तरप्रदेश सरकार ने बताया कि स्वतंत्रता के बाद भारतीय संविधान में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने का प्रयास किया गया, जिससे नारी के जीवन में एक नए अध्याय की शुरूआत हुई। संविधान द्वारा प्रदत्त मूल अधिकार स्त्री व पुरूष दोनों को समान रूप से प्राप्त हुए। साथ ही महिलाओं की स्थिति सुदृढ़ करने के लिए संसद द्वारा बनाए गए विभिन्न कानूनों का निर्माण किया गया तथा विभिन्न विद्यानों का संशोधन भी किया जाता रहा है। संविधान का 73वां एवं 74वां संशोधन महिलाओं के संदर्भ में काफी महत्वपूर्ण रहा है।
महिलाओं में शिक्षा प्रसार, राष्ट्रीय महिला आयोग का गठन, राष्ट्रीय महिला कोष की स्थापना, पारिवारिक अधिकारों में वृद्धि, महिलाओं के सुरक्षात्मक प्रावधान] आर्थिक जीवन में प्रगति, महिला विकास एवं सशक्तिकरण के लिए विशेष योजनाए जैसे विषयों से अवगत कराया । कार्यक्रम में टेक्यूप विभाग से श्री थानेश्वर साहू, डॉ आशीष पटेल व डॉ क्षितिज वर्मा उपस्थित थे ।
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