सांसद छाया वर्मा ने सदन में रखी मांग : मनरेगा 100 दिन नहीं पूरे 200 दिन नियमित चले

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सांसद छाया वर्मा ने सदन में रखी मांग : मनरेगा 100 दिन नहीं पूरे 200 दिन नियमित चले

भुवन वर्मा बिलासपुर 15 सिंतबर 2020

नई दिल्ली ।संसद में स्तर के दौरान दोनों सदनों में सत्‍ता पक्ष और विपक्ष के बीच तलवारें खिंची रहती हैं। मगर बीच-बीच में कुछ ऐसे वाकये होते हैं जो सांसदों के चेहरों पर मुस्‍कान बिखेर जाते हैं। कोरोना वायरस से प्रभावित इस साल के मॉनसून सत्र में भी ऐसा ही वाकया सामने आया है। मंगलवार को सुबह में राज्‍यसभा की कार्यवाही चल रही थी। इसी दौरान छत्‍तीसगढ़ से कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने सभापति एम वेंकैया नायडू से कहा क‍ि वह राज्‍यसभा की सदस्‍य हैं, मगर लोकसभा में बैठी हैं। अपनी हाजिरजवाबी और वन लाइनर्स के लिए मशहूर नायडू ने तपाक से कहा, ‘आपका डिमोशन कर दिया गया है।’

राज्‍यसभा में सुबह करीब सवा नौ बजे बीजेपी सांसद डॉ विकास महात्‍मे अपनी बात रख रहे थे। इसके बाद सभापति ने छाया वर्मा का नाम पुकारा। फिर पूछा- छाया जी कहां? पीछे से आवाज आई, ‘श्रीमता छाया वर्मा, लोकसभा गैलरी से बोल रही हूं। गैलरी नहीं, लोकसभा से बोल रही हूं। हूं राज्‍यसभा की सदस्‍य।’ इतना बोलते ही सदन में ठहाके लगे। कांग्रेस सांसद को हाथ उठाकर दिखाना पड़ा कि वे कहां बैठी हैं। छाया ने मनरेगा को लेकर अपनी बात रखी। जब उन्‍होंने अपनी बात खत्‍म की तो नायडू ने कहा, “सदस्‍य कहीं भी बैठें, मैंने अनुमति दी है।

कांग्रेस सांसद ने अपनी बारी आने पर कहा, “पिछले दिनों लॉकडाउन की वजह से मजदूरों पर बहुत बड़ी विपदा आई। मनरेगा का काम केवल 100 दिन चलता है। आपकी अनुमति से मैं चाहती हूं कि मनरेगा का काम 200 दिन चले और समय पर उन्‍हें मजदूरी मिले और कार्यमूलक योजना हो।” संसद की कार्यवाही में कोरोना संक्रमण का खतरा कम करने के लिए कई बदलाव किए गए हैं। लोकसभा के इतिहास में पहली बार सांसदों को अपनी सीटों पर बैठकर बोलने की अनुमति दी गई। यह भी इतिहास में पहली बार है जब निचले सदन की कार्यवाही के दौरान कई लोकसभा सदस्य राज्य सभा में बैठ रहे हैं। संसद के उच्‍च सदन की कार्यवाही के दौरान राज्यसभा सदस्यों को लोकसभा में बैठने का मौका मिलता है।

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