अब सब्जी बीज छू रहे आसमान

अब सब्जी बीज छू रहे आसमान, बीज की कीमत सुनकर किसानों के उड़ रहे होश
भुवन वर्मा बिलासपुर 5 सितंबर 2020

भाटापारा- अतिवृष्टि की भेंट चढ़ चुकी सब्जी फसलों के बाद दोबारा फिर से तैयारी के बीच सब्जी बीज खरीदने पहुंच रहे सब्जी उत्पादक किसानों के होश उड़ रहे हैं क्योंकि लगभग सभी फसलों के बीज की कीमत क्रय शक्ति से बाहर जा चुकी है। हद तो यह कि भाजी जैसी सर्व सुलभ और शीघ्र तैयार होने वाली सब्जी के बीज के दाम भी बेतहाशा बढ़ चुके हैं।
अतिवृष्टि के बाद सब्जी बाड़ियों में तैयार फसल लगभग पूरी तरह खराब हो चुकी है। जो बची हुई है उन्हें बेचा तो जा रहा है लेकिन भाव सुनकर खरीदी की मात्रा आधी से भी कम की जा चुकी है। इस बीच बाड़ियों में भरे बारिश के पानी की निकासी का काम पूरा कर लिया गया है। अब नुकसान से उबरने की तैयारियों के बीच फिर से फसल के लिए बीज की खरीदी चालू कर दी गई है लेकिन कीमतें होश उड़ा रही है। बावजूद इसके, इसमें खरीदी उतनी ही मात्रा में की जा रही है जितने में नुकसान की भरपाई की जा सकती है।
मांग और आपूर्ति बढ़ी
बेतहाशा बारिश से सब्जी बाड़ियों में भरा पानी निकाले जाने के बाद दूसरी तैयारी के बीच जो किसान बीज खरीदने पहुंच रहे हैं उनकी मांग पहले की तुलना से ज्यादा नजर आ रही है क्योंकि बीज के खराब हो जाने का भय इसलिए ज्यादा है क्योंकि नमी की मानक मात्रा ज्यादा है। लिहाजा कंपनियों ने बाजार की स्थिति को देखते हुए सप्लाई बढ़ा दी है याने किल्लत जैसी बातें सामने नहीं आ रही है।
डेढ़ से दो माह बाद आएगी फसल
बोनी के लिए जिस तरह की स्थितियां बनी हुई है उसे देखते हुए नई फसल के आने में डेढ़ से 2 माह का समय लग सकता है क्योंकि नर्सरियां तैयार करके रोपण करने या सीधी बुवाई वाली लगभग सभी प्रजातियों की सब्जियों के तैयार होने में कम से कम 45 दिन का समय तो लगेगा ही। अभी जिन बीजों की खरीदी की जा रही है उनकी फसलों के लिए कम से कम 60 दिन का इंतजार और करना होगा।
होश उड़ा रही बीज की कीमतें
सब्जी बीज के बाजार में इस समय सबसे ज्यादा महंगा भिंडी का बीज है। 2000 से 3000 रुपए किलो की दर पर बेची जा रही भिंडी के बीज की खरीदी से थोड़ा दूरी बनाई जा चुकी है। टमाटर भी पीछे नहीं है। इसका बीज 300 रुपए प्रति 10 ग्राम के पैकेट में मिल रहा है। धनिया पत्ती का बीज 200 रुपए किलो, लाल भाजी 220 रुपए किलो, पालक भाजी 100 रुपए किलो, मेथी भाजी का बीज 100 से 120 रुपए किलो में मिल रहा है। हाइब्रिड बीज की मांग बढ़ने से मूली का बीज 80 रुपए, बैगन 90 रुपए, कुम्हड़ा 80 रुपए और लौकी के बीज के 10 ग्राम के पैकेट 40 रुपए में उपलब्ध हो रहे हैं। बरबट्टी बीज की 50 ग्राम की खरीदी पर 300 रुपए निकालने होंगे तो इतनी ही मात्रा में करेला बीज की खरीदी 300 रुपए में करनी होगी। अलबत्ता तोरई के बीज राहत दे रहे हैं जिसका 10 ग्राम का पैकेट 35 रुपए में बेचा जा रहा है। हरी मिर्च पूरे साल मांग में रहती है इसलिए इसका बीज 10 ग्राम के पैकेट में 300 रुपए में उपलब्ध होगा।
” सब्जी उत्पादक किसानों को मिट्टी की नमी का विशेष ध्यान रखना होगा। जैसी स्थितियां बनी हुई है उसके बाद नई फसल के लिए डेढ़ से 2 माह का समय और लगेगा ” – डॉ अमित दीक्षित ,साइंटिस्ट, वेजिटेबल, कृषि महाविद्यालय कुरूद।
” भारी बारिश के बाद सब्जी उत्पादक किसान दूसरी फसल की तैयारी कर रहे हैं। बीज की कीमतें तो बढ़ी नहीं है लेकिन फसलों के नष्ट हो जाने से खरीदी जा रही बीज की मात्रा जरूर कम होती दिखाई देती है पर मांग और आपूर्ति बराबर बनी हुई है ” – कमल वर्मा, संचालक, वर्मा कृषि केंद्र, भाटापारा।
About The Author
