” राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन समसामयिक” … टेसूलाल धुरंधर
” राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन समसामयिक” … टेसूलाल धुरंधर
भुवन वर्मा बिलासपुर 22 अगस्त 2020

बलौदाबाजार । देश में सरकारी नौकरी का
आकर्षण अब भी बरकरार है, अधिसंख्यक युवा पढ़ -लिख कर सरकारी नौकरी का सपना संजोए विविध प्रतियोगी परीक्षाओं में भाग लेकर भाग्य जमाता है। अब तक केंद्र सरकार की नौकरियों में अलग-अलग विषयों हेतु विभाग वार भर्ती एजेंसी व स्वतंत्र चयन प्रणाली हुआ करता था, इस प्रणाली में एक उम्मीदवार एक जैसे ‘रैंक’ के पद हेतु अलग-अलग विभाग की प्रचलित परीक्षाओं के परिपालन की जटिलताओं में उलझकर समय, साधन, संसाधन और श्रम सीकर सींचकर भी कुछ हासिल करने की स्थिति में नहीं होता था। सरकारी क्षेत्र की इन्हीं विसंगतियों को संज्ञान में लेते हुए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी (national recruitment agency) के गठन का निर्णय लिया है।
देश के लगभग तीन करोड़ युवा उम्मीदवार जो प्रति वर्ष SSC (स्टाफ सिलेक्शन कमीशन), RRB( रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड), IBPS (institute of banking service personnel) की परीक्षा देते रहे हैं, इन्हें अब केवल एक परीक्षा में शामिल होकर कई पदों के लिए प्रतिस्पर्धा का अवसर मिलेगा।
इस परीक्षा को common eligibility test (CET) कहा जाएगा आगे चलकर इसी एजेंसी के दायरे में देश भर के रोजगार मूलक प्रतियोगी परीक्षाएं एक साथ ली जाएगी।
CET के संचालन हेतु प्रत्येक जिला में भर्ती बोर्ड का एक केंद्र होगा, प्रथम चरण में देशभर में हजार परीक्षा केंद्र बनाया जाना प्रस्तावित है, आवश्यक प्रारंभिक व्यय हेतु 1518 करोड़ रुपए का प्रावधान कर दिया गया है,परीक्षा माध्यम के रूप में हिंदी व अंग्रेजी के अलावा 10 क्षेत्रीय भाषाओं को भी मान्यता दी गई है, जो धीरे से आठवीं अनुसूची के सभी भाषाओं को मान्यता दिए जाने की ओर एक पहल है।
परीक्षा की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटर आधारित रहेगी सब कुछ ऑनलाइन होगा तथा परीक्षा के तुरंत बाद रिजल्ट घोषित कर score card दे दिया जाएगा, इसी स्कोर कार्ड के आधार पर उम्मीदवार अपने पसंद की नौकरी के मुख्य परीक्षा में 3 वर्ष की अवधि में बैठने के लिए स्वतंत्र होगा।परीक्षा वर्ष में दो बार आयोजित की जाएगी 10वीं 12वीं व स्नातक स्तर हेतु अलग-अलग स्तरानुकूल परीक्षा ली जाएगी, उम्मीदवार अधिकतम उम्र की सीमा तक कई बार पात्रता परीक्षा देने स्वतंत्र है।
केंद्र सरकार द्वारा राष्ट्रीय भर्ती एजेंसी का गठन यूपीएससी की तर्ज पर “वन नेशन वन एग्जाम” की अवधारणा पर आधारित बेरोजगारों के हित में पारदर्शी, दूरदर्शितापूर्ण समसामयिक कदम है। केंद्र सरकार की गैर तकनीकी के पदों बी व सी ग्रेड हेतु जिला स्तर पर परीक्षा केंद्र होने से दिव्यांगों, महिलाओं, वंचित वर्ग सहित समाज के सभी वर्गों के उम्मीदवारों को परीक्षा देने का समान अवसर प्राप्त होगा तथा क्षेत्रीय भाषाओं को परीक्षा का माध्यम बनाये जाने से ग्रामीण पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों के आत्मविश्वास को बढ़ावा मिलेगा।उम्मीदवारों के समय व संसाधनों की बचत के साथ ही सरकार की भी परीक्षा के आयोजनों में किए जाने वाले करोड़ों रुपए खर्च की बचत होगी। केंद्र सरकार की इस क्रांतिकारी निर्णय के साथ राज्य सरकारों की स्वैच्छिक अपेक्षा के साथ निजी क्षेत्र को भी इस योजना में शामिल करने की गुंजाईश रखी गई है जो शुभ एवं सुखद संकेत है।
चिंतक एवं विचारक:-
टेसूलाल धुरंधर
पूर्व प्रांतीय संगठन मंत्री
छ. ग. शिक्षक संघ
पूर्व विधायक प्रत्याशी, भाजपा
बलौदा बाजार
About The Author


Challenge yourself and dominate the leaderboard Lucky cola