आयोग के निर्देश पर आवेदिका को रेरा से मिला 50 लाख रूपये वापसी

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बिलासपुर, 28 नवम्बर 2025/छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की मान. अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने जिला पंचायत भवन बिलासपुर में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रस्तुत 22 प्रकरणों पर जनसुनवाई की छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की मान. अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक के अध्यक्षता में आज प्रदेश स्तर पर 355 व बिलासपुर जिले में 22 वी सुनवाई हुई।

आज के सुनवाई के दौरान प्रकरण में उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने बताया आंतरिक परिवाद समिति ने उसकी शिकायत पर पूरी तरह से जाँच नही किया है और आनावेदक को दोषमुक्त करार दिया है। जिसके खिलाफ आवेदिका ने अपील कर रखा है, आवेदिका का बच्चा छोटा है उसने कहा कि यदि अनावेदक माफी मांगता है तो वह आवेदन वापस ले लेगी। अनावेदक ने आवेदिका से आयोग के समक्ष मांफी मांगा है। इस पर आवेदिका ने आंतरिक परिवाद समिति की अपील वापस लेने की बात स्वीकार किया है। चूंकि दोनो पक्षों के बीच प्रकरण का निपटारा हो चुका है। अतः प्रकरण वापस ले ली है और प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है। उभय पक्ष उपस्थित आवेदिका ने जिला खेल परिसर में महिला खिलाड़ियों के लिए ज्पउम स्लॉट आवेदन प्रस्तुत किया था पिछली सुनवाई में अनावेदक को 15 दिन का समय दिया गया था लेकिन खेल परिसर में निर्माण कार्य होने के कारण वहां खेलने की स्थिति नही थी निर्माण कार्य पूरा होने के बाद महिला खिलाड़ियों के लिये अनावेदक ने टाईम स्लॉट देने का अश्वासन दिया अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता हैं। उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने अनावेदक के विरूद्ध वो उच्चाधिकारी है शासकीय दौरे में कही गई बातों की शिकायत किया था जिस पर अनावेदक का कहना है कि शासकीय कार्यों में लापरवाही के लिये सामूहिक रूप से सभी को काम को पूरा करने के लिये डाटा जाता है किसी को व्यक्तिगत टिप्पणी नही करते। आवेदिका का कथन हे कि उसने अनावेदक विरूद्ध अजाक थाना में लिखित शिकायत दिया था लेकिन अपने उच्चाधिकारी को लिखित शिकायत नही दिया था लेकिन थाने में आवेदन देने के बाद अनावेदक इस तरह के टीका टिप्पणी करना बंद कर दिये हैं। इस स्तर पर अनावेदक ने आवेदिका को लगी ठेस पर खेद व्यक्त किया हैं और भविष्य में अपने शब्दों पर और संयम रहने की बात कही है ऐसी स्थिति में आवेदिका और कार्यवाही नही चाहती है। अतः प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

आवेदिका उपस्थित। अनावेदक कमांक (2) उपस्थित। अनावेदक 1 अस्वस्थ होने के कारण अनुपस्थित है। उसके दस्तावेज लेकर अनावेदक कमांक 2 उपस्थित। शेष अनावेदक अनुपस्थित। पिछली सुनवाई मतें उभय पक्ष को सुलह करने के लिए समय दिया गया था लेकिन कोई पहल नही की गई हैं आवेदिका ने कहा कि पिछले 1) साल से केवल बात करते है न ही खर्चा दे रहें है न ही आते है इतनी महिला से अनावेदक कमांक 1 के अनैतिक संबंध है आवेदिका ने बताया है कि सुलह की बात करता है लेकिन कोई पहल नही करता हे अब तक कोई भरण पोषण भी नही दे रहे हैं अनावेदक कमांक 02 का कथन है कि आवेदिका को 500/- ऑनलाईन दिया गया था अनावेदकगण का च्वाईस सेन्टर और आर.सी.एम. का दुकान था लेकिन अपनी आय कभी नही बताता था। अनावेदक कमांक 02 के निवेदन पर सुलह हेतु अंतिम अवसर दिया जाता है। 15 दिन के अंदर सखी सेन्टर में सखी प्रशासिका के पास मीनाक्षी पाण्डेय क पास सुलह हेतु अंतिम अवसर अनावेदकगण को दिया जाता है यदि वह सुलह वार्ता के लिये अनुपस्थित रहते है और सुलह का प्रयास नही करते है तो आवेदिका अनावेदकगण के विरूद्ध दहेज प्रताड़ना के केस में एफ.आई.आर. करा सकेगी। आज के आर्डर की कापी सखी प्रशासिका को निःशुल्क प्रति दी जाती है। वह 15 दिवस में अपनी रिपोर्ट आयोग को प्रस्तुत करेगी। उभय पक्ष उपस्थित। आवेदिका ने तीनों अनावेदक के खिलाफ विस्तृत शिकायत किया है वही अनावेदक गणों के द्वारा भी आवेदिका के खिलाफ शिकायत और स्थायी प्राचार्य की मांग के लिये आवेदन प्रस्तुत। सम्पूर्ण मामले को विस्तृत से सुना गया। चूंकि स्कूल में स्थायी प्राचार्य की नियुक्ति हो चुकी है ऐसी दशा में पूरे मामले को पराक्षेप करना ज्यादा उचित होगा स्कूल का संचालन प्राचार्य अपने विवेक से कर सकती है और पिछले 12 साल में एक इसके खिलाफ की गई शिकायतों का निराकरण करने से भी किसी भी पक्ष को कोई लाभ नही मिलने वाला चूंकि यह पुरानी बात है और स्थायी प्राचार्य आने के बाद अभय पक्षों के बीच विवाद का समाधान स्थायी प्राचार्य स्वयं कर सकती है। अतः उभय पक्ष नव पदस्थ स्थायी प्राचार्य को अपनी शिकायत प्रस्तुत कर सकते है और स्थायी निराकरण कर सकते है। इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।
आवेदिका उपस्थित। अनावेदक अनुपस्थित अनावेदक को थाना तिरोड़ा महाराष्ट्र जिला भण्डारा के माध्यम से आवश्यक उपस्थिति करावें इस प्रकरण को जॉच के लिये सखी प्रशासिका को दिया जाता है कि वो जिला भण्डारा के सखी सेन्टर से सम्पर्क कर अनावेदक की जाँच कराकर 02 माह में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सखी को इस आर्डर सीट की निःशुल्क प्रति प्रदाय की जाति है। आवेदिका ने महिला थाना बिलासपुर में आवेदन प्रस्तुत किया था। अनावेदक गण उपस्थित अनावेदक अपने साथ में कुछ आवेदन महिला थाना प्रभारी को दिया है थाना प्रभारी द्वारा तय की जाय तारिख पर अनावेदक गण आवेदिका की शादी में दिये गये सामग्री के साथ उपस्थित होंगे और आवेदिका को वापस करेंगे साथ में अनावेदक कमांक 1 अपनी दूसरी पत्नि के साथ उपस्थित होगा। महिला थाना प्रभारी के द्वारा उभय पक्षों के दस्तावेजों को देखकर पूर्व में दिये गये आदेशों का पालन किया जावेगा और एक माह में अपना रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगा। आर्डर सीट की एक प्रति निःशुल्क दिया जायेगा। आवेदिकागण उपस्थित है। अनावेदकगण अनुपस्थित है। आवेदिका ने बताया कि धोखाधड़ी के मामले में हीरा भगवानी जेल में बंद है। इस प्रकरण में आवेदिका को समझाईस दी गई है कि वह अपने मामले अपराधिक परिवाद पत्र न्यायालय में प्रस्तुत करें और राशि वसूली के लिये दीवानी मामला की प्रस्तुत करें इस निर्देश के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है आवेदिका को निःशुल्क प्रति भी दिया जाता है। आवेदिका उपस्थित अनावेदक अनुपस्थित आवेदिका ने सुलह नामा प्रस्तुत किया और बताया कि आयोग में प्रकरण दर्ज करने के बाद ही अनावेदक के द्वारा आवेदिका को 50 लाख रूपये वापस किये गये अतः आवेदिका अपना आवेदन वापस लेना चाहती है इस आधार के साथ प्रकरण नस्तीबद्ध किया जाता है।

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