एनएमडीसी मुख्यालय रायपुर स्थानांतरण से कंपनी व छत्तीसगढ़ को होगा लाभ: कुंभकर्णी नींद से कब जागेगी डबल इंजिन सरकार

0
507a2da9-38d9-451a-936c-a216dbb5ca43

रायपुर। एनएमडीसी की परियोजनाओं में अधिकांश कर्मचारी, अधिकारी छत्तीसगढ़ में कार्यरत हैं, बार-बार इनके मुख्यालय के आधिकारिक यात्राओं में आवागमन से होने वाली अवांछित यात्रा भत्ता आदि व्यय को न्यूनतम किया जा सकेगा। वाहनों के अनावश्यक आवाजाही को नियंत्रित कर पर्यावरण प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा। छत्तीसगढ़ के ठेकेदारों, वेंडरों, सर्विस प्रोवाइडर्स को, सामग्री विक्रेताओं को न्यून लागत पर इंगेज किया जा सकेगा, जिससे करोड़ों रुपयों की बचत होगी। साथ ही जीएसटी, कार्पोरेट टैक्स के रूप में राज्य को लाभ होगा। यहां के लोगों को रोजगार मिलेगा, ठेकेदारों, वेंडरों को अवसर मिलेगा। सबसे बड़ी बात राज्य से आवक का उपयोग राज्य में निवेश के रूप में होगा। तेलंगाना के जनप्रतिनिधिगण इस बात को अच्छी तरह समझते हैं, लेकिन क्या छत्तीसगढ़ के भाग्य विधाता और कर्णधारगण समझते हैं?

कुंभकर्णी नींद से जागिए समस्त माननीयों !
क्या केंद्र सरकार, इस्पात मंत्रालय, डबल-इंजन सरकार के डिब्बे, चक्के, छत्तीसगढ़ के जनप्रतिनिधिगण, पक्ष, विपक्ष, राजनेता, मंत्री, थिंकटैंक, पत्रकार, मीडिया सभी अंधे, बहरे, गूंगे हो गए हैं ?
एनएमडीसी सहित सरकार से स्पष्टीकरण वांछित है कि क्या हैदराबाद के समीप पटांचेरू (तेलंगाना) में एनएमडीसी मुख्यालय को स्थानांतरित किया जा रहा है और रायपुर में स्थित ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर (जीईसी) को बंद करने की कोई योजना है ?

आशा की किरण
इस विषय पर तेलंगाना सरकार को भी छत्तीसगढ़ और केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहिए। विदित हो कि विगत दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान राज्य व्यापी विभिन्न संगठनों द्वारा उठाए गए एनएमडीसी के मुख्यालय को रायपुर छत्तीसगढ़ स्थानांतरित करने संबंधी चिर प्रतीक्षित मांग को इस्पात मंत्री श्री एच.डी.कुमारस्वामी द्वारा पूरा करने का आश्वासन दिया गया था।
छत्तीसगढ़ (पूर्ववर्ती मध्यप्रदेश) मूल निवासी संघर्ष समिति के संयोजक श्री एस.एल.वर्मा ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि पांच दशक से छत्तीसगढ़ का नमक खा रहे एनएमडीसी को अब स्वतः सामने आकर इस माटी का कर्ज चुकाने का वक्त आ गया है। धान और खनिज के कटोरे के दोहन के बाद छत्तीसगढ़ महतारी की पीड़ा को समझते हुए, जनाकांक्षाओं के अनुरूप चिर प्रतीक्षित मांग (केवल और केवल) मुख्यालय रायपुर स्थानातरण के द्वारा संभव है, जबकि अब राज्य और केंद्र दोनों जगहों पर डबल इंजिन की सरकार है।

रत्नगर्भा छत्तीसगढ़ प्रदेश की अस्मिता से जुड़े इस गंभीर विषय पर तत्काल संज्ञान लेते हुए एनएमडीसी प्रबंधन, राज्य सरकार एवं भारत सरकार से प्रार्थना है कि जनभावनाओं के अनुरूप निम्नलिखित प्रस्ताव पर त्वरित कार्यवाही की जाए –
1. राज्य सरकार द्वारा अटल नगर नवा रायपुर में आबंटित भूमि पर / या नई जगह पर एनएमडीसी मुख्यालय स्थानांतरित की जाए।
2. साथ ही रायपुर में स्थित ग्लोबल एक्सप्लोरेशन सेंटर का नाम के अनुरूप पूर्ण रूप से सक्रिय संचालन प्रारंभ किया जाए।
3. जन-भावनाओं के अनुरूप राज्य सरकार और एनएमडीसी के मध्य एमओयू कर राज्य की खनिज संपदा, लिथियम सहित क्रिटिकल मिनरल्स के गवेषण, दोहन पर वृहत पैमाने पर कार्य प्रारंभ किया जाए। बैलाडीला क्षेत्र में लौह अयस्क डिपॉजिट 4, 13, बेलमुंडी सरायपाली / देवभोग हीरा खदान पर भी संयुक्त उद्यम के माध्यम से कार्य शीघ्र प्रारंभ हो ।
4. छत्तीसगढ़ के मूल निवासियों को नौकरी में प्राथमिकता दी जाए। मूल निवासी कर्मचारी अधिकारियों के प्रति पदोन्नति, स्थानांतरण सहित अन्य कार्मिक मामलों में सौतेला व्यवहार तत्काल बंद किया जाए।
5. प्रदेश निहित सीएसआर, स्पॉन्सरशिप, लोक कल्याणकारी योजनाओं में और भागीदारी बढ़ाई जाए। तेलंगाना में एनएमडीसी की लाभकारी इकाई नहीं होने के बावजूद वहां विशेष झुकाव/ प्राथमिकता क्यों?

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed