Budget 2025 आम जन मानस का बजट 2025, एक विश्लेषण – CA सुरेश कोठारी

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भुवन वर्मा बिलासपुर फ़रवरी 2025

दुर्ग। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपना आठवां बजट पेश किया , जैसा कि प्रधानमंत्री ने कल पत्रकारों से बात करते हुए यह कहा था कि आने वाला बजट मध्यम वर्ग को राहत देने वाला होगा और यह बिल्कुल वैसा ही था ।

मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सरकार ने आयकर में एक बहुत बड़ी छूट की घोषणा की है और अब 12 लाख रुपए तक की आय वालों को किसी भी तरह का कोई कर नहीं देना होगा वैतनिक करदाता के लिए यह ₹ 12.75 लाख होगा ।

नए कर ढांचा इस प्रकार होगा

कुल वार्षिक आय (₹)       कर दर (%)
———————-     ————
0 – 4,00,000                शून्य (0%)
4,00,001 – 8,00,000        05%
8,00,001 – 12,00,000      10%
12,00,001 – 16,00,000    15%
16,00,001 – 20,00,000    20%
20,00,001 – 24,00,000    25%
24,00,001 से अधिक          30%

आम जन मानस के  मन में यह सहज प्रस्तुत उपस्थित हो सकता है कि अगर ₹ 12 लाख तक  की आय कर मुक्त है तब यह कर ढांचा इस तरह का क्यों दिया गया है ।

साथियों यह में स्पष्ट करूं कि यह कर ढांचा 12 लाख से ऊपर की आय वालों के कर की गणना करने के लिए है अगर आपकी आय 12 लाख रुपए तक है या वेतन भोगियों की आय 12,.75 लाख तक है तो उन्हें किसी भी तरह का कोई कर नहीं लगेगा और अगर आपकी आय इससे अधिक है तब यह कर ढांचा आपके लिए लागू होगा और कर की गणना इसके अनुसार करनी होगी ।

यह भी मैं स्पष्ट करूं इस 12 लाख की गणना में वह आय नहीं जोड़ी जाएगी जिसमें किसी भी विशेष दर पर कर लगता है जैसे की कैपिटल गैन ।

साथियों यह बहुत बड़ी छूट है और इसकी अपेक्षा देश में कोई भी नहीं कर रहा था बड़े-बड़े कर विशेषज्ञ और अर्थशास्त्री भी 10 लाख रुपए तक की आय पर छूट की मांग कर रहे थे ।

वित्त मंत्री ने यह भी घोषणा की है कि वह अगले सप्ताह नया आयकर विधेयक लाएगी और यह विधेयक सरल भाषा में होगा जिससे इसे करदाता और कर प्रशासक भी समझ सके ।

साथ ही वित्त मंत्री ने कर अधिकारियों को यह एक संदेश भी दिया है कि करदाता द्वारा भरे गए आयकर रिटर्न पर विश्वास करें और स्क्रुटनी को एक अपवाद के रूप में ले ।

साथियों 4 जून 2024 की पहले यह सरकार हमेशा कड़े वित्तीय अनुशासन की पक्ष में रही है और बहुत कम लचीली रही है लेकिन अपेक्षा की विपरीत लोकसभा में 240 सीट आने के बाद यह सरकार ने भी कुछ अलग ढंग से सोचना शुरू कर दिया है ।

कड़े वित्तीय अनुशासन का फायदा भी आम जनता को ही मिलता है लेकिन अप्रत्यक्ष रूप से  , लेकिन शायद हमारी जनता प्रत्यक्ष लाभ को ज्यादा महत्व देती है , हाल ही में हुए हरियाणा और महाराष्ट्र के चुनाव के परिणाम भी इसी और इंगित करते हैं ।

वर्तमान सरकार ने भी जनता की आशा के अनुरूप प्रत्यक्ष लाभ देने का फैसला किया है और करों छूट की इतनी बड़ी घोषणा की है इस घोषणा से सरकार को प्रत्येक वर्ष लगभग 1 लाख करोड़ का नुकसान होगा और यह पैसा जनता के हाथ में आयेगा जिससे वह अपनी तात्कालिक आवश्यकताओं की पूर्ति कर सकते हैं और उनके जीवन स्तर में गुणात्मक सुधार करें ।

सरकार ने प्रत्यक्ष करों  में कुछ और सुधार करते हुए टीडीएस के प्रावधानों की जटिलता कम करने के उद्देश्य से  कुछ बदलाव किए हैं , वरिष्ठ नागरिकों के लिए ब्याज पर टीडीएस छूट ₹50,000 से बढ़ाकर ₹1 लाख कर दी गई।

किराए पर टीडीएस सीमा ₹2.4 लाख से बढ़ाकर ₹6 लाख कर दी गई।

विदेश में पढ़ाई के लिए ऋण लेने पर कोई टीसीएस नहीं लगेगा अगर यह ऋण सरकार द्वारा अधिसूचित वित्तीय संस्थानों से लिया हो ।

कोई भी ऐसा विक्रेता जिसने अपने विक्रय के प्रतिफल में साल भर के अंदर 50 लाख से अधिक का भुगतान प्राप्त किया है तो उसे 0.1% का टीसीएस काटना होता है यह प्रावधान हटा दिया गया है।

पहले अगर किसी व्यक्ति ने आयकर का रिटर्न नहीं भरा है तो उसे पर टीडीएस अधिक दर से लगता थी अब यह प्रावधान भी हटा दिया गया है अब केवल ऐसे व्यक्ति जिनके पास पैन कार्ड नहीं है उन पर ही टीडीएस की अधिक डर लगेगी ।

पहले एनपीएस वात्सल्य योजना में पैसा जमा करने पर किसी भी तरह की कोई कर छूट नहीं मिलती थी अब यह योजना भी कर छूट के लिए पात्र होगी ।

अगर आयकर दाता ने अपने रिटर्न को भरते समय कोई आए नहीं दिखाई तो इस तरह के रिटर्न को वह अतिरिक्त कर जमा कर के अपडेट कर सकता था पहले यह सीमा पिछले 2 साल तक की थी जिसे अब बढ़कर 4 साल कर दिया गया है।

इस साल बजट में सरकार ने व्यापार, उद्योग, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME), और नवाचार को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने के लिए कई बड़े फैसले लिए हैं। इसका उद्देश्य छोटे व्यापारियों को सहयोग देना, निवेश को बढ़ावा देना और उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना है ।

इस हेतु सरकार ने कई तरह के बदलाव किए हैं इसमें प्रमुख बदलाव एमएसएमई की परिभाषा को बदलना है इससे अब ज्यादा व्यवसाइयों को MSME श्रेणी में रखा जा सकता है , क्योंकि निवेश और वार्षिक विक्रय की सीमा 2.5 और 2 गुना बढ़ा दी गई है , नई परिभाषा निम्नानुसार है

श्रेणी| पुराना निवेश (करोड़ ₹) | नया निवेश (करोड़ ₹) | पुराना टर्नओवर (करोड़ ₹) | नया टर्नओवर (करोड़ ₹)
———————————————
माइक्रो | 1 | 2.5 | 5 | 10
लघु | 10 | 25 | 50 | 100
मध्यम | 50 | 125 | 250 | 500

लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSME) की परिभाषा को बदलने का मुख्य कारण यह है कि व्यापार को विस्तार और प्रतिस्पर्धा में मदद मिल सके।

पहले, कई छोटे उद्योग निवेश और टर्नओवर की सीमाओं के कारण MSME श्रेणी में नहीं आते थे, जिससे उन्हें सरकारी लाभ नहीं मिलते थे।

अब इस बजट में एमएसएमई को वित्तीय संस्थानों से बिना गारंटी के 10 करोड़ तक का ऋण मिल सकेगा पहले यह सीमा 5 करोड रुपए तक की थी ।

स्टार्टअप और नवाचार से संबंधित व्यापार व्यवसाय एवं उद्योगों के लिए यह सीमा 20 करोड़ होगी ।

सरकार का लक्ष्य अगले 5 वर्षों में एमएसएमई को 1.5 लाख करोड़ के अतिरिक्त ऋण वितरण करने की योजना है ।

इसके अलावा इस बजट में सरकार ने एमएसएमई के लिए विशेष MSME ऋण कार्ड जारी करने की घोषणा की है जिसमें छोटे व्यापारियों को ज्यादा किसी बिना औपचारिकता के तात्कालिक उपयोग हेतु ₹5 लाख तक का ऋण आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।

पहले साल में 10 लाख ऐसे कार्ड जारी करने का लक्ष्य रखा गया है अर्थात 5000 करोड़ का अतिरिक्त ऋण उपलब्ध होगा ।

वर्तमान बजट में सरकार ने व्यापार को आसान बनाने के लिए बहुत सारी घोषणा की है जिसमें से कुछ घोषणा इस कुछ घोषणाएं इस प्रकार है

अभी किसी भी नए उद्योग को लगाने के लिए सबसे बड़ी जटिलता भूमि प्राप्त करने की होती है , औद्योगिक भूमि के प्रबंधन और वितरण को अधिक प्रभावी बनाने के लिए, सरकार ने IILB को एक राष्ट्रीय भूमि बैंक के रूप में विकसित करने का प्रस्ताव रखा है, जिससे निवेशकों को भूमि से संबंधित जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी इससे निवेशकों को भूमि ग्रहण में आने वाली जटिलताओं से मुक्ति मिलेगी तथा उन्हें अपने प्रकलाप को जल्द से जल्द पूरा करने में भी आसानी होगी ।

उद्योगों को पर्यावरण संबंधी अनुपालन करने में भी काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था इस हेतु सरकार ने इस बजट मे पर्यावरण से संबंधित सभी शिकायतों को एक ही दस्तावेज़ में प्रस्तुत करने के लिए एक एकीकृत पर्यावरण फ्रेमवर्क तैयार करने का प्रस्ताव दिया है, जिससे व्यवसायों के लिए पर्यावरण नियमों का पालन करना आसान होगा ।

व्यापार व्यवसाय को और आसान बनाने के लिए सरकार एक जन विश्वास  अधिनियम 2025 भी पेश करने जा रही है जिसमें 100 से अधिक ऐसे  नियम जो कि पहले आपराधिक श्रेणी में आते थे उन्हें अब उन्हे गैर आपराधिक श्रेणी में लाया जाएगा ।

साथियों इस बजट में सरकार का मुख्य ध्यान है की कैसे व्यापार व्यवसाय  को आसान बनाया जाए और बाजार में ज्यादा से ज्यादा पैसा आ सके इसे हेतु  सरकार ने करो में छूट  तथा ऋण के रूप में अतिरिक्त पूंजी देने का प्रस्ताव किया , इन सारे प्रावधानों से बाजार में पूंजी का प्रवाह बढ़ेगा और व्यापार और व्यवसाय हेतु सकारात्मक वातावरण  का निर्माण होगा  जिससे आने वाले समय में हमारी अर्थव्यवस्था में वृद्धि होने की पूरी संभावना है ।
हमेशा की तरह आपकी प्रतिक्रिया एवं सुझावों का स्वागत है ।

CA सुरेश कोठारी
94252 46039
दुर्ग छत्तीसगढ़

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6 thoughts on “Budget 2025 आम जन मानस का बजट 2025, एक विश्लेषण – CA सुरेश कोठारी

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