मकर संक्रांति के पावन अवसर पर प्रयागराज कुंभ में श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ : आचार्य झमन शास्त्री द्वारा

0
7b98e487-c975-4089-a3b1-52963ae4ff5b

भुवन वर्मा बिलासपुर 12 जनवरी 2025

भाठापारा।मकर संक्रान्ति के पावन अवसर पर तीर्थक्षेत्र प्रयागराज कुम्भ मे मोरी चौराहा सेक्टर 19 पुरी शंकराचार्य शिविर मे आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह मे कथा व्यास आचार्य पंडित झम्मन प्रसाद शास्त्रीजी बताते है। कथा का उद्देश्य केवल यश पाने के लिए किसी इच्छा के अधीन किया गया धर्म कार्य नहीं बल्कि कथा के माध्यम से अंतःकरण को शुद्ध किया जाता है। भगवान को पाने की इच्छा तो परीक्षित और सुखदेव का संवाद ही सुन ले तो जीवन धन्य हो जाएगा ।अकाल मृत्यु से बचने के लिए भागवत कथा का श्रवण अवश्य करें ।यह बात आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के द्वितीय दिवस में शास्त्री ने कहीं उन्होंने कहा कि प्रभु की लीला के बगैर ना कोई जन्म ले सकता है। ना किसी की मृत्यु हो सकती है ।इसी कालचक्र में ईश्वर की सहमति विद्यमान है। रहती है। अकृतार्थ जीवात्मा को पुनर्जन्म लेना पड़ता है। इसलिए 24 घंटे मे कम से कम सवा घंटा प्रभु की स्तुति स्तुति भजन कीर्तन के माध्यम से करना चाहिए ।जीवन का उद्देश्य ईश्वर को पाना है। ना कि केवल धन वैभव और जिवकोपार्जन के लिए लगे रहना। महाराज जी ने संकीर्तन का महत्व बताते हुए कहा की प्रभात फेरी राम नाम संकिर्तन से युवाओं में सनातन धर्म के प्रति जागृति लाने का तरीका भी सुझाया ।

उन्होंने कहा कि रामराज लाना हो तो कर्ज माफी नहीं बल्कि कर्ज लेना ही न पड़े ऐसा वातावरण बनाना पड़ेगा ।शास्त्री जी ने कहा कि जब कोई व्यक्ति सात्विक मन से ईश्वर को पाने की चेष्टा करता है तो शुकदेव जैसे ज्ञानी का प्रदार्पण होता है। श्रवण योग से आसान कोई दूसरा रास्ता परमात्मा को पाने का नहीं है। गौरव की बात है कि हम सभी सनातन धर्मी दो-चार दिनों के नहीं बल्कि 31 नील 10 खराब 40 अब पुराने हैं ।ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना के समय 84 लाख योनियों का सृजन तो किया लेकिन विवेकशील प्राणी अर्थात मनुष्य बनने के लिए उन्हें नारायण की शरण लेनी पड़ी ।हमारा सनातन धर्म महान है। श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह मे 7:00 बजे से 12:00 बजे तक पारायण पूजन आराधना जप कथा समय 2:30 बजे से 6:30 बजे तक कथा हो रही है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed