सर्राफा व्यवसाई हत्याकांड खुलासा – नए और पुराने ड्राइवर ने मिलकर की हत्या….. दूकान लूटने की थी योजना….दो गिरफ़्तार एक फरार

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कोरबा। कोरबा जिले में 5 जनवरी की रात शहरवासियों और व्यापारियों को दहला कर रख देने वाले घटनाक्रम में सर्राफा व्यवसायी गोपाल राय सोनी की हत्या कर दी गई। वारदात के वक्त वे और उनकी अस्वस्थ पत्नी ही घर पर थे। घटना को रात 9:40 बजे से 9:59 बजे के मध्य 19 मिनट के भीतर अंजाम दिया गया और उन्हीं की क्रेटा कार क्रमांक जेएच 01 सीसी 4455 को लेकर फरार हो गए। साथ ही घर से सूटकेस, श्री सोनी का मोबाइल भी ले गए।
इस सनसनीखेज हत्याकांड को किसी और ने नहीं बल्कि नए एवं पुराने ड्राइवर ने एक अन्य साथी के साथ मिलकर अंजाम दिया था। जिस मालिक ने पेट भरने का साधन और रोजगार दिया उसे ही मरते वक्त इनके हाथ नहीं कांपे। मालिक के भरोसे और विश्वास का कत्ल कर देने के बाद वर्तमान चालक आकाश पूरे समय लोगों के साथ घुलता-मिलता रहा। अंत्येष्टि से लेकर अन्य कार्यों में भी वह शामिल होता रहा। पुलिस ने वारदात में शामिल तीन में से दो आरोपियों
आकाश गोस्वामी व मोहन मिंज को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुराना ड्राइवर सूरज गोस्वामी (आकाश का बड़ा भाई) फरार है जिसकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है।

मामले का खुलासा करते हुए बिलासपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला ने बताया कि यह चुनौतियों से भरा मामला था। CCTV फुटेज से आगे बढ़ते गए। दो संदिग्ध दिखे जो शाम 7:36 बजे पैदल दीवार फांदकर अंदर घुसे और फिर निकले नहीं। बाद में 10:59 बजे घर से कार में निकलते दिखे लोगों का हुलिया इनसे मिला। कार की तलाश के दौरान परसाभाठा बालको मार्ग में गाड़ी दिखी जो रिस्दा बस्ती से बरामद हुई। फिर इस रास्ते 360 cctv फुटेज को बारीकी से खंगालकर गाड़ी के रूट का पता लगाया। 10:01 से 10:22 बजे के बीच में उक्त कार के आने का रूट पता चला। इस बीच यह भी पता चला कि गाड़ी की पार्किंग तक खून की बून्द दिखी जिससे आरोपी के घायल होने का पता चला। मैनुवल पड़ताल में मोहन मिंज के चोटिल होने का पता चला। उसे हिरासत में लेने पर खुलासा हुआ।

चालक सूरज गोस्वामी पूर्व् चालक था और आकाश गोस्वामी वर्तमान चालक था। आकाश कर्ज में था। सूरज को पता था कि गोपाल के सूटकेश में चाबी रहती है। दुकान में चोरी की प्लानिंग थी और दुकान की चाबी सूटकेश में रहती थी। यह चाबी हासिल कर दुकान से जेवरात चुराने की योजना थी। चाबी चोरी करने की प्लानिंग 25 दिसम्बर को तैयार की गई थी। सूरज व आकाश दोनों भाई ने मिलकर योजना बनाई व मोहन मिंज आदतन बदमाश को शामिल किया। इनको पता था कि पुत्र नचिकेता वर्क फ्रॉम होम रहता था लेकिन रविवार को शाम को दुकान जाता है। घटना दिनांक की रात घर के पास खंडहर नुमा मकान में पहले से छिपे थे। जैसे ही गोपाल राय को चालक ने घर मे छोड़ा और नचिकेता दुकान गया तो तीनों घर मे दीवार फांदकर घुसे।

आपस में बातचीत करने के लिए किसी का मोबाइल और किसी के नाम का सिम इस्तेमाल किया गया। जब आरोपी घर में घुसे तब उस समय गोपाल राय पत्नी के कमरे में थे कि आरोपी अलग-अलग छिप गए। एक आरोपी सूरज घर के परिसर में मंदिर में छिप गया था जहां माथा टेकने पहुंचे गोपाल राय ने सूरज को देख लिया। इसके बाद सूरज की पहचान हो जाने से उसने आकाश को बताया व तीनों ने मिलकर धारदार हथियार से गोपाल राय की हत्या कर दी। आदतन बदमाश मोहन ने गोपाल को पीछे से पकड़ा और सूरज ने धारदार हथियार से हमला कर दिया। सूटकेश में दुकान की चाबी है,इसलिए लेकर भाग निकले। सूटकेश व हथियार को रास्ते मे नदी में फेंक दिया। गोपाल राय व उनकी पत्नी का मोबाइल बरामद हुआ है। सर्राफा व्यवसाई

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