छत्तीसगढ़ में औद्योगिक विकास को गति देने के लिए बनाई नई नीति, खुलेंगे रोजगार के द्वार
रायपुर। नई औद्योगिक नीति में छत्तीसगढ़ सरकार ने भारत सरकार के विजन 2047 की परिकल्पना को साकार करने और राज्य के औद्योगिक विकास को गति देने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए हैं। राज्य के प्रशिक्षित व्यक्तियों को औपचारिक रोजगार में परिवर्तित करने के लिए उद्योगों के लिए प्रति व्यक्ति 15 हजार रूपए की प्रशिक्षण वृत्ति प्रतिपूर्ति का प्रावधान किया गया है।
नवीन औद्योगिक नीति 1 नवबंर 2024 से 31 मार्च 2030 तक के लिए लागू होगी। इस नीति में निवेश प्रोत्साहन में ब्याज अनुदान, लागत पूंजी अनुदान, स्टाम्प शुल्क छूट, विद्युत शुल्क छूट मूल्य संवर्धित कर प्रतिपूर्ति का प्रावधान है। नई नीति में मंडी शुल्क छूट, दिव्यांग (निःशक्त) रोजगार अनुदान, पर्यावरणीय प्रोजेक्ट अनुदान, परिवहन अनुदान, नेट राज्य वस्तु और सेवा कर की प्रतिपूर्ति के भी प्रावधान किए गए हैं।
युवाओं को मिलेंगे रोजगार के नए अवसर
नई औद्योगिक नीति में राज्य के युवाओं के लिए रोजगार सृजन को लक्ष्य में रखकर एक हजार से अधिक स्थानीय रोजगार सृजन के आधार पर बी-स्पोक पैकेज विशिष्ट क्षेत्र के उद्योगों के लिए प्रावधानित हैं। राज्य के निवासियों विशेषकर अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, सेवानिवृत्त अग्निवीर सैनिक, भूतपूर्व सैनिकों, जिनमें पैरामिलिट्री भी शामिल है को नई औद्योगिक नीति के तहत अधिक प्रोत्साहन दिए जाने का प्रावधान है। नक्सल प्रभावित, कमजोर वर्ग, तृतीय लिंग के उद्यमी भी नई औद्योगिक पॉलिसी के तहत विशेष प्रोत्साहन के पात्र होंगे।
अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग-अलग प्रावधान
नई औद्योगिक नीति में पहली बार सेवा क्षेत्र अंतर्गत एमएसएमई सेवा उद्यम और वृहद सेवा उद्यमों के लिए अलग-अलग प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया है। सेवा क्षेत्र अंतर्गत इंजीनियरिंग सर्विसेस, रिसर्च एंड डेव्हलपमेंट सेक्टर, पर्यटन और मनोरंजन सेक्टर आदि से संबंधित गतिविधियों को सम्मिलित किया गया है। इस नीति में बड़ी संख्या में सेवा श्रेणी के उद्यमों को भी औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन के लिए पात्र उद्यम माना गया है जिसमें पर्यटन, मनोरंजन, अन्य सामाजिक सेवाओं के सेक्टर, सरगुजा और बस्तर संभाग में होम-स्टे सेवाओं को भी शामिल किया गया है।