रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने उद्योगों के विकास के लिए पिटारा खोल दिया है। गुरुवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने राज्य की नई औद्योगिक विकास नीति 2024-30 का विमोचन किया। नई नीति में कई सौगातों का जिक्र है। इसमें जिले ही नहीं, ब्लॉक स्तर पर भी औद्योगिक नेटवर्क के विस्तार को तव्वजो दी गई है। यह भी तय किया गया है कि जिन क्षेत्रों में अधिक संभावना होगी, वहां औद्योगिक क्षेत्रों या औद्योगिक पार्क की स्थापना पहले कराई औद्योगिक पार्क की स्थापना पहले कराई जायेगी। राज्य में आवश्यकता के अनुसार नवीनतम तकनीक पर आधारित उद्यमों विकास के लिए विशेष प्रावधान किये जायेंगे। नई नीति में स्टील, फूड प्रोसेसिंग, सामान्य सेक्टर, टेक्सटाइल, फार्मा सेक्टर के नए उद्यमियों को सब्सिडी देने का भी प्रावधान हैं। इन वर्गों के लिए प्रावधान राज्य के आर्थिक एवं सामाजिक उत्थान में कमजोर वर्ग, अनुसूचित जाति, जनजाति, महिला उद्यमियों, तृतीय लिंग एवं भूतपूर्व सैनिकों (अर्धसैनिक बल भी शामिल हैं), सेवानिवृत्त अग्निवीर एवं नक्सल प्रभावितों, आत्मसमर्पित नक्सलियों की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अधिक प्रोत्साहन दिये जाने की योजना है, जिससे इन वर्गों का आर्थिक उत्थान भी हो सके। सिंगल विंडो प्रणाली पर जोर राज्य की सिंगल विण्डो प्रणाली को देश की सिंगल विण्डो प्रणाली के साथ एकीकृत करते हुए राज्य को एक आकर्षक निवेश केन्द्र के रूप में विकसित किया जाने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए विभागों द्वारा दी जाने वाली अनुमति, सम्मति को ऑनलाइन पोर्टल प्रणाली के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने के लिए प्रक्रिया को इस प्रकार से सुविधाजनक बनाये जाने की योजना है, जिससे उपरोक्त सभी प्रकार के अभिलेख सुनिश्चित न्यूनतम समयावधि में उद्यमी को उपलब्ध हो सके। रोजगार के अवसर राज्य में उपलब्ध तकनीकी संस्थानों के माध्यम से शिक्षित, प्रशिक्षित हो रहे युवाओं को मानव संसाधन के रूप में राज्य में ही रोजगार प्राप्त हो सकें यह सुनिश्चित करने के लिए व्यावसायिक शिक्षण संस्थानों में राज्य के उद्यमों की आवश्यकतानुसार मानव संसाधन उपलब्ध कराने हेतु प्रशिक्षण कार्यकमों को शैक्षणिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। इसके लिए राज्य के उद्यमों से समन्वय स्थापित कर उनकी आवश्यकता के अनुरूप शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को समन्वित करते हुए जरुरत के अनुसार मौजूदा एवं नये आईटीआई, पॉलिटेक्निक की स्थापना की जाकर कौशल उन्नयन एवं राज्य में ही रोजगार उपलब्ध कराने के लिए शासन के अन्य विभागों एवं राज्य में स्थापित उद्यमों के लिए उपयोगी बनाया जाएगा। विकासखंडों में औद्योगिक पार्क राज्य में सभी विकासखण्डों को औद्योगिक क्षेत्रों के माध्यम से नेटवर्क के रूप में विकसित किया जाना नीति के उद्देश्य में शामिल है। जिन क्षेत्रों में अधिक संभावना होगी, उन क्षेत्रों में औद्योगिक क्षेत्रों या औद्योगिक पार्क की स्थापना पहले कराई जायेगी। इसके छत्तीसगढ़ शासन, वाणिज्य एवं उद्योग विभाग द्वारा भारत सरकार एवं राज्य शासन की सहायता से एवं विभाग के उपक्रम सीएसआईडीसी के द्वारा वित्तीय संस्थाओं से यथा आवश्यकता ऋण प्राप्त कर या राज्य शासन से अंशदान की सहायता लेते हुये अथवा स्वयं की वित्तीय सहायता से पिछड़े क्षेत्रों का विकास कराया जायेगा, जिससे सुगमता के साथ औद्योगिक इकाइयों, सेवा इकाइयों एवं अन्य औद्योगिक अनुषांगिक गतिविधियों के लिए विकसित भूमि, भूखण्ड, औद्योगिक भवन, शेड फ्लैटेड फैक्टरी कॉम्प्लेक्स, प्लग-एंड-प्ले अधोसंरचना उपलब्ध करायी जा सके। वरिष्ठों के साथ कनिष्ठों ने भी किया स्वागत कार्यक्रम में वरिष्ठों के साथ अधीनस्थ कनिष्ठों का भी खास ख्याल रखा गया। अधीनस्थों से ही अतिथियों को पुष्प गुच्छ भेंट कराए गए, लेकिन इसमें भी खास ये था कि वरिष्ठों के साथ कनिष्ठ स्तर के अधिकारियों से भी मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का स्वागत करवाया गया। नई तकनीक के उद्योगों के लिए विशेष प्रावधान राज्य में आवश्यकता के अनुसार, नवीनतम तकनीक पर आधारित उद्यमों विकास के लिए विशेष प्रावधान किये जायेंगे। जैसे टेक्सटाईल, फार्मास्यूटिकल्स, फार्मा मेडिकल डिवाइस, फूड प्रोसेसिंग कृषि उत्पाद संरक्षण संरचना, स्टील सेक्टर के डाउन स्ट्रीम उत्पादों पर आधारित उद्यमों का विकास एवं रक्षा क्षेत्र, आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स हार्डवेयर निर्माण इकाइयों जैसे क्षेत्रों को अधिक औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान करते हुए राज्य में उपलब्ध नैसर्गिक संसाधनों के साथ-साथ कृषि एवं खाद्य उत्पाद, मानव संसाधन, प्राकृतिक संसाधन का राज्य में ही मूल्य संवर्धन करते हुए आर्थिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।
रायपुर। राज्यसभा सांसद कुमार देवेन्द्र प्रताप सिंह को केंद्र सरकार ने एक बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है। कुमार देवेन्द्र प्रताप सिंह को विद्युत मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य बनाए गए हैं। यह नियुक्ति उनके अनुभव और राजनीतिक दक्षता को देखते हुए की गई है। विद्युत मंत्रालय के सलाहकार समिति में राज्यसभा से 6 नाम शामिल हैं।
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