चक्रधरपुर रेल मंडल में हाथियों ने रोकी ट्रेन: हावड़ा-मुंबई रूट पर पहुंचा 23 हाथियों का झूंड, 10 घंटे बाधित रहा ट्रेनों का परिचालन

0

बिलासपुर/ चक्रधरपुर रेल मंडल के हावड़ा-मुंबई रूट पर बंडामुंडा स्टेशन में 23 हाथियों का दल रेलवे ट्रैक पर आ गया। इसके चलते मुंबई-हावड़ा रूट पर रेल यातायात करीब 10 घंटे तक बाधित रहा। इस दौरान छत्तीसगढ़ से होकर चलने वाली 16 ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों पर ट्रेनों को रोकना पड़ा। इस दौरान हावड़ा और मुंबई रूट पर चलने वाली गाड़ियां घंटों विलंब से रवाना हुई। बता दें कि एक सप्ताह पहले इसी जगह पर मालगाड़ी की टक्कर से हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी।

दरअसल, हावड़ा-मुंबई रूट पर चक्रधरपुर रेल मंडल के बंडामुंडा स्टेशन (ओड़ीशा) के पास हाथियों के झुंड का रेल पटरी पर आ गया था। हाथियों का दल रेलवे ट्रैक पर घंटों जमे रहे, जिसके कारण इस सेक्शन से गुजरने वाली अप व डाउन लाइन की ट्रेनों को अलग-अलग स्टेशनों में नियंत्रित करना पड़ा।

हाथियों के कारण रविवार रात से लेकर सोमवार सुबह तक करीब 10 घंटे तक ट्रेनों का परिचालन बाधित रहा। यहां रविवार की देर शाम से 23 हाथियों का यह दल रेल पटरी के आसपास मंडरा रहे थे। इसकी जानकारी मिलते ही रेलवे ने रविवार की रात ट्रेनों का परिचालन रोक दिया।

10 किमी प्रतिघंटे की गति से गुजरी गाड़ियां

हाथियों की मौजूदगी को देखते हुए संबंधित रेल मंडल ने ट्रेनों की गति को लेकर आदेश जारी किया। इसके तहत अप व डाउन दोनों दिशा की ट्रेनें इस सेक्शन से 10 किमी प्रतिघंटे की गति से चलीं। ऐसा हाथियों की सुरक्षा को देखते हुए किया गया था।

गति तेज होने पर ट्रेनों को नियंत्रित कर पाना मुश्किल होता है। निर्धारित गति से चलने के दौरान यदि हाथी आ भी जाते हैं तो आसान से ट्रेनें रोकी जा सकती हैं। इस दौरान वन विभाग की टीम रेलवे ट्रैक के आसपास मौजूद रहे।

इसी जगह पर हाथी के बच्चे की मौत, तलाश में भटक रहा था दल

एक सप्ताह पहले इसी जगह हाथियों के झूंड को मालगाड़ी ने टक्कर मार दी थी, जिसमें एक हाथी के बच्चे की मौत हो गई थी। इस हादसे में हाथी का बच्चा घायल हो गया और उसकी मौत हो गई। माना जा रहा है कि हाथियों का दल लापता हाथी के बच्चे की तलाश में भटक रहा है।

जिस जगह पर हादसा हुआ था, वहां हाथियों का दल बच्चे की तलाश में मंडरा रहा था। हालांकि, हाथी का बच्चा नहीं मिलने पर दल पूरी रात तलाश के बाद सुबह वहां से जंगल की तरफ निकल गया।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *