छत्तीसगढ़ कोल घोटाला…ACB-EOW कराएगी नार्को टेस्ट: सूर्यकांत तिवारी समेत 4 लोगों के टेस्ट के लिए स्पेशल कोर्ट में लगाया आवेदन; 16 अक्टूबर को सुनवाई

0

रायपुर/ छत्तीसगढ़ कोल घोटाले के सूर्यकांत तिवारी समेत 4 आरोपियों का नार्को टेस्ट हो सकता है। इसके लिए ACB-EOW ने स्पेशल कोर्ट में आवेदन भी लगा दिया है। इस मामले में दूसरा पक्ष भी जवाब देगा इसके लिए 16 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।

इन आरोपियों के नार्को टेस्ट की मांग

  1. सूर्यकांत तिवारी (कोल घोटाले का किंगपिन कहा जाता है)
  2. रजनीकांत तिवारी (सूर्यकांत का भाई)
  3. निखिल चंद्राकर (सूर्यकांत के साथ काम करता था)
  4. रोशन सिंह
  5. शराब घोटाले मामले में भी सुनवाई
  6. शराब घोटाले मामले में भी सोमवार को सुनवाई हुई। न्यायिक रिमांड में रायपुर की जेल में बंद रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा को ACB कोर्ट में पेश किया गया। सुनवाई के बाद कोर्ट ने टुटेजा की 28 अक्टूबर तक न्यायिक रिमांड बढ़ा दी है।
  7. अब जानिए क्या है नार्को टेस्ट, जो लाता है सच सामने
    आरोपी खुद को बचाने के लिए अक्सर झूठी कहानी बनाता है। पुलिस को गुमराह करते हैं। इनसे सच उगलवाने के लिए नार्को टेस्ट किया जाता है। नार्को टेस्ट में साइकोएस्टिव दवाई दी जाती है। जिसे ट्रुथ ड्रग भी कहते हैं। जैसे कि सोडियम पेंटोथल, स्कोपोलामाइन और सोडियम अमाइटल।

    छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को देखते हुए रायपुर में नार्को टेस्ट की सुविधा शुरू की गई है।
    छत्तीसगढ़ में बढ़ते अपराध को देखते हुए रायपुर में नार्को टेस्ट की सुविधा शुरू की गई है।
    सोडियम पेंटोथल कम समय में तेजी से काम करने वाला एनेस्थेटिक ड्रग है। इसका इस्तेमाल सर्जरी के दौरान बेहोश करने में सबसे ज्यादा होता है। ये केमिकल जैसे ही नसों में उतरता है, शख्स बेहोशी में चला जाता है। बेहोशी से उठने के बाद भी आरोपी को पूरा होश नहीं रहता।
    दावा है कि, इस हालत में आरोपी जानबूझकर कहानी नहीं गढ़ सकता, इसलिए सच बोलता है। नार्को टेस्ट में जो ड्रग दिया जाता है, वो बेहद खतरनाक होता है। जरा सी चूक से मौत भी हो सकती है या आरोपी कोमा में भी जा सकता है। यही वजह है कि नार्को टेस्ट से पहले आरोपी की मेडिकल जांच की जाती है।
    इनका नहीं होता नार्को टेस्ट
    अगर आरोपी को मनोवैज्ञानिक, आर्गन से जुड़ी या कैंसर जैसी कोई बड़ी बीमारी है, तो उसका नार्को टेस्ट नहीं किया जाता। नार्को टेस्ट अस्पताल में इसलिए कराया जाता है, ताकि कुछ गड़बड़ होने पर इमरजेंसी की स्थिति में तत्काल इलाज किया जा सके। व्यक्ति की सेहत, उम्र और जेंडर के हिसाब से नार्को टेस्ट की दवाइयां दी जाती है।

About The Author

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

You may have missed