लॉरेंस-बिश्नोई का करीबी गैंगस्टर अमन साव को रायपुर लाया गया:झारखंड से 40 पुलिसकर्मी लेकर पहुंचे; PRA कंस्ट्रक्शन के मालिक पर चलवाई थी गोली

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रायपुर/ लॉरेंस बिश्नोई के करीबी गैंगस्टर अमन साव को झारखंड की जेल से रायपुर लाया गया। रायपुर-झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम सोमवार तड़के पहुंची है। अमन साव पर रायपुर के कारोबारी प्रहलाद राय अग्रवाल पर गोली चलाने का आरोप है। प्रहलाद राय अग्रवाल का तेलीबांधा थाना क्षेत्र में PRA कंस्ट्रक्शन के नाम से ऑफिस है। यहां 13 जुलाई को अमन साव के गुर्गों ने गोली चलाई थी। इस गोलीकांड में अमन साव के अलावा लॉरेंस बिश्नोई का नाम भी सामने आया था। इसी मामले में पूछताछ करने के लिए प्रोटेक्शन वारंट पर अमन साव को लाया गया है।

पांचवीं बार में मिली सफलता

अमन साव को रायपुर प्रोटेक्शन वारंट में लाने पर रायपुर पुलिस को पांचवीं बार में सफलता मिली। इससे पहले चार बार रायपुर पुलिस के अधिकारी प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मांग कर चुके थे, लेकिन हर बार उनकी मांग को नकार दिया जाता था।

शनिवार को दोनों प्रदेश के पुलिस अधिकारियों के बीच चर्चा हुई और उसके बाद प्रोटेक्शन वारंट पर रायपुर लाने की मंजूरी मिली और रविवार की शाम को अमन साव को रायपुर के लिए रवाना किया गया था।

आधुनिक हथियारों से लैस है टीम

पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साव को रायपुर लाने के लिए 10 सदस्यों की टीम पहुंची थी। इस टीम को लीड एसीसीयू प्रभारी कर रहे हैं। टीम के अलावा अमन साव को रायपुर तक पहुंचाने के लिए झारखंड पुलिस की तरफ से 30 सदस्यों की टीम मिली है।

ये टीम हाईटेक हथियारों से लैस है। अमन साव काे रायपुर लाने के बाद कोर्ट में पेश किया जाएगा और वहां से उसकी रिमांड रायपुर पुलिस मांगेगी। रिमांड में लेने के बाद आरोपी से पूछताछ की जाएगी।

अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था।
अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था।

कौन है अमन साव

रिपोर्ट्स के अनुसार, गैंगस्टर अमन साव पहली बार 2019 में गिरफ्तार हुआ था। लेकिन 29 सितंबर 2019 को ही वह फरार हो गया। पुलिस ने उसे 3 साल बाद जुलाई 2022 में दोबारा गिरफ्तार किया। साव अभी झारखंड के गिरिडीह जेल में बंद है। बताया जाता है कि अमन साहू के गिरोह के पास एडवांस हथियार हैं जिसके दम पर वह अपने खौफनाक मंसूबों को अंजाम देते हैं।

झारखंड के कई जिलों में फैला है साव गैंग का नेटवर्क

अमन साव का नेटवर्क धनबाद, रांची, रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, पलामू, लातेहार, बोकारो जैसे झारखंड के तमाम जिलों में फैला हुआ है। साव के रडार पर कोल माइनिंग कंपनियां, कोयला व्यवसायी और ट्रांसपोर्ट फील्ड के बिजनेसमैन रहते हैं।

साव इनको अपना टारगेट बनाकर इनसे रंगदारी की मांग करता है और जो उसकी बात नहीं मानता उसके गुर्गे उस पर गोली चलाकर अपनी बात मनवाते हैं।

गैंगस्टर साव।
गैंगस्टर साव।

50 से अधिक मुकदमे हैं दर्ज

अमन साव ने मात्र 17 साल की उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रख दिया था। गैंगस्टर साव के ऊपर लगभग 50 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं। 9 मई 2023 को एनटीपीसी कोल परियोजना की आउटसोर्स कंपनी ‘ऋत्विक’ के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर शरद कुमार की हत्या भी अमन साव ने करवाई थी।

स्थानीय मीडिया के अनुसार, शरद कुमार से 60 करोड़ की रंगदारी की मांग की गई थी और मांग पूरी नहीं करने पर उनकी हत्या कर दी गई। इसके अलावा गिरिडीह जेल के जेलर पर फायरिंग के आरोप भी अमन साव पर लगे थे।

ढाई साल में साव को नौ बार जेल से शिफ्ट किया गया

पुलिस सूत्रों के अनुसार अमन साव बीते ढाई साल से झारखंड की जेल में बंद है। लेकिन वो जेल से ही पूरे गैंग को ऑपरेट कर रहा है। झारखंड पुलिस गैंगस्टर अमन साव पर प्रतिबंध लगाने में असफल साबित हो रही है। यही वजह है कि पुलिस उसे बार-बार राज्य के अलग-अलग जेलों में ट्रांसफर कर रही है। गैंगस्टर अमन साहू को बीते ढाई साल में नौ बार अलग-अलग जेलों में रखा गया है।

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